"हिंदी हिंदू हिंदुस्तान के एजेंडे के तहत हटाया 370", तमिल सांसद थिरुमावलवन

04 सितंबर 2019

थोल थिरुमावलवन, तमिलनाडु की राजनीतिक पार्टी विड़ूदलाई चिरुतैगल कच्ची (वीसीके) के अध्यक्ष हैं और राज्य की चिदंबरम निर्वाचन क्षेत्र के सांसद हैं. 1990 के दशक में वह दलित नेता के रूप में लोकप्रिय हुए. वे 2019 में दूसरी बार सांसद चुने गए. उनकी पार्टी वर्तमान में द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (द्रमुक) के साथ गठबंधन में है. चुनावी राजनीति में शामिल होने से पहले, वे दलित पैंथर इय्यक्कम या दलित पैंथर आंदोलन के नेता थे, जो बाद में वीसीके में बदल गया.

कारवां के एडिटोरियल इंटर्न श्रीराग पीएस के साथ बातचीत में थिरुमावलवन ने कश्मीर में सरकार के हालिया कदमों और भारत के संघीय ढांचे को खत्म करने के खतरों पर चर्चा की. उन्होंने कहा, “हिंदू हिंदी हिंदुस्तान, बीजेपी केवल इस एजेंडे पर काम कर रही है. राष्ट्रवाद का मतलब देश की बहुलता को नष्ट करना नहीं होता."

श्रीराग पीएस: आप जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को प्रभावी रूप से निष्क्रिय करने के सरकार के हालिया फैसले काे कैसे देखते हैं?

थोल थिरुमावलवन: हमारी पार्टी इसके विरोध में खड़ी है. वे इसे संसद के संज्ञान में भी नहीं लाए. वे इसे लेकर आए और तुरंत इस विषय पर चर्चा शुरू कर दी. यह निरंकुश, अलोकतांत्रिक और पूरी तरह से असंवैधानिक है. हमारे पास कश्मीर को भारत में शामिल होने के लिए मजबूर करने की कोई शक्ति नहीं है - इसका मतलब है कि हमारे पास अपनी विशेष स्थिति को खोने के लिए कहने की कोई शक्ति नहीं है, न ही हमारे पास अनुच्छेद (370) को भंग करने या संशोधित करने की शक्ति है. यह वास्तव में एक ऐतिहासिक विश्वासघात है जो न केवल कश्मीर के लोगों के साथ हुआ बल्कि यह पूरी तरह से संविधान के खिलाफ है. यह आरएसएस और संघ परिवार के सभी संगठनों का एजेंडा है. अब लोकसभा और राज्यसभा में भी उनकी ताकत है इसलिए उन्होंने विपक्षी दलों की भावनाओं और आकांक्षाओं पर गौर किए बिना ऐसा किया. मैं इसका विरोध करता हूं.

हम तमिलनाडु में डीएमके गठबंधन का हिस्सा हैं, इसलिए 10 अगस्त को, हमने डीएमके के सभी सहयोगी दलों के साथ बैठक की और कश्मीर मुद्दे को लेकर सरकार के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया. हमारी पार्टी वीसीके की ओर से हम इस मुद्दे पर मोदी सरकार के खिलाफ एक प्रदर्शन का आयोजन करने जा रहे हैं. अमित शाह कहते हैं कि हमने अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए को निरस्त कर दिया है इसलिए कोई भी जम्मू-कश्मीर जाकर जमीन खरीद सकता है. यह क्या है? आप सभी के लिए द्वार क्यों खोल रहे हैं?

श्रीराग पीएस स्वतंत्र पत्रकार हैं.

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