पंजाब के मालेरकोटला में सीएए के खिलाफ सड़कों पर उतरे लाखों लोग

21 फ़रवरी 2020
16 फरवरी को पंजाब के मालेरकोटला तहसील की दाना मंडी में नागरिकता संशोधन कानून, 2019 और प्रस्तावित एनआरसी व एनपीआर के खिलाफ बड़ा प्रदर्शन हुआ. रैली को राज्य के 14 जन संगठनों ने संयुक्त रूप से आयोजित किया था.
शिव इंदर सिंह
16 फरवरी को पंजाब के मालेरकोटला तहसील की दाना मंडी में नागरिकता संशोधन कानून, 2019 और प्रस्तावित एनआरसी व एनपीआर के खिलाफ बड़ा प्रदर्शन हुआ. रैली को राज्य के 14 जन संगठनों ने संयुक्त रूप से आयोजित किया था.
शिव इंदर सिंह

16 फरवरी को पंजाब के संगरूर जिले की मालेरकोटला तहसील की दाना मंडी में नागरिकता संशोधन कानून, 2019 और प्रस्तावित एनआरसी व एनपीआर के खिलाफ राज्य के 14 जन संगठनों ने संयुक्त रूप से रैली आयोजित की. रैली में हजारों की संख्या में महिलाओं, छात्रों, नौजवानों, किसानों और खेत मजदूरों ने भाग लिया. लोग जोशीले नारों वाली तख्तियां हाथों में थामे हुए थे. वहां मौजूद एक किसान की तख्ती पर लिखा था, “भाई-भाई नूं लड़न नहीं देणा, सन 47 बणन नहीं देणा” (भाई-भाई को लड़ने नहीं देंगे, सन 47 बनने नहीं देंगे.) एक अन्य नौजवान के प्लेकार्ड पर लिखा था, “जरूरतमंद विद्यार्थी को किताब दान करो, विद्यार्थी का नाम : अमित शाह, किताब : भारत का संविधान”. लोग जोरों से नारे लगा रहे थे, “हिंदू-मुस्लिम-सिख-ईसाई, आपस में सब भाई-भाई”. शामिल होने आए लोगों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. वक्ताओं के जोशीले भाषणों को श्रोताओं की तालियों का समर्थन मिलता रहा. रैली में शामिल लोगों ने केंद्र सरकार द्वारा देश में सांप्रदायिक विभाजन कराने और अंधराष्ट्रवाद के जरिए लोगों को धर्म के नाम पर लड़वाने की निंदा की.

इस रैली के मुख्य वक्ता थे मानव अधिकार कार्यकर्ता और लेखक हर्ष मंदर. मंदर ने लोगों से अपील की, “जब अधिकारी आपके दरवाजे पर नागरिकता के दस्तावेज देखने आएं, आप न दिखाएं. मैं भी अपने कागज नहीं दिखाऊंगा और खुद को मुसलमान बताऊंगा, फिर चाहे मुझे डिटेंशन सेंटर में ही क्यों न भेज दिया जाए.” मंदर ने मौजूद लोगों से कहा, “आप ‘हिंदू-मुस्लिम-सिख-ईसाई, आपस में हैं बहन-भाई’ का नारा लगाओ क्योंकि इस आंदोलन की अगुवाई बहनें कर रही हैं. महिलाओं की भूमिका को हम कम करके नहीं आंक सकते.”

मंदर ने कहा कि सीएए-एनआरसी के खिलाफ लड़ाई मोहब्बत, इंसानियत और बराबरी की लड़ाई है और इसमें पंजाब के लोग बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं. अपने संबोधन में मंदर ने पंजाब के किसानों द्वारा शाहीन बाग के संघर्ष के साथ दिखाई एकजुटता को भी याद किया.

पिछले कई दिनों से मुस्लिम बहुल मालेरकोटला सीएए विरोधी प्रदर्शनों का केंद्र बना हुआ है. मालेरकोटला में सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ 9 जनवरी से लगातार आंदोलन जारी है. इस आंदोलन की शुरुआत 72 सामाजिक और धार्मिक संगठनों की संयुक्त एक्शन कमेटी ने की थी. पिछले दिनों यहां कई बड़ी सभाएं हुई हैं. इनमें छात्रों-नौजवानों और औरतों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया. 16 फरवरी की रैली की अगुवाई भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां), भारतीय किसान यूनियन (एकता ढकौंदा), नौजवान भारत सभा (ललकार), किसान संघर्ष कमेटी, पंजाब खेत-मजदूर यूनियन, पंजाब स्टूडेंट यूनियन (ललकार), इंकलाबी नौजवान विद्यार्थी मंच, पंजाब स्टूडेंट यूनियन (शहीद रंधावा), टैक्सटाइल हौजरी कामगार यूनियन, इंकलाबी मजदूर केंद्र, मोल्डर एंड स्टील वर्कर्स यूनियन, कारखाना मजदूर यूनियन, टीएसयू और नौजवान भारत सभा ने की.

इस अवसर पर पंजाब खेत-मजदूर यूनियन के लक्ष्मण सिंह सेवेवाला ने कहा, “पंजाब के लोग बीजेपी की फासीवादी व हिंदुत्ववादी नीतियों को लागू नहीं होने देंगे. हम अपनी मुहिम को जारी रखेंगे. 24 से 29 फरवरी तक पंजाब भर में विरोध सप्ताह मनाया जाएगा.” सेवेवाला ने पंजाब सरकार को भी चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उसने राज्य में एनपीआर लागू करने की कोशिश की, तो उसे लोगों के विरोध का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा.

शिव इंदर सिंह स्वतंत्र पत्रकार और पंजाबी वेबसाइट सूही सवेर के मुख्य संपादक हैं.

Keywords: CAA NRC Punjabiyat Bhagat Singh Jamia Millia Islamia Harsh Mander
कमेंट