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हरियाणा में कुरुक्षेत्र के लोकनायक जय प्रकाश नारायण जिला सिविल अस्पताल के आस-पड़ोस की तस्वीर 26 अप्रैल के बाद से बदरंग दिखने लगी. फल और गन्ने के रस की अधजली रेहड़ियां और साथ ही जले हुए तरबूज़ और गन्ने जहां-तहां पड़े थे. जो रेहड़ियां सही-सलामत रही उन पर ‘जय श्री राम’ के झंडे लगे हुए थे. जब उन दुकान वालों से मैंने पूछा कि आप के साथ वाली दुकानें किसने जलाई? आप की रेहड़ियों पर ये झंडे पहले तो नहीं लगे थे? तो किसी ने कोई जवाब नहीं दिया. एक-दो दुकानकारों ने बताया, ‘साहब हमें कुछ नहीं पता... हम उस समय नहीं थे. झंडे तो वे, हिंदू दल वाले लोग लगा गए थे.’
वहीं एक हिंदू दुकानदार ने डरते हुए दबी ज़ुबान में कहा, ‘सर 26 अप्रैल को बजरंग दल ने एक जुलूस निकाला था. उस जुलूस के नेता यहां आकर मुस्लिम दुकानकारों को गालियां देने लगे. उन्हें पाकिस्तानी कह कर थप्पड़ मारे. उनकी रेहड़ियों को तोड़कर उनमें आग लगा दी.’ सामने तीन-चार रेहड़ी वालों की तरफ इशारा कर अनिल ने कहा, ‘मुस्लिम दुकानकारों को भगाने के बाद बजरंग दल वालों ने इन लोगों को यहां बसाया है. वे मुस्लिम रेहड़ी वाले डर के मारे अपने गांव उत्तरप्रदेश चले गए हैं.’ अनिल ने मुझे एक मुस्लिम रेहड़ी वाले का मोबाईल नंबर भी दिया लेकिन बहुत कोशिश के बाद भी उससे बात न हो सकी. नए रेहड़ी वालों से जब मैंने बात की तो उन्होंने बताया, ‘हमें हिंदू सेवकों ने यहां बसाया है. साहब दूसरे तो बाहर के लोग थे. उनके पास तो इस शहर का कोई आधार कार्ड भी नहीं था.’
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद देश के कई हिस्सों में आतंकी हमले और पाकिस्तान के विरोध के नाम पर मुसलमानों को निशाना बनाया गया था. मुस्लिम दुकानदारों से मार-पिटाई की गई, उनकी दुकानों में तोड़-फोड़ की गई और दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया. कई ग़रीब मुसलमानों को गांव छोड़कर चले जाने की धमकियां भी मिलीं. हरियाणा के कुरुक्षेत्र, अंबाला, करनाल, कैथल और रोहतक ज़िलों में भी इस तरह के मामले सामने आए हैं. डर के कारण ज्यादातर दुकानदार अपने गांव या शहर चले गए. जो रह गए थे वे खुलकर बोलने को तैयार नहीं थे.
कुरुक्षेत्र शहर के सैक्टर-17 में उग्र जुलूस ने एक जूतों के शोरूम का शीशा तोड़ दिया. इस शोरूम के मालिक पवन कुमार ने बताया कि उनका करीब 30 हज़ार का नुकसान हुआ है और उनके शोरूम पर काम करने वाले लड़के को इस दौरान चोट भी लगी है. 26 अप्रैल की घटना का ज़िक्र करते हुए पवन बताते हैं, ‘शहर में उस दिन विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने अलग-अलग जगह जुलूस निकाले, इन संगठनों की अगुवाई में जुटी भीड़ पहलगाम हमले के विरोध में ज़बरदस्ती दुकाने बंद करा रही थी. 17-सैक्टर में विश्व हिंदू परिषद इस काम अंजाम देने में लगी थी और हमारे नज़दीक ही पुराने बस अड्डे पर बजरंग दल यह काम कर रहा था. बजरंग दल की अगुवाई बीजेपी के पूर्व मंत्री सुभाष सुधा का बेटा साहिल सुधा कर रहा था.’
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