बीजेपी के गढ़ बरेली में उदासीनता और गुस्सा

नरेन्द्र मोदी, योगी आदित्यनाथ और बरेली से बीजेपी के उम्मीदवार छत्रपाल सिंह गंगवार 26 अप्रैल को रोड शो के दौरान भीड़ का अभिवादन करते हुए. विकिमीडिया कॉमन्स

उत्तर प्रदेश के रोहिलखंड क्षेत्र के वाणिज्यिक केंद्र बरेली का एक समृद्ध इतिहास और कई नाम हैं. यह पंचाल के प्राचीन साम्राज्य की राजधानी थी, जो महाभारत के अनुसार, द्रौपदी का घर था. यहां कई शिव मंदिर हैं जिसके चलते इसे नाथ नगरी कहा जाता है. साथ ही यहां उन्नीसवीं शताब्दी के इस्लामी विद्वान और कवि अहमद रजा खान की दरगाह होने के कारण इसे बरेलवी शरीफ भी कहा जाता है. खान, अल हजरत के नाम से मशहूर हैं, जिन्होंने वहाबी पंथ के प्रभाव को रोकने के लिए बरेलवी पंथ की नींव धरी. आज, यह शहर अपने बांस के फर्नीचर के लिए जाना जाता है जिसकी दुनिया भर में मांग है.

बरेली में 2024 के आम चुनाव के तीसरे चरण में 7 मई को मतदान हुआ. पहले दो चरणों में मतदान प्रतिशत काफी कम रहा था - उत्तर प्रदेश में पहले चरण में 61.1 फीसदी और दूसरे में 55.2 फीसदी वोट पड़े, दोनों ही राष्ट्रीय औसत से काफी कम थे. इस निर्वाचन क्षेत्र में 57.9 फीसदी मतदान हुआ, जो इस चरण में उत्तर प्रदेश की दस सीटों पर हुए मतदान के औसत के लगभग बराबर है.

बरेली में बीजेपी ने अपने आठ बार के विधायक, 75 वर्षीय पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार को दरकिनार कर कुर्मी समाज के ही छत्रपाल सिंह गंगवार को टिकट दिया, जिन्होंने 2017 में बहेड़ी विधानसभा सीट जीती थी लेकिन पांच साल बाद वह हार गए थे. समाजवादी पार्टी ने यहां से प्रवीण सिंह ऐरन को उम्मीदवार बनाया है, जिन्होंने 2009 में कांग्रेस के टिकट पर संतोष गंगवार को हराया था. इस बीच, बहुजन समाज पार्टी के छोटेलाल गंगवार का नामांकन पत्र अधूरा होने के कारण उनकी उम्मीदवारी रद्द हो गई. मतदान से कुछ दिन पहले बरेली में जिन मतदाताओं और नेताओं से हमने बात की, उनके मुताबिक बीजेपी और एसपी के बीच कड़ी टक्कर थी. इंडस न्यूज टीवी के एसोसिएट एडिटर संतोष शाक्य ने हमें बताया, "मोदी का अब उतना प्रभाव नहीं है जितना 2014 या 2019 में था. इस बार यहां कांटे की लड़ाई है. लोग अपने मुद्दों को लेकर बहुत आक्रामक नज़र आते हैं.”

ऐरन ने हमें बताया, "लोग मोदी का चेहरा देखते-देखते थक गए हैं. वह दूसरे नेताओं को जेल भेजने की कोशिश करते रहते हैं, ताकि खुद सुर्खियों में बने रहें और अब वह चार सौ से ज्यादा सीटें जीतने का दावा कर रहे हैं. इससे लोग डरे हुए हैं और उनके सामने चुनौती खड़ी हो गई है.” मोदी पर लोकतंत्र के बुनियादी सिद्धांतों का उल्लंघन करने और अपने मतदाताओं को धोखा देने का आरोप लगाते हुए ऐरन ने कहा, "लाखों युवा बेरोजगार हैं और आप नौकरी के लिए आवेदन के लिए पैसे इकट्ठा करके और प्रश्न पत्र लीक करके उनके साथ खिलवाड़ कर रहे हैं." लोगों ने बीजेपी का असली रूप देख लिया है. हिंदुओं के पास नौकरियां नहीं हैं और खेत आवारा जानवर बर्बाद कर रहे हैं. अस्पतालों की हालत ख़राब है और उन्होंने स्वास्थ्य बजट में कटौती कर दी है. आज, कीमतें बढ़ रही हैं, साथ ही बेरोजगारी भी बढ़ रही है.”