वित्त वर्ष 2017-18 में भारतीय जनता पार्टी को 553 करोड़ रुपए चंदा अज्ञात स्रोतों से प्राप्त हुआ. जो कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी (बसपा), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), तृणमूल कांग्रेस और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) को प्राप्त कुल चंदे से चार गुना अधिक है. 20000 हजार रुपए से कम रकम के चंदे को अज्ञात चंदा माना जाता है क्योंकि प्राप्तकर्ता पार्टियां इन चंदे के स्रोतों को उजागर करने के लिए बाध्य नहीं हैं. चुनाव सुधार के मुद्दे पर काम करने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के अनुसार, बीजेपी को अज्ञात स्रोतों से प्राप्त चंदा, उपरोक्त सभी छह पार्टियों को 2017-18 में ऐसे ही स्रोतों से प्राप्त 689.44 करोड़ रुपए चंदे का 80 प्रतिशत है.
एडीआर ने अज्ञात स्रोतों से इन छह पार्टियों को प्राप्त चंदे की गणना पार्टियों द्वारा दायर आयकर रिटर्न के आधार पर की है. एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस को इस वित्त वर्ष में 119.91 करोड़ रुपए का चंदा मिला है जो छह पार्टियों को प्राप्त कुल चंदे का 17.4 प्रतिशत है. इसी वित्त वर्ष में बीएसपी को 10 करोड़ 67 लाख रुपए और एनसीपी को 5 करोड़ 37 लाख रुपए चंदा प्राप्त हुआ है. तृणमूल कांग्रेस को 10 करोड़ 40 लाख रुपए और सीपीआई को सबसे कम 30 हजार रुपए चंदा मिला. एडीआर ने अपनी रिपोर्ट में सीपीएम को मिले चंदे को शामिल नहीं किया है क्योंकि इस पार्टी ने आयकर विभाग के समक्ष आवश्यक दस्तावेज जमा नहीं कराए हैं.
एडीआर ने अज्ञात स्रोतों से प्राप्त चंदे को विभिन्न श्रेणियों में रखा है. जैसे, स्वेच्छिक सहयोग, निर्वाचन बॉण्ड, कूपन की बिक्री से प्राप्त और विविध चंदा. निर्वाचन बॉण्ड अज्ञात तौर पर चंदा देने के लिए वित्तीय प्रपत्र होता है जिसे 2017-18 के बजट से नरेन्द्र मोदी सरकार ने शुरू किया है. बीजेपी को प्राप्त कुल चंदे का बड़ा हिस्सा यानि 210 करोड़ रुपए निर्वाचन बॉण्ड से आया है और कांग्रेस को 5 करोड़ रुपए इन्हीं बॉण्डों के जरिए मिला है.
इस महीने के शुरू में एडीआर ने एक और रिपोर्ट जारी की थी जिसमें राजनीतिक दलों को मिलने वाले 20 हजार रुपए से अधिक के चंदे का विश्लेषण किया था. उस रिपोर्ट में बताया गया कि ज्ञात स्रोतों से मिले चंदे का भी बड़ा हिस्सा बीजेपी की झोली में गया है. बीजेपी को कुल 469.89 करोड़ रुपए ज्ञात स्रोतों से प्राप्त हुआ है जो निर्वाचन आयोग को पार्टियों द्वारा बताए गए चंदे का 93 प्रतिशत है.
ताजा रिपोर्ट में एडीआर ने राष्ट्रीय पार्टियों को प्राप्त चंदे की तुलना की है. इस रिपोर्ट में निर्वाचन आयोग को दी गई ज्ञात स्रोतों की जानकारी, अन्य ज्ञात स्रोतों से प्राप्त चंदा और अज्ञात स्रोतों से मिले चंदे की समीक्षा है. बीजेपी को संपत्ति की बिक्री, सदस्यता फीस, शिष्ठमंडल फीस, बैंक ब्याज और साहित्य की बिक्री से 136.48 करोड़ रुपए मिला. इस संयुक्त विश्लेषण से भारतीय राजनीतिक पार्टियों को इस वित्त वर्ष में प्राप्त चंदे की सटीक जानकारी मिलती है.
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2017-18 में बीजेपी की आय 1027 करोड़ 34 लाख रुपए है. इस रकम का 53 प्रतिशत हिस्सा अज्ञात स्रोतों से आया है. प्रतिशत के हिसाब से कांग्रेस पार्टी को अपनी कुल आय 199 करोड़ 15 लाख रुपए का 60 प्रतिशत अज्ञात स्रोतों से प्राप्त हुआ है.
एडीआर की पिछली रिपोर्ट में बताया गया है कि विगत 12 सालों से बीएसपी निर्वाचन आयोग को बता रही है कि उसे 20 हजार रुपए से अधिक का चंदा कभी नहीं मिला. अपनी ताजा रिपोर्ट में बीएसपी ने कहा है कि 2017-18 में उसे 51 करोड़ 69 लाख रुपया चंदे में मिला है जिसका 20 प्रतिशत अज्ञात स्रोतों से आया है. एनसीपी की आय का 65 प्रतिशत हिस्सा अज्ञात स्रोतों से आया है. इस पार्टी की कुल आय 8 करोड़ 15 लाख रुपए है. तृणमूल कांग्रेस की कुल आमदनी 5 करोड़ 16 लाख रुपए है जिसका 2 प्रतिशत अज्ञात स्रोतों से आया है. इसी प्रकार सीपीआई की कुल आमदनी 1 करोड़ 55 लाख रुपए है. उसे 1 प्रतिशत से भी कम अज्ञात स्रोतों से मिला है.
कुल मिलाकर छह राष्ट्रीय पार्टियों को प्राप्त 1293 करोड़ रुपए के चंदे का 53.32 प्रतिशत अज्ञात स्रोतों से आया है और बीजेपी की कुल आय, सभी छह राष्ट्रीय दलों की कुल आमदनी का 80 प्रतिशत है.
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