बीते 27 नवंबर को लातूर बार असोसिएशन के सदस्यों ने लातूर की जिला अदालत से जिला कलेक्टर के कार्यालय तक एक मार्च निकाला और जज लोया की मौत की जांच कराने संबंधी एक ज्ञापन सौंपा। द कारवां को दिए एक इंटरव्यू में मरहूम जज के बैचमेट, वरिष्ठ अधिवक्ता और बार असोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष उदय गवारे ने याद करते हुए बताया कि सोहराबुद्दीन केस की सुनवाई के दौरान लोया ने उनके समक्ष ''दबाव में होने'' की बात स्वीकारी थी। गवारे कहते हैं कि उस दौर में ''मैंने पहली बार देखा कि बृजमोहनजी इतने ज्यादा तनाव में थे वरना वे आम तौर से खुशमिजाज़ रहते थे।''
मरहूम जज लोया लातूर के निवासी थे। वे वहां बार असोसिएशन के सदस्य रह चुके थे और दस साल वकालत कर चुके थे, जिसके बाद उनकी नियुक्ति जज के रूप में हुई। गवारे ने द कारवां को बताया कि कोर्ट की छुट्टियों के दौरान लोया लातूर आते थे और बार असोसिएशन के अपने पूर्व सहकर्मियों से बात करते थे। गवारे याद करते हैं कि 2014 की दिवाली में लोया जब लातूर आए तब उन्होंने कहा था कि सोहराबुद्दीन केस की सुनवाई में उन पर दबाव पड़ रहा है। गवारे के मुताबिक लोया ने कहा था, ''मैं इस्तीफा देना चाहता हूं। मैं गांव जाकर खेती कर लूंगा, लेकिन मैं गलत फैसला नहीं दूंगा।''
कारवां को जानकारी मिली है कि लोया ने एक और वकील दोस्त से इस मसले पर काफी लंबी बातचीत की थी। उनके उस दोस्त से जब द कारवां ने संपर्क किया तो वे बोले, ''मेरे पास तमाम साक्ष्य यह दिखाने के लिए हैं कि उनके ऊपर दबाव था।'' लेकिन उन्होंने आगे कहा, ''मैं इस बारे में केवल किसी जांच अधिकारी के सामने मुंह खोलूंगा।''
लातूर बार असोसिएशन की आम सभा ने 25 नवंबर को संकल्प पारित किया कि उसने ''एकमत से निर्णय'' लिया है कि लोया की मौत से जुड़ी ''संदिग्ध परिस्थितियों'' में जांच की मांग की जाए। संकल्प में बार असोसिएशन ने जज की मौत की जांच ''सुप्रीम कोर्ट/हाइ कोर्ट के एक स्वतंत्र आयोग'' से करवाने की मांग की है। दो दिन बाद बार के सदस्यों ने जिला कलेक्टर के दफ्तर तक मार्च निकाला और भारत के राष्ट्रपति के नाम संबोधित एक ज्ञापन सौंपा।
बार असोसिएशन के ज्ञापन में कहा गया है कि जज लोया की मौत के ''इर्द-गिर्द मौजूद संदेह'' ''न्यायपालिका के लिए स्वस्थ्स स्थिति नहीं है''। ज्ञापन कहता है कि ''न्यायिक प्रणाली का हिस्सा होने के नाते हम महसूस करते हैं कि प्रासंगिक अवधि में एक जज के बतौर काम करते हुए उनके ऊपर पड़े दबाव और उनकी कथित अप्राकृतिक मौत की पारदर्शी जांच किया जाना अनिवार्य है।''
बार के सदस्यों ने बताया कि एक किलोमीटर लंबी पदयात्रा में बार के कुछ सौ लोगों ने हिस्सा लिया। मरहूम जज की मौत की संदिग्ध परिस्थितियों पर उनके परिवार की चिंताओं को स्वर देने वाली निरंजन टाकले की सिलसिलेवार खोजी रिपोर्टों के द कारवां में प्रकाशन के बाद हुआ निकला मार्च और ज्ञापन कानूनी बिरादरी की ओर से की गई पहली सामूहिक पहल है।
बार असोसिएशन अकेले राष्ट्रपति को ही ज्ञापन नहीं भेज रहा है। असोसिएशन के अध्यक्ष पाटील ने द कारवां को बताया कि ''ज्ञापन की प्रतियां भारत के मुख्य न्यायाधीश, बंबई उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और संसद में विपक्ष के नेता को भी भेजी जाएंगी।'' पाटील ने बताया, ''यदि एक स्वतंत्र जांच नहीं बैठायी गई तो बार आगे की कार्रवाई पर फैसला करेगा। अगर इसका कोई नतीजा नहीं निकला तो हम उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका डाल देंगे।'' गवारे ने भी द कारवां को बताया कि बार असोसिएशन का संकल्प कहता है कि ''एक जांच होनी ही चाहिए...।'' ''हम किसी पर उंगली नहीं उठा रहे हैं।''
लोया के बेटे अनुज की बंबई उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से मुलाकात से संबंधित समाचार- जिसमें उसने कहा है कि उसके पिता की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई और उसे ''न्यायपालिका के उन सदस्यों में पूरी आस्था है जो (लोया) के साथ थे''- के आलोक में लातूर बार असोसिएशन ने 29 नवंबर को प्रतिक्रिया में एक प्रेस वक्तव्य जारी किया। वक्तव्य कहता है कि अनुज ''घटना के वक्त प्रत्यक्ष रूप से मौजूद नहीं था... मौत से जुड़े सवाल अनुत्तरित हैं।'' इसमें कहा गया है कि ''अगर इस मामले में जांच शुरू होती है, तो उनके परिवार को कई किस्म की प्रताड़नाएं झेलनी पड़ सकती हैं। हो सकता है इसी वजह से उसने ऐसा बयान दिया है क्योंकि जांच को रोकने के लिए छाले जा रहे दबाव में वह आ गया है।'' अनुज की चिट्ठी के संबंध में छपी ख़बर पर गवारे ने द कारवां से कहा:
देखिये लोयाजी का बच्चा अनुज अभि तो अकेला है। उस को पूरी उसकी जिंदगी गुज़ारनी है। उसकी माताजी को जिंदगी गुज़ारनी है। क्योंकि उसका छत्र जो था पिताजी का, वह चला गया। और ऐसे हालात में अगर हर दिन, हर कदम को, धोखा होगा, कोइ गुंडे उनके पीछे होंगे, तो यह तो कहने वाला है, कि मेरे पिताजी का कुछ नहीं, छोड दो। मुझे तो जीने दो। ये बात बोल के उसने चीफ जस्टिस को जाकर बात बोली।