उत्तराखंड में दलित मुद्दों की रिपोर्टिंग करने पर पत्रकार गिरफ्तार

02 मार्च 2022
किशोर राम
फोटो सौजन्य : अजय प्रकाश
किशोर राम
फोटो सौजन्य : अजय प्रकाश

22 फरवरी 2022 को उत्तराखंड पुलिस ने न्यूज वेबसाइट जनज्वार के पत्रकार किशोर राम के खिलाफ समुदायों के बीच सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने और जातीय वैमनस्य फैलाने का आरोप लगा कर आईपीसी की धारा 153ए के तहत मुकदमा दर्ज किया है. जिसके बाद 24 फरवरी को किशोर राम को गिरफ्तार कर पिथौरागढ़ जेल भेज दिया गया. यह समाचार लिखे जाने तक किशोर को जमानत नहीं मिली है.

किशोर राम लगातार दलित, पिछड़ों और गरीबों से जुड़े मुद्दों पर रिपोर्टिंग कर रहे हैं. वह स्वयं जाति से दलित हैं. जिन दो मामलों की वीडियों के आधार पर किशोर को हिरासत में लिया गया है वे दो अलग-अलग मामले हैं. पहला मामला एक दलित युवक की हत्या से जुड़ा है जिसमें 13 फरवरी को पिथौरागढ़ के डीडीहाट ब्लॉक के भैसोढ़ी गांव में युवक रामी राम की पत्थरों से कुचलकर हत्या कर दी गई थी. किशोर राम उस घटना की रिपोर्टिंग करने और मृतक के परिजनों से बात करने पहुंचे थे. परिजनों ने किशोर को बताया कि 13 फरवरी को रामी राम को राजेंद्र देउपा ने फोन करके बुलाया था जिसके बाद गोकुल देउपा पर रामी राम की हत्या की हत्या कर दी गई. रामी राम की पत्नी के आरोप लगाते हुए बताया कि उनका पति कांग्रेस समर्थक था इसलिए बीजेपी से जुड़े लोगों ने उसकी हत्या कर दी.

दूसरा मामला दो नाबालिक दलित लड़कियों के साथ दुष्कर्म से जुड़ा है. एक वीडियो में किशोर राम से बातचीत के दौरान लड़की के पिता बताते हैं कि 18 जनवरी की रात को गौरव बिष्ट और किशन नाम के दो लड़कों ने कार में घुमाने के बहाने उनकी बेटियों को चंगुल में फंसाया फिर पूरी रात उसके साथ दुष्कर्म कर टनकपुर-पिथौरागढ़ हाइवे पर छोड़ दिया. दोनों ही मामलों में पीड़ितों के परिजन प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगा रहे हैं. उन्होंने प्रशासन पर मामलों में कार्रवाई करने में ढिलाई बरतने के आरोप लगाए हैं. दलित लड़की के पिता ने बताया कि उन्होंने प्रशासन से कार्रवाई करने के लिए कहा लेकिन मामले को टाल दिया गया और साथ ही उनके साथ मुजरिमों जैसा बर्ताव किया गया.

पत्रकार किशोर के खिलाफ पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर में आरोप है कि "यूट्यूब और फेसबुक पर प्रसारित किए गए दो वीडियों की सोशल मीडिया मोनिटरिंग सेल द्वारा 22 फरवरी को जांच की गई थी जिसमें पाया गया था कि जनज्वार न्यूज पोर्टल के पत्रकार लोगों से बाइट लेते हुए बार-बार उनकी जाति के बारे में पूछ रहे हैं. विडियो में सवर्ण द्वारा अनुसूचित जाति के लोगों की हत्या करने की बात कही जा रही है जिससे दो जाति विशेष के मध्य सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास किया जा रहा है."

बीते 15 दिनों में उत्तराखंड में जनज्वार के पत्रकार पर किया गया यह दूसरा मुकदमा है. पहला मुकदमा चुनावी कवरेज करने जा रहे जनज्वार के संपादक अजय प्रकाश की गाड़ी को रोक कर एआरटीओ ने अजय प्रकाश के खिलाफ सरकारी काम में बाधा पहुंचाने का मुकदमा दर्ज किया था. 7 फरवरी 2022 को उधम सिंह नगर जिले के पुल भट्टा थाने में दर्ज की गई एफआईआर संख्या 0024 में उनपर भारतीय दंड संहिता की धाराएं 186, 188, 269, 270, 253 और आपदा प्रबंधन एक्ट की धारा 56 लगाई गई हैं.

अंकिता कारवां में ट्रेनी जर्नलिस्ट हैं.

Keywords: Uttarakhand Dalit journalism Assembly Elections 2022
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