चार्ली चैपलिन के प्रति आदिपुर के अटूट प्रेम पर एक नजर

25 जून 2023
16 अप्रैल को वार्षिक उत्सव केक काटने की रस्म के साथ संपन्न होता है. इस बार केक पर चार्ली चैपलिन की तस्वीर बनी थी.
16 अप्रैल को वार्षिक उत्सव केक काटने की रस्म के साथ संपन्न होता है. इस बार केक पर चार्ली चैपलिन की तस्वीर बनी थी.

गुजरात में गांधीधाम के धूप भरे परिदृश्यों के बीच, आदिपुर नामक छोटा सा शहर बसा है - जहां हर 16 अप्रैल को एक असाधारण उत्सव मनाया जाता है. उस दिन, आदिपुर के शहरवासी हास्य अभिनेता और फिल्म निर्माता चार्ली चैपलिन का जन्मदिन मनाने के लिए पूरे उत्साह से साथ आते हैं. इस अनूठी परंपरा की उत्पत्ति अब बुजुर्ग लेकिन जीवंत 73 वर्षीय अशोक आसवानी और चौपलिन के प्रति उनकी गहरी प्रशंसा से हुई है - यह मामला 1966 में शुरू हुआ, जब उन्होंने पहली बार द गोल्ड रश देखी थी. आसवानी आयुर्वेद चिकित्सक हैं.

1993 में रविवार की दोपहर को फोटोग्राफर कवि राय, जो उस समय सात साल के लड़के थे, की नजर दूरदर्शन चैनल के एक टेलीविज़न कवरेज में चार्ली सर्कल फाउंडेशन और सनकी आसवानी पर पड़ी. असवानी के क्लिनिक में एक छोटी सी दीवार शेल्फ थी, जो हिंदू देवताओं को समर्पित थी. शेल्फ पर चौपलिन की एक छोटी मूर्ति भी रखी हुई थी. राष्ट्रीय टेलीविजन पर यह छवि देखकर राय आश्चर्यचकित रह गए. इंग्लैंड में जन्मे एक अभिनेता की विरासत का जश्न मनाने के लिए गुजरात के एक शहर का विचार और उनकी प्रतिमा को पूज्य देवताओं के बराबर रखा जाना, राय को असंभव और आकर्षक दोनों लगा. छवि उनके पास ही रही. 

अशोक आसवानी के क्लीनिक में एक छोटी सी दीवार शेल्फ है, जो हिंदू देवताओं को समर्पित है. शेल्फ पर चैपलिन की एक छोटी मूर्ति भी रखी हुई है.. अशोक आसवानी के क्लीनिक में एक छोटी सी दीवार शेल्फ है, जो हिंदू देवताओं को समर्पित है. शेल्फ पर चैपलिन की एक छोटी मूर्ति भी रखी हुई है..
अशोक आसवानी के क्लीनिक में एक छोटी सी दीवार शेल्फ है, जो हिंदू देवताओं को समर्पित है. शेल्फ पर चैपलिन की एक छोटी मूर्ति भी रखी हुई है.

बाद में, कर्नाटक के मणिपाल में कंप्यूटर एप्लीकेशन में अपनी मास्टर डिग्री पूरी करने और महामंदी के दौरान नौकरी के एक चुनौतीपूर्ण बाजार का सामना करने के बाद, राय ने ग्राफिक डिजाइन और विज्ञापन में कदम रखा. समय के साथ, उन्हें लगा कि वह उसी चीज़ में फंस गए हैं जो उन्हें लगता था कि डेस्क जॉब से अलग नहीं है. फ़ोटोग्राफ़ी के जुनून को हमेशा पृष्ठभूमि में रखते हुए, राय गए और डॉक्यूमेंट्री फ़ोटोग्राफ़ी में डिग्री हासिल की. उनकी जिज्ञासा उन्हें आसवानी और फाउंडेशन तक वापस ले गई.

पुरानी यादों और मनमोहक उत्सव का पता लगाने और उसका दस्तावेजीकरण करने की इच्छा से प्रेरित होकर, राय ने आदिपुर की यात्रा शुरू की. आसवानी का पालन-पोषण एक ऐसे कस्बे में हुआ, जिसे शुरुआत में 1947 में विभाजन के बाद एक शरणार्थी शिविर के रूप में स्थापित किया गया था. कच्छ के महाराजा ने पाकिस्तान से आए शरणार्थियों को बसने के लिए भूमि दान में दी थी और आदिपुर शहर का निर्माण हुआ. दुःख और हानि के इस समय के दौरान, आसवानी का जन्म एक स्थानीय फार्मासिस्ट के घर हुआ. अपने आस-पास के लोगों के जीवन में हंसी और खुशी लाने का उनका जुनून आदिपुर के छोटे से शहर को उसकी अनोखी दीवानगी ने वैश्विक मानचित्र पर ला गया. बड़ी संख्या में चार्ली चैपलिन के प्रशंसक और बहुरूपिए इस शहर की दीवानगी बन गई. शुरूआती असफलताओं का सामना करने के बावजूद, जैसे कि शैली, पद्धति और अनुशासन पर विवाद के बाद अपने शिक्षक गोवर्धन असरानी पर हमला करने के लिए पुणे के फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से बाहर निकाल दिया जाना. लेकिन उन्होंने कभी भी अपने सपनों को ओझल नहीं होने दिया. अपने पिता के कहने पर उन्होंने एक पंजीकृत चिकित्सक बनने के लिए अध्ययन किया. हालांकि कोई यह सोचेगा कि इससे चैपलिन के साथ उनकी व्यस्तता और अभिनय के प्रति जुनून ख़त्म हो गया होगा. लेकिन आसवानी ने इसे अपनी चिकित्सा पद्धति का हिस्सा बना लिया. उन्होंने स्थानीय बच्चों और थिएटर प्रेमियों के लिए अभिनय कार्यशालाएं आयोजित कीं. जैसे-जैसे अधिक लोग शामिल हुए, कार्यशालाएं चार्ली सर्कल फाउंडेशन में विकसित हुईं. अपने वार्षिक उत्सव के दौरान, पूरा शहर जीवंत हो उठता है, लोग चैपलिन के रूप में तैयार होते हैं, उनकी हरकतों की नकल करते हैं और पूरे शहर में खुशी फैलाते हैं.

कवि राय मंगलुरु और पोर्टलैंड में स्थित एक स्वतंत्र फोटोग्राफर हैं.

Keywords: performing arts mimicry cinema Ayurveda Indian Theatre
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