असम में 12 साल की आदिवासी घरेलू कामगार की जलाकर हत्या के आरोप में तीन ब्राह्मण गिरफ्तार

3 मई को कार्बी समुदाय की 12 वर्षीय घरेलू कामगार की संदिग्ध हत्या के बाद असम में पूर्वी कार्बी आंगलोंग जिले के बकालिया शहर में कार्बी स्टूडेंट्स एसोसिएशन के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन किया.
साभार : बिष्णु तेरोन
3 मई को कार्बी समुदाय की 12 वर्षीय घरेलू कामगार की संदिग्ध हत्या के बाद असम में पूर्वी कार्बी आंगलोंग जिले के बकालिया शहर में कार्बी स्टूडेंट्स एसोसिएशन के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन किया.
साभार : बिष्णु तेरोन

22 अप्रैल को असम के नागांव जिले के खैगर गांव में कार्बी समुदाय की एक 12 वर्षीय घरेलू कामगार का जला हुआ शव जहां वह काम करती थी उस घर के बाहर मिला. असम पुलिस को संदेह है कि ब्राह्मण मालिकों- रीना, प्रकाश और नयनमोनी बोरठाकुर- ने उसकी हत्या की है. उसके परिवार का कहना है कि अब तक मृतक की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट नहीं दी गई है. वह 12 वर्षीय बालिका पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिले के सर कुड़म रोनथांग गांव की थी और कक्षा चार में पढ़ती थी. जैसा की उसके जिले का चलन है वह भी अपने सामाज की अन्य लड़कियों की भांति पढ़ाई खर्च जुटाने के लिए उच्च जाति के इस परिवार में काम कर रही थी. पुलिस ने संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया है और कहा है कि वह मामले की जांच कर रही है. कार्बी समुदाय के छात्र समूह, जो असम में अनुसूचित जनजाति श्रेणी में आते हैं, पुलिस से सख्त कार्रवाई करने और संदिग्धों पर बलात्कार का मामला दर्ज करने की मांग कर रहे हैं.

पीड़िता के 17 वर्षीय भाई मंगोल सिंह रोहंग ने मुझे बताया कि वह चार साल से बोरठाकुरों के लिए काम कर रही थी. रोहंग ने बताया, “वह 2018 में वहां गई थी. हम उससे फोन पर बात करते थे और वह कहती थी कि उसकी पढ़ाई अच्छी चल रही है.” रोहंग ने कहा कि वह अपने स्कूल की छुट्टियों में घर आना चाहती थी लेकिन इन चार सालों में बोरठाकुरों ने उसे एक बार भी घर आने नहीं दिया. भाई ने बताया, “बिहू में मैंने उसे घर आने के लिए कहा तो वह कहने लगी मालिक लोग आने की इजाजत नहीं देंगे.”

रोहंग ने हमें बताया कि इस साल 22 अप्रैल को बिहू के बाद बहन से मिलने खैहर जाने की योजना बनाई थी लेकिन कोविड-19 प्रतिबंधों के कारण जाने के लिए गाड़ी नहीं मिली. उन्होंने कहा कि प्रकाश की पत्नी रीना बोरठाकुर के फोन पर ही बहन से परिवार के लोग बात कर पाते थे. “मैं वहां कॉल कर रहा था लेकिन उन्होंने कॉल नहीं उठाया," रोहंग ने कहा. “दोपहर में लगभग 2 बजे प्रकाश बोरठाकुर ने मुझे फोन किया और मुझे घटना के बारे में बताया. प्रकाश बोरठाकुर ने रोहंग को कहा कि उन्होंने बहन को खाना खाने के लिए कहा लेकिन उसने नहीं खाया. रोहंग ने बताया कि प्रकाश का कहना था, “जब हम खाना खा रहे थे और टीवी देख रहे थे वह मिट्टी का तेल लेकर घर के पीछे चली गई और अपने शरीर पर तेल डाल कर खुद को आग लगा ली.''

रोहंग ने हमें बताया कि वह तुरंत अपने माता-पिता, अन्य रिश्तेदारों और अपने गांव के कई लोगों के साथ खैगर आ गया लेकिन पुलिस ने उन्हें अंतिम संस्कार से थोड़ा पहले बहन की लाश देखने दी. रोहंग ने कहा, “हम लगभग शाम 5 बजे खैहरा पहुंचे. जब हम पहुंचे तो पुलिस वहां पहले से मौजूद थी. यहां तक कि (खैगर के) गांव वाले भी कह रहे थे कि कम से कम माता-पिता को उसे देखने की इजाजत दी जानी चाहिए. पुलिस ने हमें घर में घुसने नहीं दिया.” उन्होंने कहा कि बाद में उन्होंने पाया कि पुलिस उनकी बहन के शव को नागांव शहर ले गई थी.

रोहंग ने कहा कि उनका मानना ​​है कि प्रकाश और नयनमोनी ने उनकी 12 वर्षीय बहन का बलात्कार किया था. “खैगर के लोगों ने हमें बताया कि उन दो लोगों ने उसका बलात्कार किया और रात में उसकी हत्या कर दी और अगले दिन उसे जला दिया गया,” रोहंग ने कहा. “उन्होंने कहा कि अगर उसने आत्महत्या की होती, तो जलने पर वह कम से कम मदद के लिए रोती-बिलखती तो. लेकिन आसपास रहने वाले ग्रामीणों ने कोई चीख नहीं सुनी." रोहंग ने कहा कि यौन हिंसा के सबूत के रूप में उनके पास केवल स्थानीय रिपोर्टें हैं. उन्होंने कहा, “पुलिस ने हमें पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट नहीं देखने दी." पीड़िता के भाई ने कहा कि प्रकाश ने खुद पुलिस स्टेशन जाकर रिपोर्ट की थी कि 12 वर्षिया की आत्महत्या से मौत हो गई है.

किमी कॉलनी कारवां की रिपोर्टिंग फेलो हैं.

मेहमूदुल हसन कारवां में एडिटोरियल इंटर्न हैं.

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