खिलाड़ी : हिंदुत्व का चहेता चेहरा अक्षय कुमार

हिंदुत्व का चहेता चेहरा अक्षय कुमार

15 मार्च 2021
अक्षय कुमार की शुरुआत मारधाड़ करने वाले ऐक्शन हीरो के रूप में हुई, फिर उन्होंने एक कुशल हास्य अभिनेता की भूमिकाएं निभाईं और अब उम्र के पांचवें दशक में प्रवेश करने के साथ उनकी मिस्टर इंडिया यानी एक जागरुक राष्ट्रवादी हीरो की छवि दिखाई दे रही है.
आलोक सोनी / हिंदुस्तान टाइम्स
अक्षय कुमार की शुरुआत मारधाड़ करने वाले ऐक्शन हीरो के रूप में हुई, फिर उन्होंने एक कुशल हास्य अभिनेता की भूमिकाएं निभाईं और अब उम्र के पांचवें दशक में प्रवेश करने के साथ उनकी मिस्टर इंडिया यानी एक जागरुक राष्ट्रवादी हीरो की छवि दिखाई दे रही है.
आलोक सोनी / हिंदुस्तान टाइम्स

अक्षय कुमार को भारत से प्यार है. वह सचमुच भारत से प्यार करते हैं. ऐसा उन्होंने अपनी फिल्मों में, अपने विज्ञापनों में और अपने ढेर सारे ट्वीट में कहा है.

मार्च 2020 में कोविड-19 महामारी ने देश का सारा कामकाज ठप कर दिया और यही हाल इस अभिनेता का भी हुआ. महाराष्ट्र सरकार ने लोगों से कहना शुरू किया कि वे अपने घरों से बाहर न निकलें लिहाजा अक्षय कुमार की फिल्म सूर्यवंशी के प्रोमोशन का अंतिम दौर रद करना पड़ा. यह फिल्मकार रोहित शेट्टी की सबसे ताजा कृति थी जो पुलिस के जीवन पर आधारित थी और इसे अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करना पड़ा.

लेकिन अभी भी अक्षय कुमार काफी हद तक व्यस्त नजर आ रहे थे क्योंकि पिछले कुछ समय से एक अदाकार के रूप में उनका काम फिल्मों तक ही सीमित नहीं था. कोविड -19 के संकट के दौरान उन्होंने एक जिम्मेदार सुपरस्टार और सोशल मीडिया पर लोगों का मनोबल बढ़ाने के अगुआ के रूप में अपनी भूमिका निभानी शुरू कर दी थी. उनके जितने भी ट्वीटर पोस्ट थे उनमें जोशपूर्ण सामग्री की बाढ़ आ गई थी. नरेन्द्र मोदी ने जैसे ही आपात स्थितियों के लिए प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष की घोषणा की, अक्षय कुमार ने इस घोषणा के चंद मिनटों के अंदर प्रधानमंत्री राहत कोष अथवा पीएम-केयर्स में दान स्वरूप 25 करोड़ रुपए दिए. प्रधानमंत्री ने जब कहा कि पूरे देश को थाली बजाकर स्वास्थ्यकर्मियों के साथ एकजुटता दिखानी चाहिए तो कुमार ने तुरंत एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें वह अपने घर के बाहर खड़े होकर जोर जोर से थाली बजा रहे थे. उन्होंने उम्मीदों से भरा एक गीत अपनी पोस्ट पर लगाया, दिया जलाया, राहत कोष जुटाने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया और लोगों से अपील की कि वे सुरक्षित रहें और घर के अंदर रहें. जून में जब सरकार ने लॉकडाउन के प्रतिबंधों को खत्म करने की इच्छा प्रकट की तो कुमार ने एक जनसेवा विज्ञापन के जरिए लोगों से कहा कि वे चिंता न करें, मास्क पहनें, सुरक्षित रहें और घर से बाहर निकलें लेकिन सावधानीपूर्वक. उस समय ऐसा लगता था कि अगर सरकार के पास कोई संदेश है तो कुमार तुरंत संदेशवाहक का काम कर रहे थे.

दिसंबर 2019 में उन्होंने मीडिया से कहा, “मैं यह सोचने में यकीन नहीं करता कि देश ने आपको क्या दिया है बल्कि इसमें यकीन करता हूं कि आप देश को क्या दे सकते हैं. मिसाल के तौर पर आप किसी क्रिकेट टीम के लिए एक कप्तान का चुनाव करते हो और फिर टीम की जिम्मेदारी हो जाती है कि वह कप्तान की बातों को सुने. नेता का अनुसरण करें चाहे वह किसी भी पार्टी का हो... उसे देश का नेतृत्व करने दीजिए क्योंकि चुना तो आप ही लोगों ने है.”

1991 में बॉलीवुड में अपनी पहली फिल्म के बाद से ही अक्षय कुमार को 120 से भी अधिक फिल्मों में देखा गया जिसमें वह अपने कैरियर के एक दौर से दूसरे दौर में प्रवेश करते चले गए. उनकी शुरुआत मारधाड़ करने वाले ऐक्शन हीरो के रूप में हुई, फिर उन्होंने एक कुशल हास्य अभिनेता की भूमिकाएं निभाईं और अब उम्र के पांचवें दशक में प्रवेश करने के साथ उनकी मिस्टर इंडिया यानी एक जागरुक राष्ट्रवादी हीरो की छवि दिखाई दे रही है.

भाव्या डोरे मुंबई में रहने वाली स्वतंत्र पत्रकार हैं.

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