"बेगुनाह बच्चों को क्यों मारा जा रहा है?" हैदरपोरा एनकाउंटर पर सवाल उठा रहे परिजन

25 नवंबर 2021
कारवां के लिए शाहिद तांत्रे
कारवां के लिए शाहिद तांत्रे

16 नवंबर को जम्मू और कश्मीर पुलिस ने दावा किया कि उसने एक आतंकवादी हैदर और उसके सहयोगी आमिर अहमद को मुठभेड़ में मार गिराया है. पुलिस के अनुसार, इमारत के मालिक अल्ताफ भट्ट और दांतों के डॉक्टर तथा कारोबारी किराएदार मुदासिर गुल भी सर्च ऑपरेशन के दौरान मारे गए.

पुलिस ने आगे दावा किया कि उसके द्वारा की गई जांच के मुताबिक गुल आतंकवादियों का सहयोगी था. पुलिस ने अहमद, भट्ट और गुल के शवों को उनके परिवारों को लौटाए बिना ही अपने आप कुपवाड़ा जिले में आतंकवादियों के लिए बने एक कब्रिस्तान में दफना दिया. तीनों के परिजनों ने उनके आतंकवादियों के साथ संबंध होने की बात से से इनकार किया है. घाटी में काफी आक्रोश फैलने के बाद भट्ट और गुल के शवों को वापस निकालकर लौटा दिया गया. लेकिन 24 वर्षीय अहमद का शव उसके परिवार को नहीं लौटाया गया. उसका परिवार, जिसमें भारतीय सेना के पूर्व मुखबिर उसके पिता भी शामिल हैं, शव को वापस करने के लिए लगातार गुहार लगा रहे हैं.

18 नवंबर को जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने एक अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट द्वारा सैन्य कार्रवाई की जांच का आदेश दिया. अहमद, भट्ट और गुल के परिवारों ने बताया कि 22 नवंबर तक भी उनसे पूछताछ के लिए किसी ने भी संपर्क नहीं किया है. भारतीय सेना और जम्मू और कश्मीर पुलिस ने कारवां द्वारा भेजे गए प्रश्नों का कोई जवाब नहीं दिया.

शाहिद तांत्रे कारवां के मल्टी मीडिया रिपोर्टर हैं.

Keywords: Jammu and Kashmir Police Jammu and Kashmir Srinagar
कमेंट