पूर्व आईएएस अधिकारी कन्नन गोपीनाथन ने सेवा में सात साल रहने के बाद, इस साल अगस्त में अपने पद से इस्तीफा दे दिया. गोपीनाथन ने मीडिया को बताया कि कश्मीर मामले में सरकार के हाल में उठाए कदम के खिलाफ उन्होंने ऐसा किया.
अपने पद से इस्तीफा देने के समय गोपीनाथन दादरा और नागर हवेली में सचिव थे. इस साल हुए आम निर्वाचन के दौरान वह इस केंद्र शासित प्रदेश के रिटर्निंग अधिकारी थे. सितंबर में गोपीनाथन ने ईवीएम और वीवीपैट में छेड़छाड़ की संभावना का मुद्दा उठाया था.
हाल में इस मामले में स्वतंत्र पत्रकार श्रीराग पीएस ने गोपीनाथन से बातचीत की और उनके इस्तीफा देने के बाद की घटनाओं पर उनके विचार जाने.
श्रीराग पीएस : आपने हाल ही के अपने ट्वीट में दावा किया था कि निर्वाचन प्रक्रिया में गड़बड़ी की संभावनाएं हैं. क्या आप इस बारे में हमें विस्तार से बताएंगे?
कन्नन गोपीनाथन : उस ट्वीट में मैंने वोटर वैरिफायबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) को लेकर अपनी चिंताओं को साफ कर दिया था. मैंने बताया था कि इस व्यवस्था को चुनावों के लिए अपनाए जाने से पहले, चुनाव प्रक्रिया ज्यादा सुरक्षित थी. वीवीपैट को लाए जाने से दो चीजें हुईं. सबसे पहले तो, वीवीपैट, बैलेट इकाई (ईवीएम) जिस पर लोग अपना वोट दर्ज करते हैं और इलेक्ट्रॉनिक तरीके से वोट को रिकॉर्ड करने वाली नियंत्रण इकाई के बीच की चीज है. इसे लाए जाने से पहले बैलेट बॉक्स नियंत्रण इकाई से प्रत्यक्ष रूप से जुड़ा होता था. लेकिन अब यह (बैलेट बॉक्स) वीवीपैट से जुड़ा होता है और वीवीपैट नियंत्रण इकाई से.
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