क्या मिजोरम की कम अपराध दर जबरन माफ करवाने की संस्कृति का नतीजा है?

23 फ़रवरी 2021
नवंबर 2003 में मिजोरम में आईजोल की सड़कों पर गश्त लगाते सुरक्षाकर्मी. मिजोरम में अपराधों को लेकर पुलिस की प्रतिक्रिया पर चर्चा करते हुए मिजोरम के कई लोगों ने बताया कि आपराधिक मामलों पर अक्सर उतना ध्यान नहीं दिया जाता जितना इस कम आबादी वाले राज्य में दिया जाना चाहिए क्योंकि बलात बिरादरी की संस्कृति कई बार न्याय के रास्ते में आ जाती है.
पीटीआई
नवंबर 2003 में मिजोरम में आईजोल की सड़कों पर गश्त लगाते सुरक्षाकर्मी. मिजोरम में अपराधों को लेकर पुलिस की प्रतिक्रिया पर चर्चा करते हुए मिजोरम के कई लोगों ने बताया कि आपराधिक मामलों पर अक्सर उतना ध्यान नहीं दिया जाता जितना इस कम आबादी वाले राज्य में दिया जाना चाहिए क्योंकि बलात बिरादरी की संस्कृति कई बार न्याय के रास्ते में आ जाती है.
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26 अक्टूबर 2020 को एक 24 वर्षीय महिला ने अपने परिवार को बताया कि मिजोरम के सकरावदई शहर के सरकारी चिकित्सक जेएच वनलालनमुमाविया ने उस दिन सुबह उसका बलात्कार करने की कोशिश की थी. महिला के भाई आर लालेंगमाविया ने मुझे बताया कि परिवार ने उस रात सकरावदई पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की थी लेकिन प्रभारी अधिकारी वीएल जावम्लिआना ने अगले दिन तक इस मामले में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज नहीं की. जब मैंने जावम्लिआना से देरी के बारे में पूछा, तो उन्होंने कहा, “कुछ सुधार किए जाने थे और आरोपियों के माता-पिता रात को ही माफी मांगने के लिए आए थे और उन्होंने हमसे उनका इंतजार करने का अनुरोध किया. इसलिए हमने इसे 27 अक्टूबर को पंजीकृत किया.” लालेंगमाविया ने कहा, "मुझे नहीं पता कि पुलिस क्या करने वाली है लेकिन उसने हमें आरोपी को माफ करने के लिए कहा."

तीन अलग-अलग आपराधिक मामलों में शिकायतकर्ताओं के परिवारों ने मुझे पुलिस के साथ काम के दौरान आने वाली कठिनाइयों के बारे में बताया. तीनों ने कहा कि पुलिस ने उनकी मदद नहीं की जिससे उन्हें जांच पर संदेह हुआ. दो मामलों में परिवारों ने कहा कि उन्होंने अपनी शिकायतों में संज्ञेय अपराधों का उल्लेख किया था लेकिन सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट निर्देश के बावजूद पुलिस एफआईआर दर्ज करने से हिचक रही थी जबकि ऐसे मामलों में यह अनिवार्य है. तीसरे मामले में 32 वर्षीय जैकी एन की हत्या के संबंध में उनके परिवार ने मुझे बताया कि उन्होंने पुलिस को बताया कि उनके पास डॉक्टर का पर्चा है जिसमें लिखा है कि उनके साथ मारपीट की गई थी लेकिन अधिकारियों ने उनकी शिकायत में इसे "लड़ाई" लिख दिया.

मिजोरम देश के उन राज्यों में से है जहां अपराध दर सबसे कम है. 2019 में यहां हिंसक अपराध के केवल 163 मामले सामने आए. मिजोरम में अपराधों को लेकर पुलिस की प्रतिक्रिया पर चर्चा करते हुए मिजोरम के कई लोगों ने मुझे बताया कि यहां आपराधिक मामलों पर अक्सर उतना ध्यान नहीं दिया जाता जितना दिया जाना चाहिए क्योंकि बलात बिरादरी की संस्कृति कई बार न्याय के रास्ते में आ जाती है.

24 वर्षीय महिला के भाई के मुताबिक इस मामले में भी पुलिस की शुरुआती प्रतिक्रिया इसी बात की तरफ इशारा करती है. वह अपने परिवार के साथ आइजोल के एक पहाड़ी गांव सकरावदाई में रहती है. लालेंगमिया ने मुझे बताया कि वह 26 अक्टूबर को काम के लिसिलसिले में पड़ोसी शहर डार्लोन चली गई थी. वह और उसकी एक सहेली उस रात वनलालनामुमिया के साथ वापिस आ रहे थे, जिसे वह एक अन्य सहयोगी के माध्यम से जानते थे. लालेंगमाविया के अनुसार, उनकी बहन ने कहा कि वनलालनमुमाविया ने पहले उसके दोस्त को छोड़ा और फिर उसे परेशान करना शुरू कर दिया. लालेंगमाविया ने कहा कि उनकी बहन ने उनसे कहा, ''उसने मुझे नशा करने के लिए मजबूर करने की कोशिश की, मैंने इनकार कर दिया. फिर उसने मुझे छूने की कोशिश की, मैं मना करती रही. वह जबरदस्ती करता रहा.” उन्होंने कहा कि वनलालनमुमिया नशे में था वह कह रहा था कि अगर वह नहीं मानी तो उसे जान से मार देगा.

सकरावदई से लगभग तीन किलोमीटर दूर लालनगामविया के अनुसार, डॉक्टर ने कार को सड़क के किनारे की ओर बढ़ा दिया और उसे एक पेड़ से टकरा दिया. लालेंगमिया ने कहा, "अगर पेड़ नहीं होता तो वे मर जाते." उनकी बहन भागने में कामयाब रही. उन्होंने पास से गुजरती एक कार को रोका और घर तक छोड़ने के लिए कहा.

किमी कॉलनी कारवां की रिपोर्टिंग फेलो हैं.

Keywords: Mizoram police
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