झारखंड पुलिस ने थाने में किया टॉर्चर, समलैंगिक संबंध बनाने को किया विवश : गिरफ्तार मुस्लिम युवकों का आरोप

16 सितंबर 2021
औरंगजेब और आरजू ने वरीय पुलिस अधीक्षक के समक्ष अपनी शिकायत में कहा है, “मुझे गोली मारकर (एन)काउंटर कर देने का भय दिखा कर अप्राकृतिक यौनाचार करने का भरसक प्रयास किया गया तथा मेरा पैंट खोल कर मेरे साथ एक अन्य युवक औरंगजेब तथा मुझे एक दूसरे के साथ अप्राकृतिक यौनचार करने के लिए विवश करते रहे. नहीं करने तथा इनकार करने पर चप्पल एवं जूते से मुंह तथा होंठ पर मलमुत्र लगाकर बुरी तरह से पीटा गया.” (प्रतीकात्म फोटो : 15 अप्रैल 2009 को पहले चरण के आम निर्वाचन के दौरान रांची से 200 किलोमीटर सतगावन में चुनाव नियंत्रण कक्ष के बाहर तैनात पुलिस कर्मी.)
देशकल्याण चौधरी / एएपपी / गैटी इमेजिस
औरंगजेब और आरजू ने वरीय पुलिस अधीक्षक के समक्ष अपनी शिकायत में कहा है, “मुझे गोली मारकर (एन)काउंटर कर देने का भय दिखा कर अप्राकृतिक यौनाचार करने का भरसक प्रयास किया गया तथा मेरा पैंट खोल कर मेरे साथ एक अन्य युवक औरंगजेब तथा मुझे एक दूसरे के साथ अप्राकृतिक यौनचार करने के लिए विवश करते रहे. नहीं करने तथा इनकार करने पर चप्पल एवं जूते से मुंह तथा होंठ पर मलमुत्र लगाकर बुरी तरह से पीटा गया.” (प्रतीकात्म फोटो : 15 अप्रैल 2009 को पहले चरण के आम निर्वाचन के दौरान रांची से 200 किलोमीटर सतगावन में चुनाव नियंत्रण कक्ष के बाहर तैनात पुलिस कर्मी.)
देशकल्याण चौधरी / एएपपी / गैटी इमेजिस

जमशेदपुर के शास्त्रीनगर के रहने वाले मोहम्मद औरंगजेब उर्फ मिस्टर और आरजू का आरोप है कि 26 अगस्त को कदमा थाना पुलिस ने हिरास्त में उनके साथ मारपीट की, जाति और धर्म सूचक गालियां दी और जबरन समलैंगिक संबंध बनाने का दबाव डाला.

औरंगजेब को 26 अगस्त को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. उस पर पुलिस ने आरोप लगाया कि जमशेदपुर के धतकीडीह के रहने वाले अपने एक दोस्त 24 साल के शहबाज की मदद शास्त्रीनगर की एक युवती को “अगवा करने” में की है. शहबाज और युवती बालिग हैं.

कदमा थाना पुलिस के मुताबिक इस मामले में लड़की वालों की तरफ से 23 अगस्त को “अगवा किए जाने” की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. फिर बाद में 25 अगस्त को लड़की वालों की ही तरफ से शहबाज उर्फ मानो के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई. भारतीय दंड संहिता की धारा 366 (किसी लड़की को बहला-फुसलाकर ब्याह की नियति से अगवा करना) के तहत मामला दर्ज किया गया. पुलिस जांच के दौरान “नॉन एफआईआर अक्क्यूस्ड” अथवा गैर प्राथमिकी आरोपी के तहत इरशाद अंसारी नाम के एक युवक की गिरफ्तारी हुई है, जिसे न्यायिक हिरासत में भेजा दिया गया है.

पुलिस का इस मामले में कहना है कि उसने अपनी जांच और लड़की वालों के संदेह के आधार पर आरोपी युवक के भाई शहनवाज उर्फ मानू और उसके दो दोस्तों, आरजू और मोहम्मद औरंगजेब, को पूछताछ के लिए 26 अगस्त को थाना बुलाया था और उसी रात 10 बजे सभी को छोड़ दिया गया क्योंकि “पुलिस के पास कोई रिलिवेंट एविडेंस (महत्वपूर्ण साक्ष्य) नहीं था.”

पुलिस यह भी दावा कर रही है कि उनके साथ न तो मारपीट की गई और न ही किसी तरह का कोई दुर्व्यवहार किया गया. लेकिन 29 वर्षीय औरंगजेब और 26 वर्षीय आरजू दोनों ने कहा कि पुलिस ने उनको टॉर्चर किया. साथ ही आरोपी युवक का भाई 25 वर्षीय शहनवाज भी पुष्टी करता है कि आरजू और औरंगजेब के साथ पुलिस ने मारपीट और टॉर्चर किया.

मो. असग़र खान रांची, झारखंड के फ्रीलांस पत्रकार हैं. द वायर, न्यूजलॉन्ड्री और अन्य मीडिया संस्थानों में लिखते हैं.

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