अनहेल्दी सीक्रेट्स

क्यों जरूरी है पीएम केयर्स फंड की जांच

पीएम केयर्स फंड को यह सुनिश्चित करना था कि स्वास्थ्य क्षेत्र में वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की कमी न हो लेकिन कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर में यह उद्देश्य विफल रहा. पीटीआई
पीएम केयर्स फंड को यह सुनिश्चित करना था कि स्वास्थ्य क्षेत्र में वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की कमी न हो लेकिन कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर में यह उद्देश्य विफल रहा. पीटीआई

We’re glad this article found its way to you. If you’re not a subscriber, we’d love for you to consider subscribing—your support helps make this journalism possible. Either way, we hope you enjoy the read. Click to subscribe: subscribing

1.

आजादी के बाद देश के सभी बड़े शहरों में पाकिस्तान से आने वाले हिंदू और सिख शरणार्थियों की संख्या हर बीतते दिन बढ़ रही थी. जवाहरलाल नेहरू उस समय देश की अंतरिम सरकार के प्रधानमंत्री थे और उनके आधिकारिक आवास तीन मूर्ति भवन में भी लोगों की भीड़ लगी रहती. नेहरू के निजी सचिव रहे एम. ओ. मथाई अपनी किताब रेमनिसंस ऑफ दि नेहरू ऐज में नेहरू की एक आदत का जिक्र करते हुए लिखते हैं कि “नेहरू उस दौर में अपनी जेब में 200 रुपए कैश लेकर चलते थे. लेकिन यह पैसा जल्द ही गायब हो जाता. वह पीड़ितों में सारा पैसा बांट देते थे. इसके बाद नेहरू मुझसे और पैसे की मांग करते. यह रोजमर्रा की बात हो गई थी. मैंने इस पर यह कहते हुए रोक लगा दी कि उनका कैश लेकर चलना मुनासिब नहीं है. नेहरू ने मुझसे कहा, ‘मैं उधार मांगकर काम चला लूंगा.’ और इसके बाद उन्होंने अपने सुरक्षा स्टाफ से पैसे उधार लेकर शरणार्थियों की मदद करनी शुरू कर दी.” मथाई बताते हैं कि उन्होंने सुरक्षा स्टाफ को चेतावनी दी कि कोई भी प्रधानमंत्री को एक बार में दस रुपए से ज्यादा उधार न दे क्योंकि वह मानते थे कि इस तरह से मदद कर पाना किसी भी आदमी के बूते के बाहर था.

बंटवारे के दौरान 35 लाख हिंदू और सिख शरणार्थी पश्चिमी पाकिस्तान से हिंदुस्तान आए. अमृतसर, जयपुर, अजमेर, अलवर, लुधियाना, जम्मू, लखनऊ और दिल्ली जैसे सभी बड़े शहरों में शरणार्थियों की भीड़ लगी थी. 1911 के दिल्ली के दरबार के दौरान दिल्ली के बाहरी इलाके में जो जगह देसी रजवाड़ों के शाही तंबुओं के लिए मुकर्रर थी, उसी किंग्सवे कैम्प में अब शरणार्थियों के तंबू तने हुए थे.

विभाजन के बाद जवाहरलाल नेहरू फरीदाबाद में एक शरणार्थी शिविर का दौरा करते हुए. आपातकालीन स्थितियों के दौरान राहत कार्यों के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष की शुरुआत की गई थी. विकिमीडिया कॉमन्स

Thanks for reading till the end. If you valued this piece, and you're already a subscriber, consider contributing to keep us afloat—so more readers can access work like this. Click to make a contribution: Contribute