आदिवासी समाज के अपमान की ब्राह्मणवादी परंपरा को आगे बढ़ाती राजामौली की आरआरआर

एसएस राजामौली की पीरियड फिल्म आरआरआर के अंतिम दृश्य में नायक अल्लूरी सीताराम राजू हिंदू देवता राम की वेशभूषा में है और अपने कामरेड कोमाराम भीम से पूछता कि वह बताए कि उसे क्या चाहिए. अल्लूरी कहता है, "भीम, तुमने उद्देश्य हालिस करने में मेरी मदद की, मुझे हथियार दिए. अब बताओ मैं तुम्हें क्या दूं? जवाब में भीम कहता है, “मुझे ज्ञान दो, भाई." इसके बाद अल्लूरी एक तीर की नोक पर अपनी उंगली चुभा कर सफेद झंडे पर देवनागरी लिपि में जल, जंगल, जमीन लिखता है. (अल्लूरी की भूमिका तेलुगू अभिनेता राम चरण ने और भीम की भूमिका एनटी रामा राव जूनियर ने निभाई है.)

इस एक सीन में कई मायने छिपे हुए हैं. हालांकि फिल्म की शुरुआत में डिस्क्लेमर दिया गया है कि आरआरआर एक काल्पनिक कहानी है और यह किसी भी जीवित या मृत व्यक्ति पर आधारित नहीं है, और न ही किसी भी जाति, पंथ या जनजाति पर आधारित है.

लेकिन राजामौली के मीडिया साक्षात्कार और यह फिल्म साफ इशारा करते हैं कि फिल्म के किरदार प्रसिद्ध ऐतिहासिक व्यक्तियों पर आधारित है. क्षत्रिय जाति के अल्लूरी को 1922-24 के रम्पा विद्रोह का नेतृत्व करते हुए दिखाया गया है. इस विद्रोह में तत्कालीन मद्रास प्रांत की गोदावरी नदी के किनारे रहने वाली आदिवासी आबादी अंग्रेजों के खिलाफ गुरिल्ला युद्ध लड़ रही थी. वहीं आदिलाबाद के गोंड समुदाय से ताल्लुक रखने वाले कोमाराम ने 1928 से 1940 के बीच हैदराबाद के निजामों के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह का नेतृत्व किया था.

आरआरआर में इन दोनों की एक काल्पनिक कहानी बताई गई है जहां वे अपने-अपने विद्रोह शुरू करने से पहले साथ मिल कर एक गोंड समुदाय की लड़की को बचाते हैं. राजामौली का दोनों क्रांतिकारियों का चित्रण एक दूसरे से काफी अलग है. अल्लूरी, जिसकी जाति उसके जनेउ से लटक रही है, को असभ्य समाज को सभ्यता सिखाने वाला और कोमाराम को राह दिखाने वाला दर्शाया गया है. ज्ञान के लिए कोमाराम का अनुरोध दोनों के बीच ज्ञान देने वाले और ज्ञान लेने वाले के संबंध का प्रतीक है.

एक दृश्य में कोमाराम को फर्श पर बैठ कर खाते हुए और अल्लूरी को अपनी मेज पर पढ़ते हुए दिखाया गया है. यह कोमाराम की बेतुकी छवि है क्योंकि मानवविज्ञानी क्रिस्टोफ वॉन फ्यूरर-हैमडॉर्फ ने उन्हें पढ़ने और लिखने में सक्षम बताया है जिन्होंने निजामों को कई याचिकाएं लिखी थीं.

आकाश पोयाम कारवां में असिस्टेंट एडिटर हैं.

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