जमशेदपुर के शास्त्रीनगर के रहने वाले मोहम्मद औरंगजेब उर्फ मिस्टर और आरजू का आरोप है कि 26 अगस्त को कदमा थाना पुलिस ने हिरास्त में उनके साथ मारपीट की, जाति और धर्म सूचक गालियां दी और जबरन समलैंगिक संबंध बनाने का दबाव डाला.
औरंगजेब को 26 अगस्त को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. उस पर पुलिस ने आरोप लगाया कि जमशेदपुर के धतकीडीह के रहने वाले अपने एक दोस्त 24 साल के शहबाज की मदद शास्त्रीनगर की एक युवती को “अगवा करने” में की है. शहबाज और युवती बालिग हैं.
कदमा थाना पुलिस के मुताबिक इस मामले में लड़की वालों की तरफ से 23 अगस्त को “अगवा किए जाने” की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. फिर बाद में 25 अगस्त को लड़की वालों की ही तरफ से शहबाज उर्फ मानो के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई. भारतीय दंड संहिता की धारा 366 (किसी लड़की को बहला-फुसलाकर ब्याह की नियति से अगवा करना) के तहत मामला दर्ज किया गया. पुलिस जांच के दौरान “नॉन एफआईआर अक्क्यूस्ड” अथवा गैर प्राथमिकी आरोपी के तहत इरशाद अंसारी नाम के एक युवक की गिरफ्तारी हुई है, जिसे न्यायिक हिरासत में भेजा दिया गया है.
पुलिस का इस मामले में कहना है कि उसने अपनी जांच और लड़की वालों के संदेह के आधार पर आरोपी युवक के भाई शहनवाज उर्फ मानू और उसके दो दोस्तों, आरजू और मोहम्मद औरंगजेब, को पूछताछ के लिए 26 अगस्त को थाना बुलाया था और उसी रात 10 बजे सभी को छोड़ दिया गया क्योंकि “पुलिस के पास कोई रिलिवेंट एविडेंस (महत्वपूर्ण साक्ष्य) नहीं था.”
पुलिस यह भी दावा कर रही है कि उनके साथ न तो मारपीट की गई और न ही किसी तरह का कोई दुर्व्यवहार किया गया. लेकिन 29 वर्षीय औरंगजेब और 26 वर्षीय आरजू दोनों ने कहा कि पुलिस ने उनको टॉर्चर किया. साथ ही आरोपी युवक का भाई 25 वर्षीय शहनवाज भी पुष्टी करता है कि आरजू और औरंगजेब के साथ पुलिस ने मारपीट और टॉर्चर किया.
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