चक्रवात से पश्चिम बंगाल के तटीय इलाके और नदियों के किनारों में तबाही मच गई. तूफान के दौरान हुई भारी वर्षा से पूरे इलाके में बाढ़ की स्थिति आ गई. हावड़ा जिले के आंदुल की सीतलाताला में पानी भरे रास्ते को पार करती एक महिला.
सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों में से एक, जिला दक्षिण 24 परगना। 23 मई को तूफानी हवाओं से टूटे बिजली के खंबे के बीच उजाड़ पड़ा बक्खाली समुद्र तट.
बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवात, अम्फान के दौरान तूफानी हवाओं को शायद ही कभी रिकॉर्ड किया गया हो. बक्खाली में, 23 मई को एक टूटे हुए मोबाइल-टॉवर के पास एक महिला बेताबी से राहत दलों का इंतजार करती हुई. इस दौरान बिजली और सारी दूरसंचार सेवाएं ठप्प हैं.
21 मई को, चक्रवात के थमने के बाद आंदुल कस्बे की एक ग्रामीण बस्ती, उत्तर हाटगाचा के निवासी अपने घरों से बचा हुआ सामान निकालते हुए. स्थानीय निवासी सुलेना खातून, कस्बे में एनसी पॉल ब्रिज के पास रहती हैं. उनके घर पर एक विशाल पेड़ गिरने से उनका आधे से ज्यादा घर बर्बाद हो गया, उनकी रसोई पूरी तरह से तबाह हो गई। खातून के पड़ोसियों ने उनके टूटे पड़े घर से अनाज और सामान निकालने में मदद की.
23 मई को, दक्षिण 24 परगना में, लगभग पचास किलोमीटर के एक इलाके में, जो बक्खाली से पाथरप्रतिमा तक फैला हुआ है, टूटी हुई इमारतों को देखा जा सकता है. बक्खाली गांव से ठीक पहले, फिफ्थ मील के पास, चक्रवात के चलते तबाह हुए प्राथमिक स्कूल. आंधी ने स्कूल की छप्पर उड़ा दी.
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