कैसे 74 साल का अमेरिकी बचा रहा है क्लासिक भारतीय सिनेमा

tommydan55 यूट्यूब चैनल पर 1930, 1940 और 1950 के दशक की हिंदी और उर्दू फिल्में हैं.

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अस्सी हजार फॉलोअर्स वाला यूट्यूब चैनल tommydan55 भारतीय फिल्मों में रुचि रखने वाले लोगों के बीच लोकप्रिय है. इस चैनल को चलाते हैं 74 साल के थॉमस डैनियल जो अमेरिका के हवाई राज्य में रहते हैं. इसके अलावा वह ऐसे ही अन्य चैनल भी चलाते हैं. उनके tommydan55 चैनल पर ज्यादातर 1930, 1940 और 1950 के दशक की हिंदी और उर्दू फिल्में हैं लेकिन हाल ही में बंगाली फिल्मों को भी स्थान दिया गया है.

डैनियल को न हिंदी आती है और न बंगाली. उन्होंने मुझे बताया कि उनके पास दक्षिण-भारतीय फिल्में भी हैं लेकिन सबटाइटल इतने खराब हैं कि वे सुधारे नहीं जा सकते. उन्होंने एक ईमेल में मुझे लिखा, “जाहिर तौर पर भारतीय फिल्म कंपनियों में सबटाइटल लिखने वाले अंग्रेजी की कामकाजी समझ भी नहीं रखते.” डैनियल पहले मछुआरे थे. उस काम से अवकाश लेने के बाद उनकी फिल्मों में रुचि बढ़नी शुरू हुई. वह इन फिल्मों को विभिन्न स्रोतों से खरीदते हैं और जितना हो सके उतना उनके मूल रूप में लाने के लिए सुधार करते हैं. आयोवा विश्वविद्यालय में सिनेमा और संस्कृति संस्थान के निदेशक कोरी क्रीकमुर ने मुझे बताया, "भारतीय सिनेमा के प्रशंसक होने के नाते डैनियल ने भारतीय फिल्म अध्ययन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. उन्होंने एक ऐसे संग्रहालय का निर्माण किया है जो कई मायनों में सिनेमा के इतिहास के अन्य संग्रहालयों की तुलना में अधिक मूल्यवान और आसानी से उपलब्ध होन वाला है."

डैनियल 1970 दशक में दो बार भारत आए थे. पंद्रह साल पहले उन्होंने 1962 में आई गुरुदत्त की फिल्म साहिब, बीबी और गुलाम देखी और मंत्रमुग्ध हो गए. उन्होंने मुझे बताया, "मुझे नहीं पता था कि कलाकार कौन हैं मगर मीना कुमारी गजब की खुबसूरत लगीं. मुझे बाद में गुरुदत्त के बारे में पता चला.” उन्होंने कहा, "फिल्म में मीनू मुमताज की जोड़ी और वीके मूर्ति की आश्चर्यजनक चलचित्रकला, मेरे तीन बेहद पसंदीदा नृत्यों में से एक है. मुझे यह भी नहीं पता था कि वीके मूर्ति कौन थे लेकिन लाइट्स और अंधेरे के उनके उपयोग से मैं बहुत प्रभावित हुआ. गीतों में उन्होंने सपोर्ट डांसरों को ज्यादातर समय छाया में ही रखा है." उन्होंने आगे कहा, “निर्माण सर्वोत्तम है, कहानी सुसंगत है (जो भारतीय फिल्मों में हमेशा नहीं होती) और यह गंभीर ड्रामा फिल्म है जो मुझे पसंद है.”

इन फिल्मों को चुनने का एक अन्य कारण कॉपीराइट के तहत उनकी अपेक्षाकृत कम अवधि थी. जोकि भारत में रिलीज से लगभग साठ वर्ष और पाकिस्तान में पचास वर्ष है. डैनियल ने कहा, "दोनों देशों के कॉपीराइट कानून समझने योग्य और स्पष्ट हैं. अमेरिकी कॉपीराइट कानून एक दलदल है और कॉपीराइट की समय अवधि लंबी है.”

विडंबना यह है कि दुनिया के सबसे बड़े सिनेमा यानी भारतीय सिनेमा का आलोचनात्मक विश्लेषण और लोकप्रियता का आनंद इन फिल्मों तक सीमित पहुंच के कारण बाधित हुआ है." डैनियल ने इन फिल्मों की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार किया है. उन्होंने मुझे बताया, "डीवीडी, वीसीडी या टेप पर क्लासिक भारतीय फिल्में खराब गुणवत्ता की हैं.”

क्रीकमुर ने बताया कि फिल्में की प्रतियां हमेशा अच्छी नहीं होतीं लेकिन ये प्रतियां डीवीडी से बेहतर होती हैं.” उन्होंने बताया कि पहली बार डैनियल दत्त की साल 1959 में आई फिल्म कागज के फूल का एक वाइडस्क्रीन संस्करण उपलब्ध करने में सफल रह जिसके बारे में माना जाता था कि बहुत समय पहले ही खो चुकी है.” क्रीकमुर ने tommydan55 पर मौजूद फिल्मों की श्रेणी की सराहना की जिनमें से कई इससे पहले कभी आसानी से उपलब्ध नहीं हो पाती थीं और कइयों में अक्सर सबटाइटल नहीं हुआ करते थे. इसमें 1936 में आई इंडो-जर्मन फिल्म अछूत कन्या शामिल है जो उन पहली फिल्मों में से एक थी जिनमें प्लेबैक सिंगिंग का उपयोग किया गया था.

चैनल पर मौजूद उसी वर्ष की अन्य फिल्मों में वेनिस फिल्म फेस्टिवल में दिखाई गई पहली भारतीय फिल्म अमर ज्योति, प्रमाथेश बरुआ की देवदास जिसमें केएल सहगल और जमुना बरुआ ने अभिनय किया था, और निडर नाडिया के नाम से धूम मचाने वाली मैरी एन इवांस अभिनीत होमी वाडिया की मिस फ्रंटियर मेल शामिल है.

इन क्लासिक फिल्मों की प्रतियां हासिल करने के लिए डैनियल दोस्तों और फिल्म प्रेमियों के एक नेटवर्क पर निर्भर हैं. वह अक्सर वीडियो के नीचे फिल्म के स्रोत का नाम बताते हैं. उन्हें कनेक्टिकट में एक मित्र से कुछ वीएचएस टेप प्राप्त हुए थे. वीएचएस का संग्रह संयुक्त राज्य अमेरिका में उनके अन्य स्रोतों में से एक के पास भी था जिसकी मृत्यू हो गई. डैनियल ने बताया, “उनकी पत्नी ने पूरा संग्रह मेरे दोस्त सुरजीत सिंह को भेजा जो अमेरिका में रहने वाले सेवानिवृत्त वैज्ञानिक हैं और पुराने भारतीय संगीत का संग्रह करने में बहुत सक्रिय रहे हैं. मैंने उन्हें बताया कि मैं क्या चाहिए था और उन्होंने उसे मेरे पास भेज दिया." फिल्मों की जिन प्रतियां पर वह काम करत हैं, वे कई रूपों में आती हैं जैसे डीवीडी, वीडियो सीडी, वीएचएस टेप और फिल्म से जुड़े लोगों द्वारा बनाए गए संग्रह. डैनियल ने मुझे बताया, "वीएचएस टेप का मिलना लगभग असंभव है क्योंकि वे हर साल कम हो जात हैं. कई फिल्मों की डीवीडी या वीसीडी नहीं बनी हैं लेकिन वे वीएचएस टेप पर हैं इसलिए ऐसा बहुत कुछ है जो यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म पर किसी को भी साफ तौर पर कभी नहीं दिख सकता." वीडियो और आवाज को एडिट करने के लिए क्रमशः एविसिंथ और ऑडेसिटी जैसे मुफ्त सॉफ्टवेयर के उपयोग से डैनियल प्रत्येक फिल्म पर चालीस घंटे या उससे अधिक समय तक काम करता हैं.

tommydan55 के अलावा उनके दो अन्य यूट्यूब चैनल हैं tommydan333 और tommydan22. tommydan333 पर डैनियल पुरानी फिल्मों के गाने अपलोड करते हैं और tommydan22 1958 से 1967 तक हिंदी फिल्मों में काम करने वालीं एंग्लो इंडियन बैकग्राउंड डांसर एडविना को समर्पित है.

डैनियल को विडियो पर लोगो लगाना बिलकुल पसंद नहीं है. इसलिए चैनल पर अपलोड की गई किसी भी विडियो पर कोई लोगो नहीं होता. इसलिए फिल्मों को आसानी से उनके चैनल से डॉउनलोड करके दूसरे चैनलों पर अपलोड किया जा सकता है. अक्सर उन्हें इस परेशानी से गुजरना पड़ता है. वह बताते हैं कि जब ऐसा किया जाता है तो अक्सर अनुपात बिगाड़ जाता है. उन्होंने इन चोरियों को रोकने के लिए विडियो के आरंभ में एक सेकंड तक चलने वाला लोगो लगाना शुरू कर दिया है. मुझे भेजे अपने ईमेल में डैनियल ने भारतीय कंपनियों द्वारा अक्सर कॉपीराइट नोटिस दिए जाने की शिकायत की. यूट्यूब के नियम यूं हैं कि किसी को भी दावा करते वक्त विडियो के स्वामित्व का प्रमाण देने की आवश्यकता नहीं होती.

फिल्मों पर काम करन के अलावा डैनियल को इन मुद्दों से निपटने में भी अपना समय खराब करना पड़ता हैं. उन्होंने हाल ही में बंगाली फिल्में भी अपलोड करनी शुरू की है. डैनियल ने बताया कि एंजेल डिजिटल नामक कंपनी ने उन पर सत्तर से अधिक बार कॉपीराइट का मुकदमा किया हैं.

जनवरी 2022 में उन्होंने सुचित्रा सेन और उत्तम कुमार अभिनीत 1956 की बंगाली फिल्म 'सिल्पी' पर काम करना बंद कर दिया. उन्होंने मुझसे कहा, "मैं उस जोड़ी द्वारा की गई बंगाली रोमांटिक फिल्मों का बड़ा प्रशंसक हूं.” लेकिन अब वह अपने चैनल के खिलाफ किए गए कई कॉपीराइट दावों के कारण इसे अपलोड नहीं कर सकते. उन्हें अब ये सभी मामले खत्म होने तक इंतजार करना होगा है. अभिलेखागार तक पहुंचने के अन्य भी तरीके हैं जैसे कि भारत का राष्ट्रीय फिल्म संग्रहालय लेकिन इसके लिए वहां फिजिकली जाना होगा. करगर्गा जैसी वेबसाइटें पर दुर्लभ फिल्मों के गुणवत्तापूर्ण प्रिंट मौजूद हैं लेकिन यह सभी के लिए खुला हुआ नहीं है. अधिक व्यापक और बेहतर तरीके से सूचीबद्ध की गई फिल्मों से जुड़ी शिक्षाविदों द्वारा शुरू की गई योजना Indiancine.ma में भारतीय फिल्मों के डिजीटल संस्करण हैं लेकिन tommydan55 यूट्यूब  पर आसानी से उपलब्ध होने और गुणवत्ता के चलते अधिक सुलभ है.

क्रीकमुर का कहना है, "विडंबना यह है कि भारतीय सिनेमा का आलोचनात्मक अध्ययन और उनका आनंद लेने से लोगों को रोका जाता है. Tommydan55 पुरानी भारतीय फिल्मों तक पहुंचने का एक आश्चर्यजनक और अमूल्य स्रोत है."