दिल्ली की सीमाओं सहित देशभर में चल रहे किसान आंदोलन के नेताओं में से एक राकेश टिकैत, मुजफ्फरनगर के ही रहने वाले हैं। 28 जनवरी 2021 को गाजीपुर सीमा पर जब पुलिस किसानों से आंदोलन स्थल खाली करवाने के लिए आई तो टिकैट की समाचार चैनलों में प्रसारित भावुक अपील ने मुजफ्फरनगर के किसानों को आंदोलित कर दिया. सैकड़ों किसान ट्रैक्टर और ट्रॉलियों में अपने नेता का साथ देने रातो-रात गाजीपुर के लिए रवाना हो गए. जो नहीं आ रहे थे उन्हें औरतें चूड़िया दे रहीं थी. इसके बाद आंदोलन का विस्तार तेजी से हुआ और देशभर में किसान महापंचायतें होने लगीं.
29 जनवरी की सुबह नरेश टिकैत के नेतृत्व में मुजफ्फरनगर में एक बड़ी पंचायत हुई जिसमें हजारों लोगों ने भाग लिया. महापंचायत में लोकदल, कांग्रेस, सपा और आम आदमी पार्टी के नेताओं ने भी भाग लिया. मुजफ्फरनगर के कई गांवों के बाहर “बीजेपी नेताओं का यहां आना मना है” के पोस्टर लग गए. साथ ही क्षेत्र के सांसद और बीजेपी नेता संजीव बालियान के साथ सोरम गांव में हाथापाई तक हो गई. (मुजफ्फरनगर की सभी छह विधान सभा सीटों पर बीजेपी का कब्जा है और यहां के जिला पंचायत अध्यक्ष का पद भी बीजेपी के पास है.)
फिलहाल उत्तर प्रदेश में 58194 ग्राम पंचायत और 3051 जिला पंचायत एवं 826 ब्लॉक प्रमुखों के चयन के लिए 75805 त्रिस्तरीय क्षेत्र पंचायत चुनाव हो रहे हैं. यह चुनाव चार चरणों में, 15, 19, 26 और 29 अप्रैल, को संपन्न होंगे. मतगणना 2 मई को की जाएगी.
मुजफ्फरनगर की 43 जिला पंचायत सीटों में 17 सामान्य के लिए, 7 महिला (सामान्य), 7 पिछड़ी जाति, 4 पिछड़ी जाति (महिला), 4 अनुसूचित जाति और 3 अनुसूचित जाति (महिला) के लिए आरक्षित है. इस बार जिला पंचायत अध्यक्ष सीट पिछड़ी जाति के लिए आरक्षित है.
मुजफ्फरनगर में 43 जिला पंचायत, 498 ग्राम पंचायत, 1058 क्षेत्र पंचायत और 6800 पंचायत सदस्यों का चुनाव होना है. इन चुनावों में 17 लाख छह हजार मतदाता वोट देंगे. जिला पंचायत सदस्यों के चुनावों के लिए 744 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं.
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