"अब शहादत की बारी मेरी है," लखीमपुर के मृतक किसान लवप्रीत सिंह के पिता

5 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के चौकरा फार्म क्षेत्र में लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए सबसे कम उम्र के 20 वर्षीय लवप्रीत के दाह संस्कार के लिए सैकड़ो लोग एकत्रित हुए.
नबीला पनियत/कारवां
5 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के चौकरा फार्म क्षेत्र में लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए सबसे कम उम्र के 20 वर्षीय लवप्रीत के दाह संस्कार के लिए सैकड़ो लोग एकत्रित हुए.
नबीला पनियत/कारवां

5 अक्टूबर की सुबह उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के चौकरा फार्म इलाके में भारी पुलिस बल की तैनाती के बीच एक घर के बाहर सैकड़ों की संख्या में लोग जमा हैं. दो दिन पहले लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में जान गंवान वाले सबसे कम उम्र के 20 वर्षीय लवप्रीत सिंह के दाह संस्कार के लिए यह भीड़ जमा हुई है.

तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया के पास गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की कारों ने विरोध कर रहे किसानों को रौंद दिया था. घटनास्थल पर मौजूद प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया है कि टेनी का बेटा आशीष और उसके आदमियों ने किसानों को रौंदा है. 5 अक्टूबर को चौकरा फार्म में मौजूद रहे सिमरनजीत सिंह घटना के बाद लवप्रीत को अस्पताल पहुंचाने वालों में से एक थे. सिमरनजीत ने बताया कि लवप्रीत बोल रहे थे, “मेरी दो बहने हैं मेरी जान बचा लो. मेरे पास पैसे नहीं हैं.” सिमरनजीत के मुताबिक जब वह अस्पताल से सिर्फ पांच किलोमीटर दूर थे तभी लवप्रीत ने दम तोड़ दिया. लवप्रीत के अलावा हिंसा में तीन किसान, भारतीय जनता पार्टी के दो कार्यकर्ता, एक कार ड्राइवर और एक पत्रकार सहित कुल सात लोगों की जान गई.

5 अक्टूबर की सुबह लवप्रीत का शव उसके घर के आंगन में कांच के ताबूत में रखा हुआ था. उसके शरीर पर संगठन के अध्यक्ष नरेंद्र टिकैत और उसके संस्थापक महेंद्र सिंह टिकैत की तस्वीर वाला भारतीय किसान यूनियन का झंडा रखा था. परिवार ने आशीष टेनी के खिलाफ एफआईआर की कॉपी न मिलने तक अंतिम संस्कार न करने का प्रण लिया हुआ था. चौकरा फार्म पर आए लोग आशीष की गिरफ्तारी के बारे में बातचीत कर रहे थे. हिंसा के करीब बारह घंटे बाद इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी जिसमें आशीष और 15-20 अन्य व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की आठ धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. आरोपियों पर आईपीसी की धारा 302 और 304ए के तहत अपराध लगाए गए हैं. फिर भी उस समय तक आशीष के बारे में कोई जानकारी पुलिस के पास नहीं थी जबकि हिंसा से पहले ही आशीष ने राज्य में होने वाले आगामी चुनावों में संभावित उम्मीदवार के रूप में अपना प्रचार करना शुरू कर दिया था. 9 अक्टूबर को आशीष को गिरफ्तार कर लिया गया.

केंद्र सरकार में राज्य मंत्री अजय ने हिंसा के समय अपने बेटे की वहां मौजूदगी से इनकार किया है. अजय खीरी निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा सांसद है और लखीमपुर खीरी इसी जिले का एक हिस्सा है.

उस दिन दोपहर के समय हिंसा की जांच और मृतक के परिवारों के लिए मुआवजे को लेकर प्रशासन के साथ बातचीत करने वाले प्रमुख किसान नेता राकेश टिकैत भी लवप्रीत के घर पहुंच गए थे. लवप्रीत के घर के आंगन में घुसते ही टिकैत ने कहा कि गुरविंदर का दूसरा पोस्टमॉर्टम कराया जाना चाहिए. प्रत्यक्षदर्शियों और गुरविंदर के परिवार ने मीडिया को बताया था कि गुरविंदर को हिंसा के दौरान गोली मारी गई थी.

प्रभजीत सिंह स्वतंत्र पत्रकार हैं.

सुनील कश्यप कारवां के स्टाफ राइटर हैं.

Keywords: Lakhimpur Kheri Farmers' Protest
कमेंट