कोविड-19 से संबंधित इन 10 सवालों का जवाब दे मोदी सरकार

29 मई 2021
28 जनवरी 2021 को बजट सत्र के पहले दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी.
सोनू मेहता / हिंदुस्तान टाइम्स
28 जनवरी 2021 को बजट सत्र के पहले दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी.
सोनू मेहता / हिंदुस्तान टाइम्स

1. करदाताओं के पैसों से प्रयोजित भारत बायोटेक की वैक्सीन (कोवैक्सीन) का विकास पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी ने किया है. फिर भी यह देश के नागरिकों को निशुल्क क्यों नहीं है?

25 अप्रैल को भारत बायोटेक ने घोषणा की थी कि वह कोवैक्सीन की कीमत राज्यों के लिए 600 रुपए प्रति डोज और निजी अस्पतालों के लिए 1200 रुपए डोज कर रही है. इस बीच उसने घोषणा की कि वह केंद्र सरकार को कोवैक्सीन 150 रुपए की दर से उपलब्ध करेगी. कुछ दिन बाद कंपनी ने कहा कि वह राज्यों को वैक्सीन 400 प्रति डोज देगी जबकि पहले उसने बताया था कि वह कीमत 200 रुपए प्रति डोज कर देगी. भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कोवैक्सीन के विकास में बायोटेक भारत को सहायता और अनुदान दिया है. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में सार्स-कोवी-2 स्ट्रेन को अलग कर टीका बनाया गया है. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी आईसीएमआर की प्रयोगशाला है. इसके बावजूद कंपनी ने दावा किया कि पूर्व में उसने सरकार से एक भी पैसा नहीं लिया है और इसलिए वैक्सीन के विकास और उत्पादन में आए खर्च के चलते यह कीमत तय की है. यदि कंपनी का यह दावा सही भी है तो भी इस विकट महामारी में सरकार को इस खर्च की भरपाई कर सुनिश्चित करना चाहिए कि कीमत के डर से लोग टीका लगाने से परहेज न करें.

2. सरकार ने फाइजर, मोडेर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन के टीकों को भारत आने देने में देरी क्यों की?

कोविड-19 टीकाकरण को शुरू हुए पांच महीने हो गए हैं लेकिन भारत में केवल दो ही टीके- कोविशील्ड कोवैक्सीन- उपलब्ध हैं. कोविशील्ड का विकास सीरम इंस्टीट्यूट फॉर इंडिया ने और कोवैक्सीन का विकास भारत बायोटेक ने किया है. सरकार ने अपनी वैक्सीन कूटनीति के तहत भारत में निर्मित वैक्सीनों को बाहर निर्यात किया लेकिन भारत में वैक्सीन की आपूर्ति के प्रयास नहीं किए. परिणामस्वरूप भारत में वैक्सीन की कमी हुई और मौतों का आंकड़ा आसमान छूने लगा. अभी हाल में ही सरकार ने रूस की गामालेया इंस्टीट्यूट द्वारा विकसित स्पुटनिक-पांच के भारत में वितरण को मंजूरी दी है. इसे डॉ. रेड्डी लैबोरेट्रीज देश में वितरण कर रही है.

सरकार ने बहुत ढीले-ढाले तरीके से वैक्सीनों को मंजूरी दी है. फाइजर ने भारत में वैक्सीन आपूर्ति करने की इच्छा जाहिर की थी और उसने दिसंबर में आपातकालीन मंजूरी के लिए आवेदन किया था लेकिन जब भारत में ब्रिजिंग ट्रायल की शर्त रखी तो उसने अपना आवेदन वापस ले लिया. फिलहाल सरकार ने इस शर्त को हटा दिया है. सरकार ने ऐसा मामलों के बढ़ने के बाद किया है. खबरों के मुताबिक, यह वैक्सीन जुलाई में भारत में उपलब्ध हो जाएगी. इससे पहले सरकार ने कहा था कि वह फाइजर, मोडेर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन से औपचारिक बात करेगी लेकिन उनके साथ यह चर्चा संभवत: अगस्त के बाद ही हो पाएगी.

Keywords: coronavirus COVID-19 Deaths covidshield Covid-19 vaccine COVID-19
कमेंट