व्हाट्सएप ग्रुप, वर्चुअल रैलियां और वॉर रूम : बिहार चुनाव में बीजेपी का पलड़ा भारी

15 सितंबर 2020
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 7 जून को दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के मुख्यालय से एक वर्चुअल रैली को संबोधित किया. रैली का नाम था बिहार जन सम्मान. यह बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए किसी भी राजनीतिक दल द्वारा की गई पहली रैली थी. बीजेपी राज्य में जनता दल (यूनाइटेड) के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन का एक हिस्सा है.
अरुण शर्मा / पीटीआई
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 7 जून को दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के मुख्यालय से एक वर्चुअल रैली को संबोधित किया. रैली का नाम था बिहार जन सम्मान. यह बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए किसी भी राजनीतिक दल द्वारा की गई पहली रैली थी. बीजेपी राज्य में जनता दल (यूनाइटेड) के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन का एक हिस्सा है.
अरुण शर्मा / पीटीआई

बिहार में भारतीय जनता पार्टी के आईटी सेल के संयोजक मनन कृष्ण ने मुझे बताया, “हमने मतदाताओं के बीच सकारात्मक समाचार प्रसारित करने के उद्देश्य से एक लाख से अधिक व्हाट्सएप ग्रुप तैयार किए हैं.”

बिहार में इस अक्टूबर अथवा नवंबर में विधानसभा चुनाव होने की उम्मीद है और यह नोवेल कोरोनवायरस महामारी के बीच भारत में होने वाला पहला मतदान होगा. भारतीय निर्वाचन आयोग ने कोविड-19 के मद्देनजर चुनावों के लिए व्यापक दिशानिर्देश जारी किए हैं और खासतौर बिहार के लिए कुछ विशिष्ट सिफारिशें भी की हैं. आयोग ने खुले चुनाव अभियान पर प्रतिबंध लगाया है. नतीजतन, राजनीतिक दलों को मतदाताओं से जुड़ने के लिए डिजिटल ढांचा खड़ा करना पड़ा है और इस काम में बीजेपी, जो राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन का एक हिस्सा है, अपने सभी प्रतिद्वंद्वियों और सहयोगियों से बहुत आगे है.

बिहार विधानसभा का कार्यकाल 29 नवंबर को समाप्त हो रहा है और चुनाव आयोग ने कहा है कि वह नई सरकार के गठन के लिए समय पर चुनाव आयोजित करेगा. हालांकि तारीखों की घोषणा अभी तक नहीं की गई है. कृष्ण के अनुसार, बीजेपी 2020 की शुरुआत से ही चुनावी मोड में है. “हमने फरवरी में तैयारी शुरू कर दी थी और अब ऐसा लग रहा है कि हमें वर्चुअल माध्यम पर ज्यादा निर्भर रहना पड़ेगा. दरअसल बीजेपी ने 7 जून को आयोजित बिहार जन संवाद वर्चुअल रैली से दिल्ली से केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की चुनावी सभा की शुरूआत की थी. समाचार एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मतदाताओं तक पहुंचने के लिए राज्य भर में लगभग दस हजार एलईडी स्क्रीन और पचास हजार से अधिक स्मार्ट टीवी लगाए गए थे. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने दावा किया कि पूरे बिहार में लगभग चालीस लाख लोगों ने शाह की रैली देखी. कृष्ण ने मुझे बताया कि यह भाषण राज्य के सभी 72227 बूथों पर लाइव स्ट्रीम किया गया था.

कृष्ण के अनुसार, बीजेपी को अपने व्हाट्सएप नेटवर्क के जरिए दो करोड़ लोगों तक पहुंचने की उम्मीद है और यह राज्य के हर एक मतदान केंद्र को कवर करेगा. उन्होंने कहा, "हम बूथ स्तर तक घुसना चाहते थे और इसे हमने सफलतापूर्वक कर लिया है." उन्होंने आगे बताया कि "इन समूहों की सामग्री पूरी तरह से सकारात्मक होगी." उन्होंने मुझे बताया कि उन्हें केंद्र और राज्य स्तर पर पार्टी नेतृत्व द्वारा स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि इन्हें सकारात्मक रखा जाए. हमारी सरकार ने बहुत कुछ किया है जिस पर हम प्रकाश डालेंगे.” सत्तारूढ़ गठबंधन में जनता दल (युनाइटेड), जिसके प्रमुख मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं, लोक जनशक्ति पार्टी और पांच निर्दलीय सदस्य हैं. कृष्ण ने दावा किया, “हम फेसबुक और ट्विटर पर जो कुछ भी डालते हैं उसे व्हाट्सएप से भेजेंगे.”

उधर कांग्रेस के बिहार आईटी सेल प्रमुख संजीव सिंह के अनुसार मुख्य विपक्षी गठबंधन के पास पूरे बिहार के लिए 3800 व्हाट्सएप समूह हैं. सिंह ने मुझे बताया कि उनका अगले दो महीनों में 10000 ग्रुप बनाने का लक्ष्य है. “बीजेपी के पास संसाधनों और धन की कोई कमी नहीं है. कांग्रेस पार्टी ऐसी नहीं है. यह पार्टी कार्यकर्ताओं के एक प्रतिबद्ध कैडर पर निर्भर है. हममें और उनमें यही अंतर है," उन्होंने कहा.

तुषार धारा कारवां में रिपोर्टिंग फेलो हैं. तुषार ने ब्लूमबर्ग न्यूज, इंडियन एक्सप्रेस और फर्स्टपोस्ट के साथ काम किया है और राजस्थान में मजदूर किसान शक्ति संगठन के साथ रहे हैं.

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