असम के गांव में बीजेपी विधायकों ने बनाया मुसलमानों को निशाना, अवैध बसेरा बता घरों को किया जमींदोज

18 जनवरी 2021
असम के सोनितपुर जिले के भारासिंग्री गांव के मुस्लिम निवासी, 20 अक्टूबर को जिला प्रशासन द्वारा ढहा किए गए अपने घरों से अपना सामान निकालते हुए. कई स्थानीय लोगों ने कहा कि जिला प्रशासन मुसलमानों को बदनाम करने और उनके घर ढहाने में बीजेपी नेताओं के इशारे पर काम कर रहा था.
महिबुल हक
असम के सोनितपुर जिले के भारासिंग्री गांव के मुस्लिम निवासी, 20 अक्टूबर को जिला प्रशासन द्वारा ढहा किए गए अपने घरों से अपना सामान निकालते हुए. कई स्थानीय लोगों ने कहा कि जिला प्रशासन मुसलमानों को बदनाम करने और उनके घर ढहाने में बीजेपी नेताओं के इशारे पर काम कर रहा था.
महिबुल हक

20 अक्टूबर को असम के सोनितपुर जिले के प्रशासन ने कोविड-19 महामारी के बीच भारासिंग्री गांव के 64 मुस्लिम परिवारों के घर ढहा दिए, जिससे 500 से अधिक लोग बेघर हो गए. भारासिंग्री के रहने वालों ने कहा कि असम पुलिस के साथ कई अर्धसैनिक बल और प्रशासन के लोग गांव में घुसे, उन्हें घरों से बेदखल कर दिया और घरों पर जेसीबी चला दिया. भारतीय जनता पार्टी द्वारा चलाए गए एक अभियान के तहत यह विध्वंस किया गया था. ग्रामीणों पर राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर में शामिल होने के बावजूद "अवैध बांग्लादेशी" होने का आरोप लगाया गया.

कई स्थानीय लोगों ने कहा कि जिला प्रशासन मुसलमानों को बदनाम करने और उनके घर ढहाने में बीजेपी नेताओं के इशारे पर काम कर रहा था. सरकार के प्रतिनिधियों ने हमें बताया कि यह उन लोगों की कानूनी बेदखली थी जिन्होंने सरकारी जमीन पर कब्जा किया हुआ था. लेकिन कारवां के पास कई ऐसे दस्तावेज हैं जो दिखाते हैं कि जमीन कानूनी रूप से मुस्लिम लोगों की है. स्थानीय लोगों ने यह भी बताया कि प्रशासन ने घर ढहाने से पहले की जाने वाली किसी भी कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया.

5 अगस्त को उत्तर प्रदेश के अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राम मंदिर की आधारशिला रखी थी. उसी दिन हिंदू राष्ट्रवादियों ने देश के कई हिस्सों में कई कार्यक्रम आयोजित किए और कई जगह मुस्लिम समुदायों से टकराव भी हुआ.

सोनितपुर जिले में रामसेना और बजरंग दल ने भारासिंग्री के पास हर गौरी मंदिर में एक मोटरसाइकिल यात्रा निकाली. मंदिर जाने का रास्ता मुस्लिम इलाके से होकर गुजरता है और मंदिर तक जाने वाली सड़क एक वार्ड सदस्य सिकंदर अली की जमीन पर बनी है.

भारासिंग्री के स्थानीय निवासियों ने मुझे बताया कि मुस्लिम इलाके से गुजरने के दौरान हिंदू भीड़ अनियंत्रित और भिड़ने के मिजाज में थी. सिकंदर ने कहा, "बजरंग दल और राम सेना के लोग गुस्से में थे. उन्होंने हमारे गांव के लोगों को उकसाया. वे यहां किसी घटना को अंजाम देने की योजना से आए थे और उन्होंने ऐसा किया भी. उन्होंने मस्जिद और लोगों के घरों में पटाखे फेंके. उन्होंने लोगों के घरों के सामने जोर-जोर से गाने भी बजाए." गांव वालों और दक्षिणपंथी हिंदू संगठनों के बीच थोड़ी हाथापाई हुई लेकिन दोनों ही तरफ से कोई गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ.

महिबुल हक असम के बाहर रहने वाले एक स्वतंत्र पत्रकार हैं. वह पहले अलजजीरा और TwoCircles.net के लिए लिख चुके हैं. वह एसईईडी-टीसीएन पत्रकारिता प्रशिक्षुता कार्यक्रम में जर्नलिज्म फेलो हैं.

Keywords: NRC Assam Muslim Atrocities Babri Masjid BJP
कमेंट