17 मई को गैंगस्टर सोहराबुद्दीन शेख, उनकी पत्नी कौसरबी और उनके सहयोगी तुलसीराम प्रजापति की कथित न्यायेतर हत्याओं से संबंधित हाई-प्रोफाइल मामले में एक महत्वपूर्ण गवाह आजम खान को उदयपुर सेंट्रल जेल से अजमेर जिले के घोघरा में उच्च सुरक्षा वाली जेल में भेज दिया गया. खान के एक रिश्तेदार ने मुझे बताया कि जब वह उदयपुर में था उस दिन सुबह करीब 10.30 बजे उन्होंने उससे कैदियों से बात करने के लिए उपयोग होने वाले एक फोन के जरिए बात की थी. उन्होंने याद किया कि खान ने उन्हें बताया था कि पुलिस अधिकारियों ने उन्हें लगभग आधे घंटे पहले फैसले के बारे में सूचित किया था. रिश्तेदार ने कहा, “यह सब अचानक हुआ".
शेख, कौसरबी और प्रजापति को जानने वाले खान ने 3 नवंबर 2018 को मुंबई में मामले की सुनवाई कर रही एक विशेष केंद्रीय जांच ब्यूरो अदालत के समक्ष गवाही देते हुए कई विस्फोटक दावे किए थे. उसी महीने बाद में उसकी पत्नी रिजवाना खान ने राजस्थान उच्च न्यायालय में अपने पति के लिए सुरक्षा की मांग करते हुए एक याचिका दायर की, जिसमें कहा गया कि उाका तबादला नहीं किया जाए और उसे और उसके परिवार को सुरक्षा प्रदान की जाए. याचिका में आरोप लगाया गया था कि खान और उसके परिवार को "धमकियों की बढ़ती संख्या का सामना करना पड़ रहा था" और पुलिस अधिकारियों ने उन्हें चेतावनी दी थी कि उसे "रास्ते में तुलसीराम प्रजापति की तरह मार दिया जाएगा." यह याचिका न्यायालय के समक्ष लंबित है.
दिसंबर में बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर एक याचिका में रिजवाना ने कहा कि अक्टूबर से लेकर अब तक कई बार उसके पति को इस तरह की धमकी दी जा चुकी है, विशेष रूप से यह कि उन्हें अजमेर की उच्च सुरक्षा वाली जेल में भेज दिया जाएगा. "और उसके बाद जब भी उसे अजमेर से उदयपुर अदालत में पेशी के लिए लाया जाएगगा, तो अज्ञात अपराधियों के जरिए या गैंग वॉर की आड़ में कोई भी प्रतिकूल घटना हो सकती थी."
मैंने खान के तबादले की पुष्टि करने और अंतर्निहित कारण पर विवरण मांगने के लिए राजस्थान के कई पुलिस अधिकारियों से संपर्क किया. उदयपुर रेंज के महानिरीक्षक अजय पाल लांबा ने मुझे बताया, "दरअसल, यह हमारा मामला नहीं है और मैं इसके बारे में बोलने के लिए उपयुक्त व्यक्ति नहीं हूं." उदयपुर के पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि यह सवाल पूछना सही है. पहले आप मुझे बताएं कि आप मुझसे इस व्यक्ति के बारे में क्यों पूछ रही हैं… यह प्रशासनिक मुद्दा है, उन्हें किसी कारण की आवश्यकता नहीं है… यह एक बहुत ही नियमित प्रक्रिया है, मैम.” राजस्थान के जेल महानिदेशक भूपेंद्र कुमार डाक ने जवाब दिया, "आपको किसने बताया, किसने बताया...बताइए, आपको यह जानकारी कहां से मिली." उन्होंने कहा, "कारवां पत्रिका को आजम खान में इतनी दिलचस्पी क्यों है?"
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