निजी अस्पताल के डॉक्टरों का दावा पंजाब सरकार ने महंगे टीके खरीदने के लिए डाला दबाव

14 जनवरी 2021 को पंजाब के अमृतसर में एक वैक्सीन स्टोरेज सेंटर में कोविड-19 के टीके आने पर वैन का चालक जीत का इशारा करते हुए. मई और जून के बीच पंजाब सरकार ने राज्य के निजी अस्पतालों को ढाई गुना अधिक कीमत पर टीके बेचे.
रामिंदर पाल सिंह / ईपीए
14 जनवरी 2021 को पंजाब के अमृतसर में एक वैक्सीन स्टोरेज सेंटर में कोविड-19 के टीके आने पर वैन का चालक जीत का इशारा करते हुए. मई और जून के बीच पंजाब सरकार ने राज्य के निजी अस्पतालों को ढाई गुना अधिक कीमत पर टीके बेचे.
रामिंदर पाल सिंह / ईपीए

मई से जून के बीच पंजाब सरकार ने राज्य के निजी अस्पतालों को ढाई गुना से अधिक कीमत पर टीके बेचे. निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने मुझे बताया कि राज्य ने अस्पतालों को सीधे निर्माताओं को ऑर्डर देने के बजाय सरकार से बढ़े हुए दामों पर टीके खरीदने के लिए अपने प्रभाव का प्रयोग किया. इसका मतलब यह है कि पंजाब में लोगों की सरकारी टीकों तक पहुंच सीमित थी. टीके निजी अस्पतालों को भेजे गए और अस्पतालों ने जनता से बहुत अधिक शुल्क वसूला. जिन डॉक्टरों से मैंने बात की उनके अनुसार कुछ बड़े निजी अस्पतालों ने सेवा शुल्क के रूप में कीमत को और बढ़ा कर छोटे निजी अस्पतालों को बेचा. इसके कारण कुछ लोगों को टीकों के लिए तीन गुना कीमत चुकानी पड़ी. उन्हें टीके के एक डोज के लिए 1560 रुपए तक देने पड़े.

पंजाब ने मार्च की शुरुआत में निजी अस्पतालों को वैक्सीन लगाने की मंजूरी दी. 1 मार्च को भारत के महत्वाकांक्षी टीकाकरण कार्यक्रम का दूसरा चरण शुरू हुआ जिसका उद्देश्य 60 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों और 45 वर्ष से अधिक आयु के उन लोगों का टीकाकरण करना था जिन्हें ​पहले से ही गंभीर बीमारियां थीं. दो दिन पहले स्वास्थ्य मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक वंदना गुरनानी ने एनएचएम के राज्य स्तरीय मिशन निदेशकों को एक पत्र भेजा था कि निजी अस्पताल केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना आयुष्मान भारत कार्यक्रम या किसी भी राज्य की स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत लोगों का टीकाकरण कर सकते हैं.

पत्र में निर्दिष्ट किया गया है, "कोविड टीकाकरण केंद्रों के रूप में कार्य करने वाले निजी अस्पतालों द्वारा वसूल किए जाने वाला सेवा शुल्क 100 रुपए प्रति व्यक्ति प्रति खुराक की सीमा से अधिक नहीं होगा." पत्र में आगे कहा गया है, “इसके अलावा निजी अस्पताल टीके की खुराक की लागत के रूप में प्रति व्यक्ति प्रति खुराक 150 रुपए की वसूली करेंगे. इसलिए निजी अस्पतालों द्वारा वसूली योग्य कुल राशि की वित्तीय सीमा 250 रुपए प्रति व्यक्ति प्रति खुराक है. 150 रुपए का शुल्क वैक्सीन की खुराक की लागत थी जिसे एक केंद्रीकृत बैंक खाते में भेजा जाना था. इसके बाद पंजाब सरकार ने राज्य के निजी अस्पतालों में वैक्सीन का स्टॉक बांटना शुरू कर दिया.

22 अप्रैल को पंजाब सरकार ने यह भी घोषणा की कि लागत की परवाह किए बिना वह हर वयस्क के लिए मुफ्त टीकाकरण सुनिश्चित करेगी. राज्य सरकार ने इसके लिए पंजाब के 2021-22 के बजट में आवंटन किया था. हालांकि अप्रैल के अंत तक राज्य में कोविड​​-19 मामले की दर तेजी से बढ़ी.

30 अप्रैल को मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने चिंता जाहिर करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को एक पत्र भेजा. पत्र में कहा गया है, "हमें कोविशील्ड की 33.43 लाख खुराक और कोवैक्सिन की 3.34 लाख खुराक मिली हैं और इनमें से अधिकांश का उपयोग होने के बाद केवल 1-2 दिनों के टीकाकरण के लिए स्टॉक बचा है. 18-44 वर्ष आयु वर्ग के टीकाकरण के उद्घाटन के साथ टीकाकरण की मांग में अचानक वृद्धि हुई है. जबकि राज्य टीकाकरण के तीसरे चरण के लिए वैक्सीन निर्माताओं के संपर्क में है. भारत सरकार द्वारा प्राथमिकता श्रेणियों के लिए उपलब्ध कराई जा रही आपूर्ति बहुत कम है और टीकाकरण की कमी के कारण लाभार्थी वापस लौट रहे हैं.'' सिंह ने अनुरोध किया कि केंद्र सरकार कोविशिल्ड की 30 लाख और कोवैक्सिन की 10 लाख खुराक पंजाब को तत्काल मुहैय्या कराए.

जतिंदर कौर तुड़ वरिष्ठ पत्रकार हैं और पिछले दो दशकों से इंडियन एक्सप्रेस, टाइम्स ऑफ इंडिया, हिंदुस्तान टाइम्स और डेक्कन क्रॉनिकल सहित विभिन्न राष्ट्रीय अखबारों में लिख रही हैं.

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