हिंदू राष्ट्र के एजेंडा को आगे बढ़ाता योगी का शपथ ग्रहण

2018 में आयोजित विश्व हिंदू परिषद के कार्यक्रम में भाग लेते मुख्यमंत्री आदित्यनाथ. संजय कनौजिया / एएफपी / गैटी इमेजिस

योगी आदित्यनाथ ने आज लखनऊ के भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेयी इकाना क्रिकेट स्टेडियम में दूसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. समारोह से पहले भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारियों ने पार्टी के निर्देशानुसार राज्य भर में मंदिरों में पूजा की. मुख्यमंत्री ने अपने शपथ ग्रहण समारोह में 50 से अधिक साधु-संतों को आमंत्रित किया था. समारोह में शामिल होने वालों में राम जन्मभूमि न्यास के प्रमुख सदस्य और वाराणासी, मथुरा और वृंदावन के पुजारी भी थे.

प्रदेश में पिछले 37 सालों में लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने वाले वह पहले नेता हैं. कट्टर हिंदू नेता की छवि वाले गोरखनाथ मठ के महंत आदित्यनाथ के इस दूसरे कार्यकाल में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का काम पूरा होना है साथ ही उनके इसी कार्यकाल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के एक सौ साल पूरे हो रहे हैं.

इससे पहले 20 मार्च को बीजेपी के प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ल ने पार्टी कार्यकर्ताओं को शपथ ग्रहण समारोह की तैयारी के बारे में परिपत्र भेज कर तैयारी की रूपरेखा बताई थी. 12 बिंदुओं वाले इस पत्र में प्रदेश के “जिलों के सामाजिक वर्ग के प्रमुख नेताओं सहित समाजसेवी, लेखक-साहित्यकार, प्रोफेशनल, डॉक्टर, इंजीनियर, धार्मिक मठ-मंदिरों के साधु-संतों को आमंत्रित” करने को कहा गया था. साथ ही शुक्ल ने परिपत्र में निर्देश दिया था कि सभी जिलों के प्रमुख चौराहों और बाजारों में कार्यक्रम के होर्डिंग लगाई जाएं और सजाया जाए. साथ ही शपथ ग्रहण कार्यक्रम में आने से पूर्व पार्टी के कार्यकर्ताओं को 25 मार्च “प्रातः 8 से 10 बजे शक्ति केंद्र स्तर पर मंदिरों में लोककल्याण के लिए पूजन का कार्यक्रम तय करने और संपन्न कराने” का निर्देश दिया गया था.

सहारा समय के वरिष्ठ पत्रकार आलोक गुप्ता 2017 और इस बार के शपथ ग्रहण कार्यक्रम के फर्क के बारे में बताते हैं. उन्होंने बताया कि पिछली बार बीजेपी ने यूपी चुनाव बिना मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा किए लड़ा था. उस चुनाव का चेहरा प्रधानमंत्री मोदी थे और आयोजन स्मृति उपवन में हुआ था जबकि इस बार क्रिकेट स्टेडियम में हो रहा है. गुप्ता ने बताया, “उत्तर प्रदेश के सभी जिलों और गांवों में इस उपलक्ष्य में उत्सव मनाया जा रहा है.”

इस बारे में मैंने बीजेपी के मेरठ के पिछड़ा प्रकोष्ठ कार्य समिति सदस्य के राकेश कुमार से बात की. कुमार भी इस समारोह में शामिल होने लखनऊ जा रहे थे. उनका कहना था, “हमारे लिए यह शपथ ग्रहण समारोह एक उत्सव है. पूरे प्रदेश में हमारी पार्टी इसको हिंदू उत्सव की तरह मना रही है और इतने लंबे समय बाद कोई राजनीतिक दल प्रदेश में लगातार दूसरी बार सरकार में आया है. जश्न की पूरी तैयारी है. हमारा हिंदुत्व का एजेंडा हमेशा ऊपर रहा है और अभी से 2024 की भी तैयारी शुरू हो गई है.” उन्होंने बताया कि “हम इस समरोह से ज्यादा से ज्यादा हिंदुओ को जोड़ना चाहते हैं. वे जितने जुड़ेंगे, उतना हमारी पार्टी को फायदा होगा. सारी जिला कमेटियों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने यहां के सभी कार्यकर्ताओं को लेकर आए. पार्टी चाहती है कि उसके प्रत्येक कार्यकर्ता को महसूस हो कि उसने किस तरह मेहनत करके पार्टी को जीत दिलाई है. यह उसी का सम्मान है.”

मथुरा-वृंदावन के रहने वाले सतानंद महाराज ने मुझसे कहा कि “योगी जी का शपथग्रहण समारोह हमारे लिए गर्व का विषय है. कहें तो पूरे भारत के लिए गर्व का विषय है. यह समारोह विश्व भर में हिंदुत्व को मानने वालों के लिए भी गर्व का विषय है.” वह कहते हैं कि “योगी आज के एक हिंदू राजा हैं जो हिंदुओं के हृदय में राज करते हैं और आगे भी करते रहेंगे”. महाराज मानते हैं कि योगी हिंदुओ को मान-सम्मान और प्रतिष्ठा दिलाने वाले हैं. उन्होंने कहा, “ऐसे माननीय योगी आदित्यनाथ जी महाराज शपथ ग्रहण करने जा रहे हैं, यह हम सबके लिए और साथ ही उन महात्माओं के लिए, जो तीर्थों और मंदिरों में रहते हैं तथा सनातन धर्म का प्रचार करते हैं, गौरव का विषय है.”

महाराज मानते हैं कि “भारत में एक समय ऐसा था जब लोग, आज के जम्मू-कश्मीर और पश्चिम बंगाल की तरह, जय श्रीराम बोलने में घबराते थे लेकिन आज उत्तर प्रदेश में वे बेखौफ जय श्री कृष्ण और जय श्रीराम बोल रहे हैं.” महाराज जोर देकर कहते हैं, “अब हम लोग हिंदू राष्ट्र की ओर बढ़ रहे हैं और अगर भगवान श्रीराम ने चाहा तो साल 2027 तक हिंदू राष्ट्र निश्चित हो जाएगा.” वह कहते हैं कि संत चाहते हैं “भविष्य में माननीय योगी आदित्यनाथ देश के प्रधानमंत्री भी बनें. माननीय मोदी जी अपने कार्य को पूर्ण करेंगे और उसके बाद योगी जी आगे आकर कमान संभालेंगे. पूरा राष्ट्र उनके स्वागत और प्रतीक्षा में है.”

महाराज ने बताया कि मथुरा के सभी संतों को बुलाया गया है. उन्होंने कहा, “वे सभी जो भगवान श्री कृष्ण और श्रीराम के और राष्ट्र के प्रति समर्पित हैं, उन सभी संतों को बुलाया गया है और उसी में मेरा भी नाम है. भगवान राम की कृपा से हम सभी लोग पहुंचेंगे और इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में सम्मिलित हो कर अपने आप को सौभाग्यशाली समझेंगे.” महाराज कहते हैं, “आप समझिए कि हिंदुत्व को लेकर यह (शपथ ग्रहण) बड़ा कार्य हो रहा है. योगी किसी पार्टी या व्यक्ति विशेष के नहीं हैं वह संपूर्ण भारतवर्ष के हैं. आज से आठ साल पहले रामराज्य की स्थापना करने वाले लोग सत्ता में नहीं थे. उस समय देश की स्थिति कमजोर थी जबकि अब इस विश्व में हमारे भारतवर्ष का गौरवपूर्ण स्थान है. आज छोटे-बड़े सभी देश भारत की ओर टकटकी लगाए हुए हैं क्योंकि भारतवर्ष ही ऐसा देश है जो सबको सुख-शांति और समृद्धि प्रदान कर सकता है.” उन्होंने आगे कहा, “यह शपथ समारोह नहीं है, यह हिंदू राष्ट्र बनाने का उद्धघोष है. कल इसका शंखनाद लखनऊ की धरती से हो रहा है.”