फोटो में आंदोलन- रविदास मंदिर गिराए जाने के खिलाफ दिल्ली में रैली

21 अगस्त को हजारों की संख्या में दलित आंदोलनकारियों ने दिल्ली के रामलीला मैदान से तुगलकाबाद तक मार्च किया. आंदोलनकारी तुगलकाबाद स्थित 15वीं शताब्दी के संत रविदास मंदिर को गिराए जाने का विरोध कर रहे थे. शाहिद तांत्रे/कारवां
22 August, 2019

21 अगस्त को हजारों की संख्या में दलित आंदोलनकारियों ने दिल्ली के रामलीला मैदान से तुगलकाबाद तक मार्च किया. आंदोलनकारी तुगलकाबाद स्थित 15वीं शताब्दी के संत रविदास मंदिर को गिराए जाने का विरोध कर रहे थे. सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के बाद 10 अगस्त को दिल्ली विकास प्राधिकरण ने यह मंदिर गिरा दिया था. अखिल भारतीय संत शिरोमणी गुरु रविदास मंदिर संयुक्त संरक्षण समिति के तत्वावधान में देशभर के दलित संगठनों ने आंदोलन में भाग लिया और रविदास मंदिर को दुबारा उसी स्थान पर बनाए जाने की मांग की. मंदिर गिराए जाने के तीन दिन बाद 13 अगस्त को पंजाब में रविदासिया समुदाय ने आंदोलन किया. दिल्ली की रैली की अगुवाई भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर ने की. मंदिर स्थल से कुछ देर पहले पुलिस ने आंदोलनकारियों को रोका और बाद में चंद्रशेखर और अन्य 50 लोगों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने आंदोलनकारियों पर आंसू गैस से हमला भी किया.

दिल्ली के तुगलकाबाद में संत रविदास मंदिर गिराए जाने के विरोध में हजारों लोगों ने रैली निकाली. इस रैली में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और महाराष्ट्र सहित देशभर के कई दलित संगठनों ने भाग लिया. शाहिद तांत्रे/कारवां
रैली में लोग बीआर अंबेडकर और रविदास के पोस्टर लेकर आए थे. पंजाब में रविदास को मानने वालों की बड़ी तादाद है और राज्य में दलितों की आबादी 30 प्रतिशत के आसपास है. शाहिद तांत्रे/कारवां
दिल्ली के रामलीला मैदान से आरंभ हुई रैली की अगुवाई भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर ने की. मंच से चंद्रशेखर ने लोगों से आह्वान किया, “एक-एक ईंट भी यहां आए लोग लगा दें तो एक घंटे में मंदिर दुबारा बन जाएगा.” उनके ऐसा कहने के बाद “जय भीम” और “मंदिर वहीं बनाएंगे” के नारे लगाते लोग तुगलकाबाद की ओर मार्च करने लगे. मंच से तुगलकाबाद चलने का आह्वान करते भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर. ऋषि कोछड़/कारवां
10 अगस्त को दिल्ली विकास प्राधिकरण ने 15वीं शदाब्दी के संत कवि रविदास का मंदिर गिरा दिया था. मंदिर गिराए जाने के खिलाफ पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में दलितों आंदोलन कर रहे हैं. ऋषि कोछड़/कारवां
रैली दिल्ली के बीचों बीच से होकर गुजरी. कांशीराम के बाद पहली बार इस तरह एक होकर दलितों ने दिल्ली में प्रदर्शन किया. शाहिद तांत्रे/कारवां
मंदिर स्थल पहुंचने से पहले पुलिस ने आंदोलनकारियों पर आंसू गैस से हमला किया. जवाब में आंदोलनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया. शाहिद तांत्रे/कारवां
मंदिर स्थल के पास भारी संख्या में पुलिस की मौजूदगी थी. पुलिस ने आंदोलनकारियों को मंदिर स्थल तक नहीं पहुंचने दिया. शाहिद तांत्रे/कारवां