14 अप्रैल को, निधि जुनेजा ने अपने ससुर के बारे में अपडेट पाने के लिए गुजरात के सूरत में न्यू सिविल अस्पताल के कोविड-19 वार्ड के बाहर सात घंटे इंतजार किया. जुनेजा ने कहा, "मैं यहां सुबह 6 बजे आ गई थी और अब 1 बज चुका है." वह शहर के एक निजी अस्पताल में स्टाफ नर्स हैं. उनके 70 वर्षीय ससुर की 7 अप्रैल को आई जांच रिपोर्ट सकारात्मक थी. अगले दिन उनका ऑक्सीजन का स्तर 85 प्रतिशत तक गिर गया, जो स्वस्थ वयस्क के कम से कम 95 प्रतिशत के स्तर से काफी नीचे था. जुनेजा और उनके पति खुद के लिए ऑक्सीजन सहायता के साथ एक बिस्तर पाने करने के लिए संघर्ष करते रहे, बावजूद इसके कि जुनेजा खुद एक स्वास्थ्य कार्यकर्ता हैं. वह आखिर में उन्हें सरकारी अस्पताल में ले गए, जो एकमात्र अस्पताल था जिसमें अभी भी वेंटिलेटर उपलब्ध थे.
जब से उनके ससुर भर्ती हुए थे जुनेजा को उनकी तबीयत के बारे में कोई खबर नहीं मिली थी. अस्पताल के कर्मचारियों ने उन्हें अपडेट देने से इनकार कर दिया. उन्हें चिंता थी कि उनके ससुर का स्वास्थ्य तेजी से बिगड़ रहा है. जुनेजा ने मुझे बताया, "उन्होंने मुझसे कहा कि हमसे मत पूछो. उन्होंने कहा कि वह मरीजों के मरने का इंतजार कर रहे हैं ताकि अगले रोगी के लिए बिस्तर ठीक हो जाए." जैसा कि मैंने उनसे बात की, अस्पताल के परिचारक हमारे बगल से एक स्ट्रेचर पर एक लाश लेकर दौड़े और उसे शहर के सबसे बड़े शम्सान घाट अश्विनी कुमार की तरफ जाने वाली एक एम्बुलेंस में डाल दिया. जुनेजा ने कहा, "हर दस से पंद्रह मिनट में एक एम्बुलेंस एक मरीज के साथ आती और फिर दस मिनट बाद एक एम्बुलेंस शवों के साथ निकल जाती है," जुनेजा ने कहा. "मुझे कोई उम्मीद नहीं."
गुजरात में सूरत, अहमदाबाद, वडोदरा और राजकोट जैसे शहरों में, बड़ी संख्या में गंभीर रूप से बीमार कोविड-19 रोगियों से अस्पताल प्रभावित हो रहे हैं. पूरे भारत में मार्च और अप्रैल में संक्रमण के प्रकोप के चलते, जिसे देश की दूसरी कोविड-19 लहर कहा गया है, गुजरात से राज्य के शवदाहगारों में मृतकों की भीड़ की तस्वीरें आई हैं. सूरत में आधिकारिक तौर पर 12 मार्च से 14 अप्रैल के बीच कोविड-19 संक्रमण के 24,215 मामले और 215 कोविड-19 मौतें covid19.org पर दर्ज हुईं, जो कोविड-19 के मामलों को ट्रेक् करने की वॉलिंटियर आधारित क्राउडसोर्स वेबसाइट है.
जुनेजा जैसे कई लोग 14 अप्रैल को अस्पताल की कोविड-19 बिल्डिंग के आसपास अटेंडेंट्स से बहस करते हुए, मरीजों के वार्ड में खाना और अन्य जरूरी सामान भेजने की अपील करते हुए और अपडेट मांगते के लिए इकट्ठे हुए. इस बीच, सैकड़ों लोग चिलचिलाती धूप में बाहर के ब्लॉक में रेमेडिसविर खरीदने के लिए लाइन में लगे थे. रेमेडिसविर एक एंटीवायरल ड्रग है जिससे डॉक्टर अस्पताल में भर्ती कोविड-19 मरीजों का इलाज कर रहे हैं. अस्पताल में अनुदानित दर पर दवा बिक रही थी. "कल मैं पूरा दिन यहां था और आज सुबह 5 बजे से हूं और शायद आज भी शाम तक इंतजार करना पड़ेगा," अपने पिता के लिए एक इंजेक्शन पाने के लिए लाइन में खड़े एक युवक, निकुंज दीवानी ने कहा.
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