मोदी के इशारे पर पोशाक देखकर लोगों को गिरफ्तार करती पुलिस

24 दिसंबर 2019

दिसंबर के मध्य में मुझे न्यू यॉर्क से आए कुछ दिन ही हुए थे. मैं कोलंबिया विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में मास्टर्स कर लौटी हूं. मेरे आने के तुरंत बाद, नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देश भर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए. इस कानून में धर्म के आधार पर नागरिकता देने का प्रावधान है लेकिन मुसलमानों को इसका फायदा नहीं मिलेगा. 15 दिसंबर को दिल्ली पुलिस ने जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी में घुस कर निर्दोष छात्र-छात्राओं पर बेरहमी से हमला किया. हमले में कई छात्र घायल हुए और एक छात्र तो एक आंख में अंधा ही हो गया.

लेकिन देश भर में प्रदर्शनकारी दहाड़ते हुए सड़कों पर उतर आए. यह तो बस शुरुआत थी.

19 दिसंबर की सुबह, मैंने मंडी हाउस जाने के लिए मेट्रो ली. उस दिन वहां विरोध रैली बुलाई गई थी. मेरे बैग में कैमरा, पानी की बोतल और जामिया की तरह के आंसू गैस के हमले के खतरे को देखते हुए एक तैराकी वाला चश्मा था. मुझे पता चला कि विरोध के मद्देनजर मंडी हाउस मेट्रो स्टेशन को बंद कर दिया गया है. उस दिन कम से कम 17 मेट्रो स्टेशनों को अस्थाई रूप से बंद कर दिया गया था. राजधानी के कई हिस्सों में एसएमएस और इंटरनेट सेवा भी रोक दी गई थी. मैं मंडी हाउस से पहले, जनपथ मेट्रो स्टेशन पर उतर गई.

बाहर आकर मैंने देखा कि 500 के आसपास लोग रैली निकालते हुए जंतर-मंतर की ओर कूच कर रहे हैं. मंडी हाउस से आरंभ होकर जो रैली कहीं और जाने वाली थी, उसे जंतर-मंतर की ओर मोड़ दिया गया. दिल्ली पुलिस ने मंडी हाउस और लाल किला में धारा 144 लगा दी थी जिसके तहत इन स्थानों में पांच से अधिक लोग एक साथ नहीं रह सकते. जल्द ही ऐसी खबरें आने लगीं कि लोगों को हिरासत में लिया जा रहा है.

मैं और मेरा एक दोस्त जनपथ से मंडी हाउस के लिए निकले. वहां दर्जनों की तादाद में पुलिस और सुरक्षाकर्मी मौजूद थे. वहां कई सारी बसें, हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारियों को ले जाने के लिए खड़ी थीं. पुलिसवालों को राइफल, डंडे और बुलेटप्रूफ जैकिटों में देखना डरावना एहसास था.

अंजली नायर स्वतंत्र पत्रकार हैं.

Keywords: Citizenship (Amendment) Act NRC CAA
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