दलित होने की सजा? सीजेआई गोगोई पर आरोप लगाने वाली महिला ने कहा, “इंसाफ चाहिए, नौकरी नहीं.”

अक्टूबर 2018 में भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के निवास पर शिकायतकर्ता और उसका परिवार.
अक्टूबर 2018 में भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के निवास पर शिकायतकर्ता और उसका परिवार.

जिस दिन आपके यौन उत्पीड़न वाली खबर प्रकाश में आई, उसी दिन भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने एक पीठ का गठन किया और दावा किया कि उन पर लगा आरोप भारत के मुख्य न्यायाधीश के कार्यालय को निष्क्रिय बनाने का षड्यंत्र है. इस मामले में आपकी पहली प्रतिक्रिया क्या थी?

मैं बस इतना जानती हूं कि मैं किसी षड्यंत्र का हिस्सा नहीं हूं. मैंने अपने शपथपत्र में जो भी कहा है उसके सबूत दिए हैं.

उन्होंने मेरा चरित्र हनन यह कहकर किया है कि मेरी आपराधिक पृष्ठभूमि है. जो मामला 2016 में खत्म हो गया था उसे आधार बना कर मेरे चरित्र पर सवाल उठाया गया. जब यह साबित हो गया कि मुझ पर लगे आरोप आधारहीन हैं तो दूसरा आरोप लगाया गया कि मेरा अनिल अंबानी से कनेक्शन है.

मुझे नहीं पता कि इन बातों का स्रोत क्या है. जब मैंने शपथपत्र दायर किया था तब मुझे एहसास भी नहीं था कि मेरे खिलाफ ऐसी कहानियां गढ़ी जाएंगी.

शपथ पत्र दायर करते वक्त आपको कैसी प्रतिक्रिया की उम्मीद थी?

निकीता सक्सेना कारवां की स्‍टाफ राइटर हैं.

अतुल देव कारवां के स्‍टाफ राइटर हैं.

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