“जो न बोले जय श्री राम” के निर्माता ने गीत के लेखक को बताया ‘देशभक्त’

यूट्यूब पर अपलोड किए गए एक नए गीत के वीडियो के स्क्रीनशॉट. गीत के बोल प्रमुखता से हिंसक और भड़काऊ हैं.
25 July, 2019

भगवाधारी सब पर भारी, चले हैं अपना सीना तान.
जो न बोले जय श्री राम, भेज दो उसको कब्रिस्तान.
जितने भी हैं अब राम विरोधी, उनको अब दफनाएंगे.
पूरे हिंदुस्तान के अंदर, राम-राज फिर लाएंगे.

उपरोक्त पंक्तियां हैं उस गीत की जिसे 23 जुलाई को यूट्यूब के “वरुण बहार ऑफिशियल चैनल” पर अपलोड किया गया. तीन मिनट के इस गीत को नाम दिया है, “जो न बोले जय श्री राम, भेज दो उसको कब्रिस्तान”. इस गीत को गाने वाले हैं भोजपुरी गायक वरुण बहार उपाध्याय. गीत के वीडियो में गायक बहार, भगवा वस्त्र में और दोनों हाथों में रुद्राक्ष की माला लपेटे झूम रहे हैं. शिवभक्त रुद्राक्ष पहनते हैं. वरुण बहार के पीछे भगवान राम का बड़ा पोस्टर है. वीडियो में बार-बार उग्र चेहरे के साथ तलवार लिए लोगों की तस्वीर आती-जाती है और भगवा कपड़ों में लड़के और लड़कियां नाच रहे हैं. बीच-बीच में कब्रिस्तान का दृश्य दिखाया जाता है और उन कब्रों में ईसाई प्रतीक क्रॉस गड़े हैं. इस वीडियो का साथ हैशटैग भी हैं जो चित्रों की तरह नीरस हैं- “#saffron#terrorist#varun. वीडियो के नीचे हिन्दी में एक घोषणा है- “गीत को गाने के बाद मीडिया ने वरुण बहार को ‘भगवा आतंकवादी’ घोषित कर दिया.” गूगल में सर्च करने पर ऐसी कोई खबर नहीं मिलती.

इस गीत को सोशल मीडिया में बहुत शेयर किया गया. लोगों ने इस गीत को भड़काऊ और अल्पसंख्यकों के खिलाफ लिंचिंग और भीड़ की हिंसा भड़काने वाला बताया है. यह आलोचना गलत नहीं है. 24 जुलाई की शाम छह बजे तक बहार के यूट्यूब चैनल के कुल 549 सब्सक्राइबर थे. यह चैनल 2013 से चल रहा है और इसका सबसे नवीनतम गीत एक साल पुराना है. इस चैनल में भक्ती, रोमांस और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के समर्थन वाले गीत और ऐसी राजनीतिक सामग्री है जिसे उत्तेजित करने वाली कह सकते हैं.

24 जुलाई की सुबह से ही बहार का मोबाइल बंद है और मेरा गीत के लेखक बहार के साथ इस चैनल को चलाने वाले संतोष सिंह यादू से संपर्क नहीं हो पाया. यूट्यूब पर जनता म्यूजिकल एंड पिक्चर नाम का चैनल चलाने वाले राजेश वर्मा ने बताया कि “इस वीडियो का निर्माण और निर्देशन उनके चैनल ने ही किया है.” वर्मा ने बताया कि “दो-तीन दिन पहले इस वीडियो को उन्होंने अपने चैनल पर अपलोड किया था लेकिन इसके विवादित बन जाने के बाद चैनल ने हटा दिया.” वर्मा ने बताया, “कुछ पाकिस्तानी चैनलों और स्थानीय लोगों ने उनसे संपर्क कर कहा कि उन्हें कब्र में भेजने की बात कहना गलत है और इसलिए हमने इस वीडियो को हटा लिया.”

वर्मा नहीं मानते कि यह गीत भड़काऊ है. वह कहते हैं कि गायक ने किसी धर्म का नाम नहीं लिया. उनका कहना था, “कब्रों में हिंदू और मुसलमान दोनों को दफनाया जाता है.” जब मैंने उनसे कहा कि हिंदुओं में दाह संस्कार की प्रथा है और इसलिए यह गीत उन अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ जाता है जिन्हें उनकी धार्मिक मान्यता के तहत दफ्न किया जाता है तो वर्मा ने दावा किया कि “केवल विवाहित हिंदुओं को ही जलाया जाता है, अविवाहित हिंदुओं को कब्रों में दफनाया जाता है.” ऐसा कहने वाले वर्मा शायद भूल गए कि आजीवन अविवाहित रहे, भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, का पिछले साल पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ दाह संस्कार किया गया था. वर्मा ने दावा किया, “मैं मुस्लिम विरोधी नहीं हूं. मैं हर बृहस्पतिवार को दरगाह जाता हूं और जब भी किसी मस्जिद के सामने से गुजरता हूं तो अपना सिर झुका लेता हूं.”

वर्मा के जनता म्यूजिकल चैनल ने इस साल 24 जून तक 598 वीडियो जारी किए हैं. वीडियो के एक गीत का शीर्षक है, “यदि भगवा पसंद नहीं है, भारत छोड़ दो.” इस गीत के वीडियो को 55 लाख बार देखा गया है. एक अन्य गीत का नाम है, “हर हिंदू की यही पुकार, मंदिर पहले फिर सरकार”. इसे 2 लाख 52 हजार लोगों ने देखा है. इन सभी गीतों की खासियत है कि इसमें उग्र शक्ल चेहरे वाले लोग हैं जो भगवा पहने और हाथों में तलवार लिए हुए हैं और बहुसंख्यकवाद पर इनका जोर है. इस चैनल में मोदी और बीजेपी के समर्थन में कई वीडियो है.

वर्मा बताते हैं, “बहार और यादू इस गीत का आइडिया लेकर मेरे पास आए थे”. वर्मा ने बताया कि बहार अयोध्या के पास मानकपुर गांव के रहने वाले हैं. वर्मा ने कबूल किया कि वीडियो को अपलोड करने से पहले उन्होंने गीत की भड़काऊ लाइनों को सुना था जिसमें हिंसा की वकालत है. उन्होंने बताया, “कुछ लोग कह रहे हैं कि वे राम मंदिर नहीं बनने देंगे. हम लोग राम के भक्त हैं इसलिए हमने राम की प्रशंसा में यह गीत बनाया है”.

वर्मा हैरान हैं कि इस गीत को अपने चैनल में रखने के लिए उनकी आलोचना की जा रही है. “अगर यह किसी को आहत करने की बात होती तो हम भला इसे अपलोड ही क्यों करते?” जब मैंने उनसे पूछा कि इस वीडियो में किसे निशाना बनाया गया है तो उनका जवाब था, “इस गीत के लेखक देशप्रेमी हैं और हो सकता है कि जब वह यह गाना लिख रहे थे तब उनके दिमाग में पथराव करने वाले कश्मीरी आ रहे थे.” साथ ही वर्मा ने किसी राजनीतिक पार्टी या समूह से जुड़े होने की बात से भी इनकार कर दिया और खुद को स्वतंत्र संगीत निर्माता बताया. जनता म्यूजिकल ने अपने ट्विटर एकाउंट में 30 जुलाई को माफी मांगते हुए लिखा है, “हमें खेद है कि एक गायक के गीत के चलते अफवाहें फैलाई जा रही हैं. जनता म्यूजिकल का इरादा किसी भी समूह की धार्मिक भावनाओं को आहत करना नहीं है.”

वर्मा ने दावा किया कि अपलोड करने के तुरंत बाद वीडियो को चैनल से हटा दिया था. लेकिन 24 जुलाई की शाम छह बजे तक “वरुण बहार ऑफिशियल” नाम के यूट्यूब चैनल पर यह वीडियो देखा जा सकता था. इसे बाद में हटा लिया गया लेकिन अन्य सोशल मीडिया में यह अब भी व्यापक तौर पर शेयर किया जा रहा है. ऐसा लगता है कि इस गीत के गायक और लेखक को किसी भी तरह का पछतावा नहीं है. 24 जुलाई को दोपहर तीन बजे, वीडियो हटाए जाने के कुछ घंटे पहले, बहार और यादू ने आधिकारिक अकाउंट पर एक वक्तव्य जारी किया :

जब भगवान राम को आप लोग इतना पवित्र मानते हैं तो बोलिए न “जय श्री राम” क्यों नही बोलते? इसमें न हिन्दू, न ही मुस्लिम शब्द का प्रयोग हुआ है (और) केवल राम विरोधियों की बात की गई है. क्या आप लोग राम विरोधी हैं? वैसे राम का अर्थ शांति है. राम एक ऐसा व्यापक शब्द है जिसकी व्याख्या सम्भव ही नहीं है. केवल राम व राम राज्य का मतलब इतना ही जानिए, जहां धर्म, मर्यादा, सुख समृद्धि, विकास, देश रक्षा, स्त्रियों का सम्मान, गौ-ब्राह्मण रक्षा हो और जहां चोरी, बेईमानी, अत्याचार, अनीति, असंवैधानिक कृत्य न हो, वह राम राज्य है और जो राम राज्य व राम के विरोधी हैं वे देश-समाज के दुश्मन है.


Tushar Dhara is a reporting fellow with The Caravan. He has previously worked with Bloomberg News, Indian Express and Firstpost and as a mazdoor with the Mazdoor Kisan Shakti Sangathan in Rajasthan.