भारतीय उघोग अपने ही मज़दूरों का दम घोंट रहा है. उद्योगों से उठती सिलिका की धूल उनके फेफड़ों को जकड़ कर उन्हें मौत के घाट उतार देती है.
पारिवारिक एल्बमों और अन्य वस्तुओं से बना यह संग्रहालय दक्षिणी मुंबई के ईसाई समाज की सामूहिक स्मृति को दर्शाता है.