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(एक)
16 मार्च की एक आम रात थी. मध्य प्रदेश के उमरीकला गांव में नौ साल का एक बच्चा अपने घर के आंगन में खेल रहा था. उसकी मां, सुरक्षा धाकड़, पास में ही पशुओं को चारा दे रही थी. अचानक मां को बच्चे की चीख सुनाई दी. वह आंगन की ओर दौड़ीं. सामने का मंज़र ख़ौफ़नाक था. एक जंगली जानवर बच्चे को दबोच रहा था. बदहवासी में, धाकड़ ने अपने बेटे का हाथ पकड़कर खींचने की कोशिश की, लेकिन जानवर के जबड़े मज़बूती से गढ़े हुए थे. 'ऐसा लग रहा था जैसे दूसरी तरफ से 50 आदमी उसे खींच रहे हों,' उन्होंने बाद में पत्रकारों को बताया. 'मैंने पूरी ताक़त लगा दी.' बच्चा बच तो गया, लेकिन उसके चेहरे, सिर और कंधे पर गहरे घाव हो गए.
सुरक्षा और उनके पति हाकिम ने बताया कि वह जानवर चीता था, जिसके चेहरे पर ख़ास तरह के काले निशान थे. हालांकि, अधिकारियों ने दावा किया है कि सुरक्षा और हाकिम का दावा ग़लत है. कुनो नेशनल पार्क में चीता परियोजना के अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (एपीसीसीएफ़) और प्रोजेक्ट निदेशक उत्तम शर्मा ने उनके दावे को ख़ारिज करते हुए कहा कि हमलावर जानवर तेंदुआ था.
गांव से महज़ चार किलोमीटर दूर कुनो राष्ट्रीय उद्यान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी चीता संरक्षण परियोजना, प्रोजेक्ट चीता, का स्थल है. 2022 में अफ़्रीकी चीतों को भारत में लाकर बड़े धूमधाम से इसकी शरुआत की गई थी.
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