विनयपुर, बागपत में मुस्लिम किसान की हत्या क्या सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने की साजिश है?

दाऊद अली पर इसी जगह 23 सितंबर को हमला किया गया था.
कारवां के लिए सीके विजयकुमार
दाऊद अली पर इसी जगह 23 सितंबर को हमला किया गया था.
कारवां के लिए सीके विजयकुमार

2 सितंबर 2022 को रात करीब 10 बजे उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के विनयपुर गांव में 50 साल के दाऊद अली अपने घर के बाहर बैठे हुए थे. इससे एक महीने पहले 3 अगस्त को दाऊद के भाई की मौत बीमारी से हुई थी और लोग अब तक उनसे मिले आ रहे थे. उनके साथ भतीजा नईम और अमजद और पड़ोसी अकरम भी बैठे थे. तभी 7-8 मोटर साइकल पर सवार करीब 18 हथियारधारी नौजवानों ने उन पर हमला बोल दिया. हमालवर नौजवान पास के भगौट गांव से आए थे. ये लड़के जय श्रीराम का नारा लगा रहे थे. धारधार हथियारों और तमंचों से हुए इस हमले में दाऊद अली गंभीर रूप से घायल हो गए. घायल दाऊद को ईलाज के फैमिलीहेल्थ अस्पताल मेरठ ले जाया गया जहां ईलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई.

यह हमला अचानक हुआ था. अफरातफरी में नईम, अमजद और पड़ोसी तो बच कर भाग पाए लेकिन दाऊद वहीं फंसे रह गए.

बीबीसी की एक रिपोर्ट में एक स्थानीय हिंदूवादी कार्यकर्ता अंकित बडोले ने दावा किया कि विनयपुर गांव के पास के गांव रटौल में हिंदू लड़की को बाल पकड़ कर खींचा गया था. जिन्होंने ऐसा किया था उनमें मुस्लिम समाज के बहुत सारे लड़के थे. बडोले ने बीबीसी से कहा, उनमें बालिग-नाबालिग दोनों थे. उन्होंने लड़कियों के बाल पकड़ कर खींचा, लड़की के भाइयों को भी पीटा."

बडोले ने बताया कि इस घटना पर पुलिस ने उचित कार्रवाई नहीं की और पुलिस ने "एक-दो को जेल भेजा लेकिन बाकियों को छोड़ दिया. समाज के अंदर ऐसी घटनाओं से आक्रोश पनपता है धीरे-धीरे. हिंदू समाज को लगता है कि उसे दबाया जा रहा है. अगर प्रशासन ऐसी घटनाओं में कार्रवाई नहीं करेगा तो जनता को कानून हाथ में लेना ही पड़ेगा."

उस रिपोर्ट के मुताबिक, भगौट गांव के युवाओं में इस घटना के बाद से ही आक्रोश था और हो सकता है कि हत्या की वजह यह रही हो.

सुनील कश्यप कारवां के स्टाफ राइटर हैं.

सीके विजयकुमार कारवां के मल्टीमीडिया प्रोड्यूसर हैं.

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