भारत के भीतर जो लोकतांत्रिक विरोध सुलग रहा है और जिसे बीजेपी दबाने की पूरी कोशिश कर रही है, ऐसा पाकिस्तान में नहीं हो रहा है. वहां अभी भी वही ज़मींदारी ढांचा है जो विभाजन के वक़्त था.
1960 के दशक में हुई हरित क्रांति ने नए बीज, रासायनिक उर्वरक और कीटनाशकों और नई प्रौद्योगिकियों के प्रयोग पर ज़ोर दिया, जिससे पंजाब के किसानों ने खाद्य उत्पादन में भारी प्रगति की.