​सिंघु बॉर्डर हत्याकांड : निहंग सिख अमन सिंह का लंबा आपराधिक रिकॉर्ड और उसकी सफाई

01 दिसंबर 2021
बुद्धा दल के एक वरिष्ठ नेता और अन्य सदस्यों ने मुझे बताया कि उन्हें अमन और उसके समूह पर हमेशा से शक रहा है. शक के कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि इस समूह का नाम ही उन्होंने पहली बार तब सुना जब पिछले साल किसानों के आंदोलन ने जोर पकड़ा था. यह समूह जल्दबाजी में बनाया गया और अमन का आपराधिक रिकॉर्ड भी लंबा-चौड़ा है.
बुद्धा दल के एक वरिष्ठ नेता और अन्य सदस्यों ने मुझे बताया कि उन्हें अमन और उसके समूह पर हमेशा से शक रहा है. शक के कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि इस समूह का नाम ही उन्होंने पहली बार तब सुना जब पिछले साल किसानों के आंदोलन ने जोर पकड़ा था. यह समूह जल्दबाजी में बनाया गया और अमन का आपराधिक रिकॉर्ड भी लंबा-चौड़ा है.

पिछले महीने कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर के साथ निहंग सिख अमन सिंह की सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हुई. यह वही अमन सिंह हैं जिसकी किसान आंदोलन स्थल सिंघु सीमा पर लखबीर सिंह की हत्या में भूमिका को लेकर जांच चल रही है. जांच दल से जुड़े एक पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर मुझे बताया, “इस मामले में गिरफ्तार किए गए अन्य आरोपियों ने खुलासा किया कि अमन सिंह ने ही उन्हें ऐसा करने के लिए उकसाया था.” अधिकारी ने कहा कि अब अमन, जिसे अमना नाम से भी जाना जाता है, को इस मामले में आरोपी बनाया गया है. अमन स्वयं को मिस्ल शहीद प्यारे हिम्मत सिंह नामक एक निहंग समूह का संस्थापक बताता है जो एक प्रमुख निहंग समूह बुद्धा दल से जुड़ा हुआ है. लेकिन बुद्धा दल के एक वरिष्ठ नेता और अन्य सदस्यों ने मुझे बताया कि उन्हें अमन और उसके समूह पर हमेशा से शक रहा है. शक के कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि इस समूह का नाम ही उन्होंने पहली बार तब सुना जब पिछले साल किसानों के आंदोलन ने जोर पकड़ा था. यह समूह जल्दबाजी में बनाया गया और अमन का आपराधिक रिकॉर्ड भी लंबा-चौड़ा है. जब मैंने अमन से उनके ऊपर लगे अन्य आरोपों सहित लखबीर की हत्या करने के लिए उकसाने के आरोप के बारे में पूछा, तो उन्होंने कहा, “मैंने इस बारे में पहले ही सब कुछ साफ कर दिया है. मैं इस बारे में बात नहीं करना चाहता.”

कारवां ने अपनी पहली रिपोर्ट में बताया था कि पंजाब में मृतक के गांव चीमा कलां के दो निवासियों के अनुसार लखबीर की हत्या के आरोप में ‍अमन के गुट से गिरफ्तार चार लोगों में एक सरबजीत सिंह को चीमा कलां में हत्या से पहले कई बार देखा गया था. लखबीर की बहन राज कौर लगातार कहती रही हैं कि उनका भाई अकेले अपने दम पर सिंघु सीमा तक नहीं जा सकता था और उसे वहां कोई लालच देकर ले गया होगा. जबकि अमन और अन्य निहंग दावा करते रहे हैं कि लखबीर को पवित्र ग्रंथ की बेअदबी करने के लिए मारा गया था फिर भी वे अभी तक कोई सबूत नहीं दे पाए हैं. जांच से जुड़े पुलिस अधिकारियों और बुद्धा दल के कई निहंग सिखों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर दिए साक्षात्कार में अमन की पृष्ठभूमि के बारे में कई हैरान करने वाली जानकारियां दीं जो लखबीर की मौत के बारे में कई चौंकाने वाले पहलुओं से जुड़ी थीं. एक वरिष्ठ निहंग नेता ने मुझे बताया कि अमन ने मिस्ल शहीद प्यारे हिम्मत सिंह समूह 2020 में अक्टूबर के आसपास बनाया था. जिसका समारोह पंजाब के रूपनगर जिले के चमकौर साहिब में गुरुद्वारा जोड़ा साहिब में हुआ. "एक निहंग दल केवल अन्य निहंग दल या जत्थेबंदियों के आशीर्वाद के साथ विशाल संगत की उपस्थिति में शुरू किया जा सकता है. जब निहंगों ने अमन की नए समूह के बारे में सुना तो वे बेहद नाराज हुए थे. इस आदमी ने सभी मानदंडों और परंपराओं को हवा में उड़ाकर अपना नया समूह शुरू किया था.” जब मैंने अमन से इस बारे में पूछा तो उन्होंने वरिष्ठ निहंग के आरोपों की न तो पुष्टि की और न ही खंडन नहीं किया. इसके बजाय उन्होंने कहा, “बाबा मान सिंह ने मुझसे अपना समूह बनाने और उसकी जिम्मेदारी लेने को कहा था.” मान सिंह बुद्धा दल के प्रमुख हैं. अमन ने दावा किया कि मान सिंह ने उनसे कहा था, "ऐसा समय आ गया है कि बेअदबी के कई मामले सामने आ रहे हैं."

तोमर के साथ अमन की तस्वीर सामने आने के बाद मान सिंह और उनके दल के अन्य लोगों ने एक वीडियो के जरिए बताया कि उनका अमन से कोई लेना-देना नहीं है. वीडियो में मान सिंह का उल्लेख करते हुए कहा गया है, “बाबाजी की तरफ से हम सभी को सूचित करना चाहते हैं कि न तो बाबाजी ने उन्हें वहां ड्यूटी पर तैनात किया था और न ही उनका बाबाजी से कोई संबंध है. उन्होंने अपना खुद का समूह बनाया था.” बयान में आगे कहा गया है, “अमन सिंह को पूरे दल और जत्थेदार बाबा मान सिंह और बुद्धा दल निहंगों द्वारा बुद्धा दल के नाम का उपयोग करने के खिलाफ चेतावनी दी जाती है.”

अमन से इस बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, “अगर बाबाजी कह रहे हैं कि 'अमन हमारा नहीं है,’ तो मैं अपने दो जोड़ी कपड़ों में नंगे पैर घर लौट जाता हूं. मेरे पास कोई मुद्दा नहीं है.” अमन ने पुष्टि की कि उन्होंने मिस्ल शहीद प्यारे हिम्मत सिंह का गठन किया लेकिन इसमें उनका पद पूरी तरह स्पष्ट नहीं है. कई मीडिया रिपोर्टों के उलट जिनमें उन्हें निहंग दल का प्रमुख बताया गया है, वरिष्ठ निहंग नेता ने बताया कि अमन घोरियन दा जत्थेदार था, जिसे उप प्रमुख कहा जाता है.

जब मैंने अमन से उनके पद को लेकर सवाल किया तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा, “कोई जत्थेदार लिखता है, कोई महंत लिखता है, मैं बस निस्वार्थ सेवा करता हूं.” अमन 26 जनवरी की ट्रैक्टर रैली के दौरान लाल किले में जाने वाले निहंगों में भी शामिल थे. अमन ने बताया, “मैं अंदर तब गया जब कुछ महिलाओं ने हमसे मदद मांगी कि कुछ लड़के लाल किले के अंदर फंस गए हैं और उनके साथ मारपीट की जा रही है.” उन्होंने मझे उस दिन की घोड़े पर सवार होकर लाल किले जाते हुए अपनी एक वीडियो भी दिखाई. वरिष्ठ निहंग नेता ने कहा, “रैली के समय से ही अमन एक फरला पहने हुए था जोकि निहंग पगड़ी के ऊपर लगा एक नीला कपड़ा होता है जो निहंगों के लिए निशान साहिब के बराबर होता है.” एक वरिष्ठ निहंग नेता ने बताया, “यह अस्तबल की सफाई, घोड़ों की देखभाल, लंगर तैयार करने, ध्यान करने, मार्शल आर्ट सिखना और उसमें उत्कृष्टता हासिल करने के बाद कई वर्षों की कड़ी मेहनत से हासिल किया जाता है. जब किसी निहंग को संगत की उपस्थिति में फरला दिया जाता है उसके बाद उसे गुरु ग्रंथ साहिब को अपने सिर पर ले जाने की भी मनाही होती है. निहंगों को यह 20-30 वर्ष की समर्पित सेवाओं के बाद मिलता है. बहुत निहंगो को तो कभी मिलता ही नहीं है. निहंगो के बीच अमन के फरला पहनने पर आलोचना की जा रही है.”

जतिंदर कौर तुड़ वरिष्ठ पत्रकार हैं और पिछले दो दशकों से इंडियन एक्सप्रेस, टाइम्स ऑफ इंडिया, हिंदुस्तान टाइम्स और डेक्कन क्रॉनिकल सहित विभिन्न राष्ट्रीय अखबारों में लिख रही हैं.

Keywords: Singhu Lynching Nihang Sikh Farmers' Protest
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