वरिष्ठ कांग्रेस नेता, तीन बार के विधायक और पूर्व सांसद सुनील सुनील जाखड़ 2017 से 2021 के बीच पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे. 2021 में पंजाब कांग्रेस में हुई राजनीतिक उथल-पुथल के बीच आलाकमान ने जाखड़ को पद से हटा कर पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू को अध्यक्ष बना दिया. जब 2021 के अंत में सिद्धू और तत्कालीन मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के बीच तनाव बढ़ने के बाद अमरिंदर सिंह पार्टी से बाहर हो गए. सुनील जाखड़ मुख्यमंत्री पद के मुख्य दावेदारों में से थे. कांग्रेस विधायकों में से अस्सी प्रतिशत से अधिक सिख विधायकों का वोट पाने के बावजूद गैर-सिख सुनील जाखड़ को अमरिंदर का उत्तराधिकारी नहीं चुना गया और आलाकमान ने चरणजीत सिंह चन्नी को चुन लिया.
पंजाब विधानसभा चुनाव के दरमियान सुनील जाखड़ ने सक्रिय राजनीति छोड़ने की घोषणा की. हालांकि, उन्होंने इन अफवाहों को खारिज कर दिया कि वह कांग्रेस पार्टी छोड़ रहे हैं. उन्होंने करवां की जतिंदर कौर तुड़ को बताया कि "मैं कांग्रेस के साथ हूं." सुनील जाखड़ के मुताबिक कांग्रेस के अलावा, दौड़ में हर दल भारतीय जनता पार्टी के लिए स्टैंड-इन है. उन्होंने कहा, "अगर लोग कांग्रेस को वोट नहीं देंगे तो सारे वोट बीजेपी के पक्ष में जाएंगे."
जतिंदर कौर तुड़ : क्या आप राजनीति छोड़ रहे हैं?
सुनील जाखड़ : मैं मुख्यमंत्री पद की दौड़ में नहीं हूं और न ही कभी था. विधायक या पीपीसीसी अध्यक्ष नहीं होने के बावजूद मुझे कांग्रेस विधायकों के 42 वोट मिले, जो मुझे मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे. यही समर्थन मेरी असली कमाई है और मैं इससे खुश हूं. मैं अब चुनावी राजनीति का हिस्सा नहीं हूं लेकिन कांग्रेस का हिस्सा बना रहूंगा.
जतिंदर कौर तुड़ : इन विधानसभा चुनावों में पंजाब के लिए क्या सही विकल्प है? विभिन्न विचारधाराओं वाली पार्टियों की संख्या और मुफ्त उपहारों की घोषणाओं को देखते हुए चुनाव में इसका क्या असर होता दिख रहा है.
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