कश्मीर की सिख युवती ने कोर्ट से कहा, मर्जी से की शादी, मर्जी से कबूल किया इस्लाम

26 जून को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 64 के तहत मजिस्ट्रेट को दिए बयान में युवती ने कहा है कि 16-17 साल की उम्र में 2020 में उसने अपनी मर्जी से इस्लाम कबूल किया था और शाहिद के साथ उसका संबंध पांच साल पुराना है.
संजीव वर्मा / हिंदुस्तान टाइम्स
26 जून को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 64 के तहत मजिस्ट्रेट को दिए बयान में युवती ने कहा है कि 16-17 साल की उम्र में 2020 में उसने अपनी मर्जी से इस्लाम कबूल किया था और शाहिद के साथ उसका संबंध पांच साल पुराना है.
संजीव वर्मा / हिंदुस्तान टाइम्स

कश्मीर में सिख समुदाय के कुछ लोगों का आरोप है कि सिख लड़कियों का जबरन धर्मांतरण कर उन्हें मुसलमान लड़कों से शादी के लिए मजबूर किया जा रहा है. गौरतलब है कि पिछले सप्ताह सिख समुदाय की लड़कियों के कथित जबरन धर्म परिवर्तन और फिर जबरन शादी की बात सामने आई थी. इस मामले को लेकर कुछ सिख संगठनों ने जम्मू-कश्मीर और दिल्ली में प्रदर्शन किए और जबरन विवाह कराई गई लड़कियों को उनके घरवालों को वापस सौंपे जाने की मांग की.

इस विवाद के केंद्र में 18 साल की युवती है. 26 जून को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 64 के तहत मजिस्ट्रेट को दिए उसके बयान से लड़की के अपने माता-पिता और 29 वर्षीय शाहिद नजीर भट्ट से संबंधों के बारे में नई जानकारियां सामने आई हैं. कारवां के पास उपलब्ध उस बयान से पता चलता है कि युवती ने 16-17 साल की उम्र में 2020 में इस्लाम कबूल कर लिया था और शाहिद के साथ उसका संबंध पांच साल पुराना है, जब वह 13 साल की थी. भट्ट ने युवती के साथ संबंधों को माना है लेकिन शारीरिक संबंध होने की बात से इनकार किया है. बयान में युवती ने कहा है कि वह शाहिद के साथ अपना वैवाहिक संबंध जारी रखना चाहती है और उसके साथ रहना चाहती है. उसने अपने परिजनों पर प्रतारणा, मारपीट और जान से मार देने की धमकी देने का आरोप लगाया है. युवती को वापस लाने के एक-दो दिन बाद ही उसकी शादी एक सिख लड़के से कर दी गई.

युवती ने 5 जून 2021 को शाहिद से इस्लामिक रीतिरिवाज से शादी कर ली थी. 21 जून को युवती के पिता की शिकायत पर शाहिद को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. युवती ने पिता की शिकायत को “झूठ और धोखाधड़ी” बताया है और कहा है कि उसने शाहिद से विवाह अपनी मर्जी से किया है. युवती ने बयान में परिजनों पर “बार बार मारने पीटने और मर्जी के खिलाफ पुनः धर्मांतरण कर शादी कर देने का आरोप लगाया है.”

यह मामला कई कारणों से पेचीदा है. जैसे, लड़की जब छोटी ही थी तो भट्ट के साथ उसका प्रेम हो गया, नाबालिग रहते हुए उसने इस्लाम धर्म कबूला और बालिग होकर विवाहसूत्र से बंध गई और मां-बाप का घर छोड़ दिया.

गौरतलब है कि भट्ट को 3 जुलाई को जेल से रिहा कर दिया गया है. हमने 8 जुलाई को उससे बात की तो उसने भी वही बताया जो युवती ने मजिस्ट्रेट को दिए अपने बयान में बताया है. भट्ट का कहना है कि दोनों के संबंधों के बारे में गलत प्रचार किया जा रहा है और युवती ने खुशी-खुशी इस्लाम कबूल किया था क्योंकि वह निकाह करना चाहती थी.

शाहिद तांत्रे कारवां के मल्टी मीडिया रिपोर्टर हैं.

प्रभजीत सिंह स्वतंत्र पत्रकार हैं.

Keywords: conversion Jammu and Kashmir Sikhs Sikhism
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