यूपी चुनाव : हिंसक हो रहे बजरंग दल और विहिप, गैर हिंदुओं को घाटों में न आने की धमकी और चर्च के आगे हनुमान चालीसा का पाठ

08 जनवरी 2022
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उग्र संगठन बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद ने बनारस में सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने वाले पोस्टर लगाए हैं. इन पोस्टरों में गैर हिंदुओं को घाटों में न आने तथा बनारस के व्यवसायियों को नए साल एवं क्रिसमस जैसे त्योहारों में बेची जाने वाली वस्तुओं का कारोबार न करने की धमकी दी गई है.
सौजन्य : दिवाकर
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उग्र संगठन बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद ने बनारस में सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने वाले पोस्टर लगाए हैं. इन पोस्टरों में गैर हिंदुओं को घाटों में न आने तथा बनारस के व्यवसायियों को नए साल एवं क्रिसमस जैसे त्योहारों में बेची जाने वाली वस्तुओं का कारोबार न करने की धमकी दी गई है.
सौजन्य : दिवाकर

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उग्र संगठन बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद बनारस में सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने वाले पोस्टर लगा रहे हैं. बनारस के 84 घाटों पर लगे “प्रवेश प्रतिबंधित गैर हिंदू” नाम के शीर्षक वाले पोस्टर के नीचे लिखा है- “मां गंगा काशी घाट व मंदिर सनातन धर्म भारतीय संस्कृति श्रद्धा व आस्था के प्रतीक हैं, जिनकी आस्था सनातन धर्म में हो उनका स्वागत है. अन्यथा यह क्षेत्र पिकनिक स्पॉट नहीं है.” इस पोस्टर के नीचे लिखा है, “यह निवेदन नहीं चेतावनी है.”

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संसदीय क्षेत्र बनारस आस्थाओं का केंद्र है. दुनिया भर से हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, जैन और बौद्ध पर्यटक यहां हर साल आते हैं. लेकिन जबसे विहिप और बजरंग दल ने घाटों और अन्य स्थानों पर ये पोस्टर लगाने शुरू किए हैं लोगों के मन में कई सवाल और भय ने घर कर लिया है.

इससे पहले 25 दिसंबर को बजरंग दल ने चांदमारी स्थित एक गिरजाघर के सामने हनुमान चालीसा का पाठ किया था. मीडिया में प्रकाशित खबरों के अनुसार इन संगठनों के लोगों ने चर्च आने वालों के साथ दुर्व्यवहार कर उनसे जबरन जय श्रीराम के नारे भी लगवाए.

1 जनवरी को पोस्टर जारी करने से पहले बजरंग दल ने एक विज्ञप्ति जारी कर बनारस के कारोबारियों को “आध्यात्मिक पहचान के साथ खिलवाड़ न करने” की चेतावनी दी थी.

30 दिसंबर को जारी विज्ञप्ति में लिखा है, “काशी नगरी हिंदुओं की आस्था और सांस्कृतिक परंपरा का केंद्र बिंदु है. दुनिया में इसे भारत की सांस्कृतिक राजधानी भी कहा जाता है. दुनिया के कोने-कोने से लोग यहां धर्म, ज्ञान, आध्यात्म और मोक्ष की कामना लेकर आते हैं. काशी की महत्वपूर्ण पहचान इस नगर की प्राचीनता और आध्यात्मिकता है. लेकिन कुछ व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, शॉपिंग मॉल, क्लबों द्वारा पाश्चात्य त्योहारों के नाम से धर्मांतरण जैसे घृणित अपराध को बढ़ावा देने व नववर्ष मनाने के नाम पर देर रात तक शराब पार्टी आदि के माध्यम से युवक एवं युवतियों का सामाजिक पतन किया जा रहा है और हमारी धार्मिक आस्थाओं के मानबिंदुओं को भंग करने का कार्य किया जा रहा है एवं हमारी आस्थाओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.” इस विज्ञप्ति में आगे धमकी दी गई है कि, “बजरंग दल काशी महानगर उन सभी प्रतिष्ठानों को यह सख्त चेतावनी देता है कि काशी की धार्मिक आध्यात्मिक पहचान के साथ खिलवाड़ करना बंद करें व पाश्चात्य संस्कृति के नाम पर अश्लीलता का जो नंगा नाच चल रहा है उसे बंद करें, अन्यथा जो भी दुष्परिणाम होगा उसके जिम्मेदार वे स्वयं होंगे.”

सुनील कश्यप कारवां के स्टाफ राइटर हैं.

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