आजादी का इजहार

गंगटोक का स्केटबोर्डिंग कल्चर

गंगटोक में लाल बाजार की छत पर स्केटबोर्डिंग करने के बाद अपने फटे जूतों के साथ आराम करती एक स्केटर.
तस्वीरें और आलेख Kunga Tashi Lepcha
25 January, 2023
एलबी टेरेस का एक नजारा. यह शहर की बची कुछ खुली जगहों में से है जहां स्केटबोर्डिंग ग्रुप इकट्ठा होते हैं.
एक क्वारर्टर पाइप रैंप (इसे स्केटबोर्डिंग के लिए इस्तेमाल किया जाता है) जिसे स्केटर्सों ने डिजाइन किया है.
तेनजिंग भूटिया के स्केटबोर्ड की एक तस्वीर जिसमें लिखा है, "From Addicted to Konnected" उनकी अपनी स्केटबोर्डिंग यात्रा को बयां करता है.
25 साल के तेनजिंग भूटिया के सीने पर टैटू है. तेनजिंग लंबे समय तक नशे की गिरफ्म में रहे. उन्हें इससे निजात पाना मुश्किल लग रहा था. जल्द ही उन्होंने स्केटिंग करना शुरू कर दिया. समुदाय परिवार की तरह हो गया : उनके बारे में सोचने लगा, उनकी देखभाल करने लगा. अब वह नशे की कैद से आजाद हैं. स्केटबोर्डिंग ने उनके जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
अचानक हुई बारिश से बच कर भागता हुआ स्केटिंग करने के लिए जगह की तलाश कर रहा युवाओं का एक ग्रुप.
ग्रैफिटी से भरी एलबी टेरेस की एक दीवार. यह स्केटबोर्डिंग समुदाय के सदस्यों के नाम और उनके ग्रुप के शुरुआती अक्षरों को इंगित करता है. जब पहली बार ग्रुप का गठन किया गया था तो उन्होंने खुद को "स्केट कनेक्ट" कहा.
दो स्केटर्स- 19 साल के चेचे और 21 के पासांग- हल्के-फुल्के पल बिताते हुए. दोनों ने स्केटिंग के जरिए दोस्ती की है.
एलबी टेरेस में ग्रुप अपने एक सदस्य का जन्मदिन मनाता हुआ.
एलबी टेरेस में ग्रुप के सीनियर सदस्य जोसेफ सुब्बा के बालों की ब्रेडिंग और स्टाइलिंग करती चेचे.
31 साल के जोसेफ सुब्बा सेरेब्रल पाल्सी से पीड़ित हैं और स्केटबोर्ड नहीं करते हैं. हालांकि, वह अभी भी उस ग्रुप का एक अभिन्न अंग हैं जो युवा सदस्यों की देखभाल करता है.
19 साल के त्सेटेन भूटिया ने महामारी के बाद से स्केटिंग के लिए छत पर स्केटिंग के लिए आना बंद कर दिया था.
अधूरे बने किकर रैंप पर बैठे 20 साल के मोहम्मद तारिक.
2019 में एलबी टेरेस पर बने क्वार्टर पाइप रैंप पर बैठा 15 साल का नोरबू भूटिया.
एलबी टेरेस पर स्केटबोर्ड के पहियों के निशान.
एलबी टेरेस पर एक करतब दिखाने की कोशिश में स्केटबोर्ड से गिर पड़ने के बाद आराम करते 18 साल के फुरबा भूटिया.
एक सा​थी स्केटर का जन्मदिन मनाने एक चाय की दुकान पर जुटे स्केटबोर्डिंग ग्रुप के युवा.
18 साल के नोरबू भूटिया ग्रुप के सबसे कम उम्र के सदस्यों में से हैं, 20 साल के मोहम्मद तारिक एक होनहार स्केटबोर्डर हैं.
एलबी टेरेस पर बना एक फ्लैट बार रेल, जिसे स्केटरों ने करतब दिखाने के लिए डिजाइन किया है.
2018 में गंगटोक में "गो स्केटबोर्डिंग डे" के दौरान करतब दिखाने के लिए पानी की बोतलों के साथ एक स्केटबोर्ड का इस्तेमाल किया गया.
क्षतिग्रस्त क्वार्टर पाइप रैंप. महामारी और उसके बाद के लॉकडाउन के कारण, बहुत से लोगों ने स्केटिंग करने के लिए छत पर आना बंद कर दिया. समय के साथ समुदाय द्वारा बनाए गए कई सामान क्षतिग्रस्त हो गए.
चेचे के गुंथे हुए बाल. स्केटबोर्डिंग ग्रुप अक्सर आम चलन से हट कर कपड़े पहनता है.
एक गलत करतब करने से हुए दर्द में अपने पैर को देखता एक सदस्य.
दिन भर के अभ्यास के बाद फर्श पर बैठा एक स्केटबोर्डर.
करतब दिखाने के लिए दो स्केटबोर्ड का इस तरह इस्तेमाल किया जा रहा है.
एलबी टेरेस से एक नजारा, जो धीरे-धीरे युवा स्केटबोर्डर्स के लिए एक सुरक्षित स्थान बन गया है.

सितंबर 2018 में गंगटोक में स्केटबोर्डिंग ग्रुप के एक मेंबर ने मुझे एक कार्यक्रम की तस्वीर लेने का बुलावा भेजा. शहर में इस छोटी बिरादरी और स्केटबोर्डिंग संस्कृति से यह मेरी पहली मुलाकात थी. बाद के महीनों में मैं ग्रुप के साथ और अधिक जुड़ने लगा और 2019 में मैंने इस पर एक फोटोग्राफी प्रोजेक्ट के रूप में काम करने का फैसला किया. 

अपने फोटोग्राफी के काम में, मुझे विषय के साथ निजी संबंध महसूस करना बहुत जरूरी लगता है- यही चीज मुझे किसी काम को करने के लिए आकर्षित करती है. मैंने गंगटोक में स्केटबोर्डरों की रोजमर्रे की जिंदगी को देखा. मुझे अपनी जवानी के संघर्षों की गूंज इसमें सुनाई दी. मैंने पाया कि मैं इस शहर में पलने-बढ़ने के उनके अनुभवों से जुड़ सकता हूं. गंगटोक में युवाओं के लिए सुविधाओं और खुली जगहों की बेहद कमी है. उत्पादक या रचनात्मक तरीकों पर अपनी ऊर्जा को दिशा देने के लिए उनके पास बहुत सीमित मौके हैं. सार्वजनिक जगहें, जहां वे अपने खाली समय में मिल सकते हैं, मुश्किल से मिलती हैं. कई युवा नशे में डूब जाते हैं. मैं इसी तरह बड़ा हुआ. मैंने खुद लोगों को ड्रग्स की ओवरडोज लेते देखा है और दोस्तों को खोते देखा है. सिक्किम में पूरे देश के मुकाबले आत्महत्या की दर सबसे ज्यादा है- प्रति एक लाख लोगों पर 37.5- जो भारतीय औसत 10.6 से बहुत आगे है.

जब मैं स्केटबोर्डिंग संस्कृति से परिचित हो गया, तो मुझे एहसास हुआ कि यह शहर के गहरे अंधेरे बीच उजाले की तरह है. यह एक नई जगह को बढ़ावा देने और अपनी बाधाओं के बावजूद शहर में कुछ सकारात्मक करने की कोशिश है. गंगटोक एक छोटा पहाड़ी शहर है. समय के साथ यह बड़ा और घना हो गया है. यहां आम जनता के लिए मुश्किल से ही कोई जगह बची है. यह शहर सुपरमार्केट, दफ्तरी इमारतों, होटलों और पर्यटकों के खानपान की जगहों का एक कंक्रीट का जंगल है क्योंकि यह पर्यटन पर बहुत निर्भर है. जनता के लिए गंगटोक मुख्य शहर में एकमात्र संभावित खुली जगह लाल बाजार क्षेत्र में एक सुपरमार्केट के ऊपर एक छत है, जिसे एलबी टेरेस के नाम से जाना जाता है. यहीं पर गंगटोक के कई युवा आते हैं और अपना समय बिताते हैं.

यहीं पर स्केटबोर्डिंग की छोटी सी बिरादरी मिलती रही है और स्केट करने की कोशिश करती है. जब मैंने देखा कि ये युवा हर दिन अभ्यास करने आते हैं, तो मुझे यह किसी आशावाद से कम नहीं लगा. वे कुछ नया बनाने के लिए अपने सीमित विकल्पों का उपयोग कर रहे हैं. मैं इस बात पर रोशनी डालना चाहता हूं कि नौजवान अपने जीवन के साथ जो करते हैं, उसे बदलने के लिए इस एक जगह ने कैसे शुरुआत की. तीन सालों के दौरान, मैंने एलबी टेरेस पर जाकर स्केटबोर्डरों से बात करते हुए और उनकी तस्वीरें खींचते हुए कई दिन बिताए. धीरे-धीरे हम दोस्त बने और मैं उनकी बिरादरी का हिस्सा बन गया. इस परियोजना के माध्यम से, मुझे उम्मीद है कि उन्हें अधिक लोगों तक पहुंचने में मदद मिलेगी और किसी दिन एक उचित स्केटिंग पार्क होने के उनके सपने को साकार करने में मदद मिलेगी.

एलबी टेरेस की खुद की प्रतिष्ठा खराब है. विकल्पों की कमी को देखते हुए, यह वह जगह है जहां युवा लोग अक्सर मिलते हैं और ब्राउन शुगर, वीड या ओपिओइड का सेवन करते हैं. जल्द ही यह जगह "खराब" जगह के रूप में जाने जाने लगी. मां-बाप अपने बच्चों को इससे दूर रहने के लिए कहते. गंगटोक में ड्रग्स का इस्तेमाल समय के साथ बढ़ता ही जा रहा है. लेकिन, पहली बार, युवाओं का एक ग्रुप, जो नशे में नहीं है, कुछ अलग करने के लिए इस जगह का इस्तेमाल कर रहा है. एक तरह से वे इस जगह की कहानी बदल रहे हैं.

लेकिन इसकी चुनौतियां भी हैं. समुदाय को कभी-कबार पुलिस परेशान भी करती है. इलाके में गश्त करने वाली पुलिस अक्सर उनके स्केटबोर्ड को अवैध घोषित करते हुए जब्त कर लेती है. वे कहते हैं कि यह स्थान स्केटबोर्ड के लिए खतरनाक है क्योंकि इसमें बाड़ा नहीं है. स्थानीय लोगों में यह भी धारणा है कि ये युवा उपद्रवी हैं. स्केटबोर्डिंग समुदाय के सदस्य अक्सर पॉप और स्ट्रीट कल्चर में होते हैं और जिस तरह से वे कपड़े पहनते हैं वे गैर-परंपरावादी होते हैं. जिससे इस अवधारणा को बल मिलता है कि वे विद्रोही हैं और उन्हें "बर्बाद" बच्चों के रूप में चित्रित किया जाता है. हालांकि, कुछ स्थानीय लोगों ने अब धीरे-धीरे यह मानना शुरू कर दिया है कि सच्चाई इसके उलट है. इन धारणाओं को अगर सच में कोई चीज मजबूती से बदल सकती है तो वह है स्केटबोर्डिंग के लिए एक समर्पित स्थान.

कुछ आधिकारिक वैधता हासिल करने के लिए, समुदाय ने हाल ही में एक संगठन, ऑल सिक्किम स्केटबोर्डिंग एसोसिएशन पंजीकृत किया है. चूंकि कोई औपचारिक प्रशिक्षक नहीं हैं, इसलिए अधिकांश युवाओं ने ऑनलाइन वीडियो के जरिए स्केटिंग करना सीखा है. वे अधिक संसाधनों या बाहरी समर्थन के बिना अभ्यास जारी रखते हैं. उन्होंने स्केटबोर्डिंग रैंप बनाने के लिए खुद के पैस खर्च किए और बढ़ई का काम खुद किया. इस साल सदस्यों में से एक ने गुजरात में एक राष्ट्रीय खेल आयोजन में भाग लिया. हर साल, वे "गो स्केटबोर्डिंग डे" भी मनाते हैं. यह दुनियाभर के स्केटबोर्डिंग ग्रुपों द्वारा मनाया जाने वाला दिन है.

गंगटोक के स्केटबोर्डर्स की कहानी उनके स्केटबोर्डिंग कौशल से कहीं ज्यादा है. समुदाय के सभी सदस्य स्केटबोर्डिंग में निपुण नहीं हैं या कि वे पेशेवर रूप से स्केटबोर्ड करने की इच्छा रखते हैं. फिर भी वे एक समुदाय का हिस्सा महसूस करने के लिए इस स्थान पर आते हैं. कइयों के माता-पिता का तलाक हो गया है. कई की पारिवारिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है. उनकी उम्र 15 से 25 के बीच है. उनके लिए एलबी टेरेस खुद रहने और इससे जुड़ने के लिए एक सुरक्षित स्थान बन गया है. अगर एक छोटी सी जगह जो स्केटबोर्डिंग के लिए भी नहीं है, एक नई जिंदगी दे सकती है, तो कोई केवल कल्पना ही कर सकता है कि एक बड़ा समर्पित स्थान क्या कर सकता है.

युवाओं को नशीले पदार्थों से कैसे दूर किया जाए, इस बारे में सिक्किम में कई सार्वजनिक चर्चाएं होती हैं. कोई किसी बच्चे को केवल कुछ महीनों के लिए किसी संस्थान में भेज कर तुरंत बदलाव की उम्मीद नहीं कर सकता है. उनकी ऊर्जा को दिशा देने के लिए कुछ अन्य गतिविधि उपलब्ध होना जरूरी है. स्केटबोर्डिंग समुदाय ऐसा करने में सक्षम है. और वह राज्य की सहायता के बिना ऐसा करता है. यही बात उनकी कहानी को महत्वपूर्ण बनाती है. इससे पता चलता है कि हमें युवाओं के लिए ज्यादा खुले स्थान रखने चाहिए और एक समुदाय और एक व्यक्ति के चरित्र के निर्माण पर ध्यान देने की जरूरत है.

जब मैंने पहली बार 2019 में ग्रुप की तस्वीरें लेना शुरू किया, तो तस्वीरें थोड़ी अप्राकृतिक लगीं. वे फोटो खिंचवाने के आदी नहीं थे और कभी-कभी शर्माते भी थे. मैं तुरंत रिश्ते बनाने में माहिर नहीं था. इसमें मुझे लगभग पांच महीने लगे. निजी परियोजनाओं के तौर पर, मैं इसे आराम से करना पसंद करता हूं. अपने नजरिए में मुझे काम में कोमलता की भावना रखना और अंतरंगता दिखाना पसंद है, यह जानने के लिए कि समुदाय अपने स्थान पर कैसे मौजूद है.

मेरी पसंदीदा तस्वीरों में से एक है छत पर एक युवक के बालों की चोटी बनाती एक लड़ेकी की तस्वीर. मुझे दोनों के बीच का संबंध पसंद है. मुझे लगा कि उसमें मैं अदृश्य होकर भी उनका एक हिस्सा बन गया. मैं नहीं चाहता था कि मेरी मौजूदगी का पता चले. इस फोटो की लड़की मेरे कैमरे से आजाद है. एक अर्थ में, खेल भी ऐसा ही है- गंगटोक के इस छोटे से समुदाय के लिए, स्केटबोर्डिंग आजादी का इजहार है. मैं अपने खुद के अभ्यास से ऐसा ही महसूस करता हूं. जब मैं तस्वीरें ले रहा होता हूं, तो मैं आजाद महसूस करता हूं. जब ये युवा स्केटिंग करते हैं तो वे भी अपनी स्केटबोर्डिंग के अलावा कुछ नहीं सोचते. उस अर्थ में, मैं उनसे एक रिश्ता महसूस कर सकता था. कई मायनों में, फोटोग्राफी की तरह, स्केटबोर्डिंग एक कला है, खुद के इजहार का एक रूप जो सशक्त और मुक्त दोनों हो सकता है.