दिल्ली गोल्फ क्लब के 66 कर्मचारियों ने अवैध बर्खास्तगी के खिलाफ अदालत में डाली अर्जी

22 अगस्त 2020
मई 2020 में दिल्ली गोल्फ क्लब ने 66 कर्मचारियों की सेवाओं को समाप्त कर दिया गया. कर्मचारियों ने अपनी नौकरी वापस पाने के लिए कई प्रयास किए हैं. उन्होंने कई अधिकारियों को उनकी बर्खास्तगी की अवैधताओं के बारे में लिखा है और नियमित रूप से क्लब के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
उत्कर्ष/कारवां
मई 2020 में दिल्ली गोल्फ क्लब ने 66 कर्मचारियों की सेवाओं को समाप्त कर दिया गया. कर्मचारियों ने अपनी नौकरी वापस पाने के लिए कई प्रयास किए हैं. उन्होंने कई अधिकारियों को उनकी बर्खास्तगी की अवैधताओं के बारे में लिखा है और नियमित रूप से क्लब के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
उत्कर्ष/कारवां

13 अगस्त को दिल्ली गोल्फ क्लब के करीब 35 पूर्व कर्मचारियों ने, जिनकी सेवा दो महीने पहले समाप्त कर गई थी, क्लब परिसर के बाहर आंदोलन किया और अपनी बहाली की मांग की. निकाले गए कुल 66 कर्मचारी हैं और ये मध्य दिल्ली में स्थित इस पॉश क्लब के खाद्य और पेय विभाग में कार्यरत थे. कर्मचारियों ने मुझे बताया कि उनमें से कई 30-40 वर्षों से क्लब में काम कर रहे थे लेकिन उन्हें केवल तीन दिन का नोटिस देकर काम से निकाल दिया गया. उन्होंने अपनी नौकरी वापस पाने के लिए कई प्रयास किए हैं. उन्होंने कई अधिकारियों को गैरकानूनी तरीके से सेवा समाप्त कर देने के बारे में लिखा और नियमित रूप से क्लब के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

क्लब की जनरल कमेटी ने 24 अप्रैल को खाद्य और पेय विभाग को बंद करने और अपने कर्मचारियों को बर्खास्त करने का फैसला किया था लेकिन कर्मचारियों 28 मई को इसकी सूचना दी गई. क्लब ने नोवेल कोरोनावायरस महामारी के कारण होने वाले राजस्व घाटे और कर्मचारियों को दिए जा रहे ऊंचे वेतन का हवाला देकर कर्मचारियों को बर्खास्त किया था. नौकरी से हटा दिए गए सीनियर वेटर इंतकाब अली ने मुझे बताया, "उन्होंने ऐसा कोई संकेत नहीं दिया था कि हमारा अनुबंध समाप्त हो जाएगा."

कर्मचारियों ने मुझे बताया कि उनका अनुबंध 31 मार्च को समाप्त हो गया था लेकिन क्लब का प्रबंधन उनके रोजगार के नियमों और शर्तों पर बातचीत कर हर तीन से पांच सालों में अनुबंधों को नवीनीकृत कर देता था. कर्मचारियों ने मुझे बताया कि इस वर्ष वार्ता के दौरान उन्होंने वित्तीय घाटे के प्रकाश में 2014 के बाद से प्राप्त लाभ को पेश करने की पेशकश की थी. इसके अलावा, दिल्ली गोल्फ क्लब कर्मचारी संघ के अध्यक्ष राम पाल ने मुझे बताया कि कर्मचारियों ने 31 मई तक क्लब में काम किया.

बर्खास्तगी के आदेश के बाद से, दिल्ली गोल्फ क्लब कर्मचारी संघ ने कई अधिकारियों को यह कहते हुए लिखा है कि क्लब के छंटनी प्रक्रिया में कई अवैधताएं देखी गईं हैं और ऐसा करते हुए औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 और आपदा प्रबंधन अधिनियम के कई प्रावधानों का उल्लंघन हुआ है. कर्मचारियों ने केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार के श्रम आयुक्त और यहां तक कि दिल्ली उच्च न्यायालय में दो याचिकाएं दायर कीं. गोल्फ क्लब के अध्यक्ष आरएस बेदी ने आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि अब खाद्य और पेय विभाग को आउटसोर्स किया जा रहा है. जब मैं नौकरी से निकाले गए कर्मचारियों से बात कर रही थी तो उन लोगों ने विश्वासघात और असहायता की भावना व्यक्त की. 53 वर्षीय जमील हुसेन ने कहा, "17 साल पहले जब मैं यहां नौकरी में लगा था तो मेरा वेतन 650 रुपए था. जिन लोगों के पास 8-10 लाख रुपए हैं, वे अभी भी वहां काम कर रहे हैं. वे अभी भी वहां क्यों हैं और हमें क्यों बाहर निकाल दिया गया? "

ऐतिहासिक दिल्ली गोल्फ क्लब राजधानी का कुलीन क्लब है. यह जाकिर हुसैन रोड पर 179 एकड़ भूमि पर फैला है. यह जमीन 1950 के दशक के आरंभ में केंद्र सरकार ने क्लब को लीज पर दी थी. भले ही जमीन की कीमत 65000 करोड़ रुपए से अधिक हो लेकिन उच्च न्यायालय दायर में कर्मचारियों की एक याचिका के अनुसार, क्लब प्रत्येक महीने केंद्र सरकार को केवल 16620 रुपए प्रति एकड़ टोकन लाइसेंस शुल्क का भुगतान करता है. शहरी विकास मंत्रालय ने अपने तीन अधिकारियों को क्लब की सामान्य समिति के सदस्यों के रूप में नामित किया है. क्लब आवेदन और सदस्यता शुल्क लेता है. इसके अलावा, सदस्यता के लिए चुने गए आवेदकों के लिए प्रवेश शुल्क 3.5 लाख रुपए से लेकर 15 लाख रुपए तक है.

निलीना एम एस करवां की स्टाफ राइटर हैं. उनसे nileenams@protonmail.com पर संपर्क किया जा सकता है.

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