आइजॉल में खोवेइवे सियोन सिनेगॉग में रखी एक यहूदी प्रार्थना पुस्तक.
आइजॉल में खेई हुई जनजाति के एक सदस्य बेन त्ज़ियन फनाई का अंतिम संस्कार. मुझे बताया गया था कि मृत व्यक्ति की आंखों पर रखे गए सिक्के उस अनुष्ठान का हिस्सा थे जो इस क्षेत्र में अन्य यहूदियों द्वारा किया जाता था.
“लुप्तप्राय जनजाति” समूह के एक सदस्य बेन त्जियन फनाई को आइज़ोल में एक अंतिम संस्कार में दफनाया गया था. मिजोरम में इन समुदायों के कई सदस्यों की तरह फनाई का जन्म एक ईसाई परिवार में हुआ था और बाद में उन्होंने यहूदी धर्म अपना लिया.
मिजोरम की राजधानी आइजॉल में ईसाई आबादी बहुमत में है. इस क्षेत्र में यहूदी समुदाय में कई लोग ईसाई धर्म से परिवर्तित हुए हैं.
सब्बाथ थांगा (बाएं) आइज़ोल में शाब्बत सेवाओं के दौरान शालोम त्ज़ियन यहूदी प्रार्थना स्थल के अन्य सदस्यों के साथ एक प्रार्थना पुस्तक पढ़ते हुए. थंगा का जन्म म्यांमार में हुआ था और वह लॉस्ट ट्राइब मंडली से यहूदी धर्म की प्रथाओं को सीखने के लिए आइजॉल आया था.
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