सरकारी नरसंहार

कैसे मोदी सरकार की अक्षमता ने कोविड-19 की तबाही पैदा की

05 अगस्त 2021
भारत में त्रासदियों में हुई मौतों को अक्सर आंकड़ों के हिसाब-किताब में समेट दिया जाता है. कोविड-19 महामारी में यह बहुत हुआ. कारवां ने प्रयास किया है कि वह महामारी के शिकार अपने देशवासियों की याद को इस तरह जिंदा रखे.
भारत में त्रासदियों में हुई मौतों को अक्सर आंकड़ों के हिसाब-किताब में समेट दिया जाता है. कोविड-19 महामारी में यह बहुत हुआ. कारवां ने प्रयास किया है कि वह महामारी के शिकार अपने देशवासियों की याद को इस तरह जिंदा रखे.

17 अप्रैल की सुबह पश्चिम बंगाल के आसनसोल शहर में एक चुनाव सभा को संबोधित करने नरेन्द्र मोदी भारी हर्ष ध्वनि के बीच मंच पर पहुंचे. मंच पर व्यवस्थित होने के बाद प्रधानमंत्री ने अपना मास्क हटाया, चेहरे को हथेली से पोछा और अपनी लहराती सफेद दाढ़ी पर हाथ फेरा. कुछ पल तक जय जयकार करती भीड़ को उदासीन नजरों से देखते हुए नमस्कार की मुद्रा में जुड़े अपने दोनों हाथों को वह सिर के ऊपर तक ले गए. चुनाव सभा शुरू हो गई थी.

आसनसोल के नीघा एयरबेस के मैदान में भारतीय जनता पार्टी के समर्थक हजारों की संख्या में जुटे थे. आम तौर पर अधिकांश राजनीतिक सभाएं आसनसोल के पोलो ग्राउंड में होती हैं लेकिन मोदी की सभा के लिए नीघा एयर बेस स्थल इसलिए चुना गया था क्योंकि इस मैदान में ज्यादा लोग समा सकते थे. बीजेपी कार्यकर्ताओं को पक्का यकीन था कि भारी संख्या में लोग आएंगे लिहाजा उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए एयरवेज के मैदान की जरूरत है. सवेरे 10:00 बजे तक जैसे-जैसे भीड़ बढ़ने लगी, प्लास्टिक की कुर्सियों पर लोग एक दूसरे से सट कर बैठने लगे या पीछे की ओर एक दूसरे से सटे खड़े हो गए-- सोशल डिस्टेंसिंग का कोई मतलब ही नहीं रहा.

मोदी ने पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल पार्टी और इसकी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर जमकर प्रहार किया और लोग उन्हें सुनते रहे. सभा में मौजूद कुछ लोगों के चेहरे पर ढीले ढाले ढंग से लगे मास्क थे जिन पर प्रायः कमल का चिन्ह बना हुआ था. कुछ की गर्दन से सर्जिकल मास्क लटक रहा था या खुली नाक से नीचे चेहरे पर फंसा हुआ था. बहुत सारे ऐसे लोग थे जो पूरी तरह मास्क विहीन थे. वे मुंह पर हाथ लगाकर खांसते और फिर ऊपर देखते या कैमरे की ओर हाथ हिलाते.

पांच मिनट भाषण देने और कुछ शुरुआती टिप्पणियां करने के बाद मोदी ने एक बार फिर एक छोर से दूसरे छोर तक बैठे लोगों पर नजर फेरी और कहा कि उन्हें एक शिकायत है. उन्होंने कहा कि "मैं यहां पहले भी दो बार आ चुका हूं, लोकसभा चुनावों से पहले दो बार, आपका वोट मांगने... लेकिन उस समय आज के मुकाबले एक चौथाई भीड़ भी यहां नहीं थी." फिर उन्होंने आगे कहा, "आज आपने ऐसा दम दिखाया है, ऐसी ताकत दिखाई है. मैं जहां देखता हूं वहां मुझे लोग ही दिख रहे हैं, बाकी कुछ दिखता ही नहीं.”

मध्य अप्रैल में मोदी ने पश्चिम बंगाल में बड़ी चुनावी रैलियां कीं. यह वह वक्त था जब कोविड-19 तेजी से फैल रहा था.. पीटीआई मध्य अप्रैल में मोदी ने पश्चिम बंगाल में बड़ी चुनावी रैलियां कीं. यह वह वक्त था जब कोविड-19 तेजी से फैल रहा था.. पीटीआई
मध्य अप्रैल में मोदी ने पश्चिम बंगाल में बड़ी चुनावी रैलियां कीं. यह वह वक्त था जब कोविड-19 तेजी से फैल रहा था.
पीटीआई

चाहत राणा कारवां में​ रिपोर्टिंग फेलो हैं.

कमेंट