अहमदाबाद के अस्पतालों में कोविड मरीजों की लंबी-लंबी कतारें, मौतों का सिलसिला बदस्तूर जारी

28 अप्रैल 2021
अस्पताल के बाहर एक एम्बुलेंस में बैठा एक कोविड-19 मरीज, जिसे 17 अप्रैल को अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अस्पताल में भर्ती करने से मना कर दिया गया था.
कारवां/शाहिद तांत्रे
अस्पताल के बाहर एक एम्बुलेंस में बैठा एक कोविड-19 मरीज, जिसे 17 अप्रैल को अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अस्पताल में भर्ती करने से मना कर दिया गया था.
कारवां/शाहिद तांत्रे

17 अप्रैल की रात जदीबेन चुन्नीलाल ने अपने 60 वर्षीय पति चुन्नीलाल को एक ऑटो रिक्शा में अहमदाबाद के सेठ वाडीलाल साराभाई जनरल अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया. जब वह अपने बेटे के साथ चुन्नीलाल को स्ट्रेचर पर ले जाने के लिए जूझ रही थीं तो ट्रॉमा सेंटर के बाहर खड़ेे सुरक्षा गार्डों ने उन्हें भीतर जाने नहीं दिया. “यह एक कोविड-19 अस्पताल है इसलिए आपको कहीं और जाना होगा,” गार्ड ने उन्हें कहा. कमजोर और बुजुर्ग जदीबेन रोती रहीं और गार्ड से तब तक गुहार लगाती रहीं जब तक उन्हें अंदर नहीं कर लिया गया. मिनटों बाद चुन्नीलाल के शव को उसी स्ट्रेचर पर वापस लौटा दिया गया.

अस्पताल के स्टाफ ने दावा किया कि अस्पताल पहुंचने से पहले ही चुन्नीलाल की मौत हो चुकी थी लेकिन जदीबेन बोलती हैं, "मैंने इलाज के लिए हर जगह तलाश की, हर जगह.” फिर उन्होंने बताया कि एक गार्ड ने उनसे कहा था, “कोविड-19 रोगियों को लेकर ढेरों एम्बुलेंसें आ रही हैं. हम आप लोगों को यहां खड़े रह कर समय बर्बाद नहीं करने दे सकते.”

अहमदाबाद में सक्रिय कोविड-19 रोगियों की संख्या 30000 से अधिक है. यह अत्यधिक संक्रमण वाले भारतीय शहरों में दसवें स्थान पर है. शहर ने 17 अप्रैल से लगातार हर दिन कोविड-19 के 3000 से अधिक नए मामले दर्ज किए गए और 21 अप्रैल की शाम को नए मामलों की यह संख्या बढ़ कर 3914 हो गई थी. आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि अप्रैल के दूसरे सप्ताह में शहर में ​​कोविड-19 से 20 से 25 लोगों की मौत हुई थी. लेकिन शहर के कागदीवाद नगर श्मशान घाट के एक कर्मचारी ने बताया कि हर दिन कोविड-19 से मरने वाले कम से कम 30 शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है. शहर में कोविड-19 शवों के लिए 18 अन्य श्मशान और चार कब्रिस्तान हैं. स्थानीय समाचार पत्र संदेश के एक रिपोर्टर इम्तियाज उज्जैनवाला ने कहा कि उन्होंने 1200 बिस्तर वाले अहमदाबाद सिविल अस्पताल से एक ही दिन में 63 शवों को निकलते देखा है. उज्जैनवाला ने मुझे बताया, "ये सिर्फ वे शव हैं जिन्हें मैंने 12 अप्रैल को 12 बजे से 5 बजे के बीच अस्पताल से बाहर आते हुए देखा था."

अहमदाबाद के श्मशान घाट में कोविड-19 से हताहत शव के पास बैठा एक परिजन. . कारवां/शाहिद तांत्रे अहमदाबाद के श्मशान घाट में कोविड-19 से हताहत शव के पास बैठा एक परिजन. . कारवां/शाहिद तांत्रे
अहमदाबाद के श्मशान घाट में कोविड-19 से हताहत शव के पास बैठा एक परिजन.
कारवां/शाहिद तांत्रे

17 अप्रैल की रात को कारवां के संवाददाताओं ने अस्पतालों के बाहर एंबुलेंसों की कतारें देखीं जहां कोविड-19 और गैर-कोविड-19 बीमारियों वाले रोगियों को भर्ती करने से इनकार कर दिया और मरीजों के साथ आए लोग शहर के अस्पतालों में परिजनों के शवों को इकट्ठा करने के लिए लाइन लगाए खड़े थे. शेठ वाडीलाल साराभाई अस्पताल के बाहर, जहां जदीबेन अपने पति को लेकर आईं थीं, एम्बुलेंस चालकों ने मुझे बताया कि वह छह घंटों से कोविड​-19 रोगियों को भर्ती करवाने की कोशिश में अस्पताल दर अस्पताल घूम रहे हैं.

चाहत राणा कारवां में​ रिपोर्टिंग फेलो हैं.

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