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26 अप्रैल रात 9 बजे तक पंजाब केसरी समूह के 19 कर्मचारियों के संपर्क में आकर 16 अन्य लोग कोरोना संक्रमित हो चुके थे. यह जानकारी एक स्वास्थ्य अधिकारी और एक जिला प्रशासन के अधिकारी ने मुझे दी है. 26 अप्रैल की रात 9 बजे तक पंजाब के जालंधर जिले में कोविड-19 के 68 मामले थे. इस तरह इस जिले के कुल मामलों में पंजाब केसरी के मामलों का प्रतिशत 48 है. स्वास्थ्य कर्मचारी ने बताया कि 25 अप्रैल तक इस समूह के लोगों के 200 नमूने लिए जा चुके थे और उनके संपर्क में आने वालों की तलाश जारी है और हो सकता है कि इनसे संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या और बढ़े.
समूह के उपाध्यक्ष और संयुक्त संपादक अविनाश चोपड़ा ने मुझे बताया कि समूह ने अपने सभी कर्मचारियों को मध्य अप्रैल से घर से काम करने या वर्क फ्रॉम होम के लिए कहा था. चोपड़ा ने दावा किया कि उनका अखबार मार्च के शुरू में ही कोविड-19 के लिए आवश्यक सावधानियों अपनाने लगा था. उन्होंने बताया कि उनके एक कर्मचारी की जांच पॉजिटिव आने के बाद पंजाब केसरी समूह ने जिला अधिकारियों को अपने कार्यलय के सभी कर्मचारियों की कोविड-19 जांच करने को कहा था. उन्होंने बताया कि जांच के परिणाम 50 घंटे बाद आए. उन्होंने कहा, “उस दौरान क्या हुआ कि मान लीजिए मैं संक्रमित हूं तो मैं अपने संपर्क में आने वाले लोगों को भी संक्रमित कर दूंगा. इस तरह यह संक्रमण हमारे समूह और शहर में फैल गया.”
पंजाब कश्मीर समूह हिंदी में पंजाब केसरी, ऊर्दू में हिंद केसरी और पंजाबी भाषा में जग बाणी अखबार प्रकाशित करता है. पंजाब के मीडिया में खबर थी कि एक भाषाई खबर से कोरोना के मामले सामने आए हैं लेकिन किसी ने भी पंजाब केसरी का नाम नहीं लिया. समूह का बहु मंजिला कार्यालय घनी आबादी वाले पक्का बाग इलाके में स्थित है और इसके चारो ओर संकरी गलियों का जाल-सा है. जिला प्रशासन के अधिकारी ने मुझे बताया कि वे लोग इस बात की जांच कर रहे हैं कि कार्यालय में सोशल डिसटेंसिग का पालन किया गया था या नहीं.
वायरस की चपेट में आने वाले तकरीबन तीन कर्मचारी ऑफिस के पास किराए के मकानों में रहते हैं. पंजाब केसरी के कर्मचारी के एक 70 साल के मकान मालिक को जब कोरोनावायरस संक्रमण हुआ, तो कोविड-19 संक्रमण वाले कर्मचारियों के रहने वाली सभी जगहों को सील कर दिया गया. पंजाब केसरी के सब-एडिटर के पिता और उनके संपर्क में आए छह लोग कोविड-19 पॉजिटिव निकले हैं. फिलहाल सब-एडिटर की रिपोर्ट अभी नहीं आई है.
अप्रैल में पंजाब केसरी के दो स्टाफ दूध की गाड़ी में हिमाचल प्रदेश के चम्बा गए थे. अधिकारी ने बताया कि उन्हें पकड़ लिया गया था और जांच करने पर उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई थी.
इस बारे में जब मैंने चोपड़ा से पूछा तो उनका कहना था, “वे लोग इसलिए भागे थे कि जिस तरह की जांच हम यहां करा रहे थे और जैसी बंदिशे हमने लगाईं थीं उनसे वे लोग अपने घर जाने के लिए तरसने लगे. वे लोग छुट्टी का आवेदन देकर भागे थे हालांकि उनकी छुट्टी मंजूर नहीं हुई थी.”
चोपड़ा ने यह भी बताया कि वायरस संक्रमण का शिकार होने वाला पहला कर्मचारी पेज डिजाइनर था. उन्होंने बताया कि वह पेज डिजाइनर “एक धार्मिक व्यक्ति” के संपर्क में था जो विदेश से आया था और जो कोविड-19 का पंजाब में पहला केस था. “हमें यह नहीं पता था. वह यहां काम कर रहा था और धार्मिक व्यक्ति के संपर्क में भी था. अप्रैल के पहले सप्ताह में ही वह पेज डिजाइनर सर्दी और बुखार की शिकायत कर छुट्टी पर चला गया.” जब मैंने चोपड़ा से पूछा कि क्या डिजाइनर ने उस धार्मिक व्यक्ति का नाम बताया था तो उनका कहना था, “नहीं और यहीं से सारी चीज गड़बड़ा गई.”
चोपड़ा के मुताबिक अप्रैल के पहले हफ्ते में एक महिला की उस इलाके में मौत हो गई जहां पेज डिजाइनर रहता था. यह तब हुआ जब उसी “धार्मिक व्यक्ति ने वहां रहने वाले दूसरे लोगों से संपर्क किया.” जिला प्रशासन के अधिकारियों ने उस इलाके के सभी लोगों को क्वारंटीन कर दिया. चूंकि ऐसे इलाकों के सभी लोगों की जांच कि जाती है तो उस जांच में डिजाइनर भी पॉजिटिव निकला.
चोपड़ा ने बताया कि इस घटना के बाद उनके समूह ने अपने स्टाफ के सभी लोगों और मालिकों और प्रबंधन के परिजनों की जांच कराई. जालंधर में टेस्टिंग मशीन नहीं हैं इसलिए नमूनों को अमृतसर भेजा गया और रिजल्ट आने में 50 घंटे लगे. 25 अप्रैल को चोपड़ा ने मुझे बताया कि पिछले हफ्ते “सोमवार या मंगलवार” से उनका ऑफिस पूरी तरह से बंद है और पूरा स्टाफ अपने घरों से काम कर रहा है.
शहीद भगत सिंह नगर (नवांशहर) जिले के 70 साल के ग्रंथी बलदेव सिंह राज्य के पहले कोविड-19 पीड़ित थे. वह मार्च के आरंभ में इटली से लौटे थे और 8 और 10 मार्च के बीच आयोजित होला मोहल्ला में शामिल हुए थे. जिला प्रशासन और स्वास्थ्य अधिकारियों ने चोपड़ा के इस दावे से इनकार किया कि डिजाइनर को बलदेव से संक्रमण हुआ था.
मैंने नवांशहर के महामारीविद श्याम वेद से बात की जो बलदेव के संपर्क में आए लोगों को ट्रेस कर रही हैं. वेद ने मुझे बताया कि केसरी का कर्मचारी बलदेव से संक्रमित नहीं हो सकता क्योंकि यदि वह संपर्क वालों की सूची में होता तो उसे क्वारंटीन किया जाता.” उन्होंने बताया कि बलदेव के साथ संपर्क में आने के चलते जिन लोगों को नवांशहर में आइसोलेट किया गया था उन सबकी छुट्टी कर दी गई है. बलदेव के उन चार रिश्तेदारों की भी छुट्टी कर दी गई है जो पॉजिटिव पाए गए थे और जिनका इलाज जालंधर सिविल अस्पताल में चल रहा था. स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि पेज डिजाइनर का नाम बलदेव से संपर्क वालों की सूची में नहीं था. यही बात जालंधर के उपायुक्त वरिंदर कुमार शर्मा ने भी कही.
स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि बलदेव की सूची में पेज डिजाइनर के घर के आसपास की किसी महिला का नाम नहीं है. स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि वे लोग पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि डिजाइनर को किससे संक्रमण हुआ है.
स्वास्थ्य अधिकारी और जिला प्रशासन के अधिकारी के अनुसार 13 अप्रैल को पता चला था कि डिजाइनर कोविड पॉजिटिव है. वह गंभीर किस्म के श्वास संक्रमण के कारण जालंधर सिविल अस्पताल में भर्ती था. शर्मा ने बताया, “उसके संपर्क में आने वाले चार लोगों को कोरोना संक्रमण हुआ है. हमने सभी को सिविल अस्पताल के आइसोलेशन केंद्र भेज दिया है और समाचारपत्र का ऑफिस और उसके पास की दो गलियों को सील कर दिया है.” उन्होंने आगे कहा, “जिन इलाकों में ये मरीज रहते थे उनको सील कर दिया गया है और उनके संपर्क में आए लोगों को क्वारंटीन कर दिया गया है.”
चोपड़ा ने दावा किया कि उनके समूह ने जरूरी कदम उठाए थे. “मार्च के आरंभ से ही हमने स्टाफ का तापमान लेना शुरू कर दिया था. स्पेन, इटली और चीन की हालत देखते हुए और विश्व स्वास्थ्य संगठन के निर्देशों के तहत हम बाकियों के पहले से ही उन्हें मास्क, दस्ताने और सैनिटाइजर आदि दे रहे थे. हम खांसी, गले में दर्द, बुखार और थाकन महसूस करने की शिकायत वालों को या जिनको सांस लेने में तकलीफ हो रही थी उनको छुट्टी दे रहे थे.” शर्मा ने कहा, “हमने अपने दो ऐसे वरिष्ठ कर्मचारियों को तब छुट्टी पर भेज दिया था जब दुबई में काम करने वाले उनके पति लौट रहे थे.”
पंजाब के विशेष मुख्य सचिव केबीए सिद्धू ने मुझे बताया कि प्रशासन रोगियों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने कहा, “अभी यह नहीं कहा जा सकता कि किसकी गलती है लेकिन यदि ऐसा कोई मामला सामने आता है तो कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी."
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