Thanks for reading The Caravan. If you find our work valuable, consider subscribing or contributing to The Caravan.
11 अगस्त 2020 को उत्तर पूर्वी दिल्ली के सुभाष मोहल्ले में कारवां के पत्रकार शाहिद तांत्रे, प्रभजीत सिंह और एक महिला पत्रकार पर भीड़ ने हमला किया. हमलावर भीड़ ने तांत्रे की मुस्लिम पहचान के चलते उन्हें निशाना बनाया. भीड़ ने तांत्रे को मारा और उन्हें सांप्रदायिक गालियां दी और महिला पत्रकार का यौन उत्पीड़न किया. एक प्रौढ़ अपनी पैंट उतार कर महिला के सामने नंगा खड़ा हो गया. इसके बाद भीड़ ने महिला पत्रकार के साथ मारपीट की.
हमले के दो दिन बाद 13 अगस्त को प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने इस बारे में एक बैठक आयोजित की जिसमें प्रसिद्ध लेखिका अरुंधति रॉय, जानेमाने अधिवक्ता प्रशांत भूषण, प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के अध्यक्ष आनंद सहाय और कारवां के पॉलिटिकल एडिटर हरतोष सिंह बल ने अपनी बात रखी एवं प्रभजीत और तांत्रे ने अपनी आपबीती सुनाई और महिला पत्रकार ने एक वक्तव्य साझा किया जिसे वहां पढ़कर सुनाया गया.
पुलिस ने इस मामले में अब तक एफआईआर दर्ज नहीं की है.