पिछसे महीने जुलाई में जयपुर स्थित अंबागढ़ किले पर जय श्रीराम लिखा भगवा झंडा फहराया गया. किले में राजस्थान के मीणा समाज की देवी अंबा माता का मंदिर है. आदिवासी मीणा समाज इस मंदिर को पवित्र मानता है. समाज के लोगों का दावा है कि भगवा झंडा विश्व हिंदू परिषद और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्यों ने फहराया था. साथ ही मीणा इसे अपनी मान्यताओं का अपमान बता रहे हैं.
दि वायर के अनुसार हिंदुत्वादी संगठन युवा शक्ति मंच ने वहां झंडा फहराया था. मैंने राजस्थान विहिप के पूर्व अध्यक्ष और अखिल भारतीय विशेष संपर्क शाखा के अध्यक्ष नरपत सिंह शेखावत से बात की. उन्होंने स्वीकार किया कि संघ के सदस्यों ने भगवा झंडा फहराया था. उन्होंने मुझसे कहा, "भारत में भगवा झंडा फहराने का अधिकार है."
हालांकि मीणा नेता इस घटना को आदिवासी समुदाय का भगवाकरण करने की कोशिश बता हैं. मीणाओं के अधिकारों के लिए काम करने वाले संगठन राजस्थान आदिवासी मीणा सेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष और कांग्रेस निर्दलीय विधायक रामकेश मीणा ने मुझे बताया, "यह हमारे पवित्र किले पर कब्जा करने और हमारी आदिवासी संस्कृति को मिटाने की आरएसएस और बीजेपी की सुनियोजित साजिश है." उनका मानना है कि यह घटना आदिवासियों को हिंदू पाले में करने की आरएसएस और हिंदू दक्षिणपंथी समूहों का प्रयास है.
रामकेश ने बताया कि फरवरी 2020 में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने आरएसएस के सदस्यों से आदिवासियों को जनगणना में अपनी धार्मिक पहचान हिंदू लिखावाने का आग्रह करने को कहा था. 2011 की जनगणना के अनुसार राजस्थान की जनसंख्या में 13.4 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति के लोग हैं. इनमें मीणा समुदाय सबसे बड़ा है. वे राज्य में राजनीतिक रूप से सबसे अधिक प्रभावशाली जनजातियों में से हैं. 200 सदस्यों वाली राजस्थान की विधानसभा में 18 मीणा विधायक हैं.
22 जुलाई को कुछ लोगों ने किले से भगवा झंडा उतार दिया. इसे उतारते समय झंडा फट गया और सोशल मीडिया पर फटे हुए झंडे का एक वीडियो शयर होने लगा और हिंदू संगठन आक्रोशित हो गए. घटना से जुड़ी मीडिया रिपोर्टों ने बताया है कि मीणा समुदाय के सदस्यों द्वारा झंडा नीचे उतार दिया गया था.
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