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वाराणसी ज़िला अदालत में वकील कैलाश चंद्र वर्मा के लिए 22 अप्रैल, 2025 का दिन भी आम दिनों जैसा ही था. सुबह क़रीब 9 बजे फ़ोन पर बात करते हुए उनके 18 साल के बेटे हेमंत पटेल ने उनसे कहा था, ‘पापा, मैं शाम को घर आ जाऊंगा, आप कोर्ट जाइए.’ कुछ ही घंटे बाद आई हेमंत की मौत की ख़बर के लिए वह बिल्कुल तैयार नहीं थे. गोली मारकर उसकी हत्या कर दी गई थी.
हेमंत वाराणसी के ख़ुशहाल नगर इलाके में स्थित ज्ञानदीप इंग्लिश स्कूल में पढ़ते थे. उन्होंने अभी-अभी 12वीं की परीक्षा दी थी. स्कूल पास में हो, इसलिए वह अपने ताऊ, सी. पी. वर्मा के साथ रह रहे थे. वर्मा सेवानिवृत्त चिकित्सा अधिकारी हैं. मैं इस साल जून में पिता वर्मा से उनके घर पर मिला. वह वाराणसी से लगभग 20 किलोमीटर दूर मरुई गांव में रहते हैं. वकील होने के साथ-साथ वह किसान भी हैं और अपने छोटे भाई के परिवार के साथ पांच कमरों के घर में रहते हैं. जब हम उनके घर के आंगन में बैठे थे, तब उन्होंने नम आंखों से उस दिन की दर्दनाक कहानी सुनाई. ‘मुझे ऐसा लगा जैसे मेरी आत्मा मेरे शरीर से निकल गई हो.’
वर्मा ने बताया कि 22 अप्रैल को दोपहर क़रीब 1.30 बजे हेमंत को स्कूल के सहायक निदेशक और स्कूल के अध्यक्ष राम बहादुर सिंह के बेटे रवि सिंह का फ़ोन आया. राम बहादुर सिंह वाराणसी जिले में बीजेपी के सुशासन प्रकोष्ठ के संयोजक भी हैं. ‘रवि सिंह ने हेमंत को लेकर आने के लिए शशांक सिंह और किशन पटेल को मेरे भाई के घर भेजा.’ वर्मा को नहीं पता था कि वे दोनों लड़के कौन थे या उनकी उससे कोई दुश्मनी थी भी या नहीं. तीनों लड़के स्कूल गए और सीसीटीवी फुटेज में वे और रवि बाद में रवि के घर, जो पास में ही है, के अहाते में घुसते हुए दिखाई दिए. वर्मा ने बताया, ‘वहां, दोपहर क़रीब 2.30 बजे रवि सिंह ने साजिश रच कर, मेरे बेटे को पिस्तौल से गोली मार दी गई.’
जब मैंने उनसे पूछा कि इसकी वजह क्या हो सकती है, तो उन्होंने कहा कि न तो हेमंत और न ही स्कूल प्रशासन ने उन्हें इस बारे में कुछ बताया. ‘अगर हमारे बेटे ने कोई ग़लती की होती, तो वह हमें ज़रूर बताता.’ इसके अलावा, उन्होंने आगे कहा कि स्कूल प्रशासन के पास मेरा फ़ोन नंबर भी था. ‘वे मुझसे बात कर सकते थे. हमें ऐसी कोई जानकारी नहीं थी कि हमारा बेटा कुछ ग़लत कर रहा है.’ हेमंत चौथी कक्षा से ही आठ साल से इस स्कूल में पढ़ रहा था. वर्मा ने बताया, ‘कारण क्या था, यह तो मेरा बेटा ही बता सकता था लेकिन अब वह चला गया है. अगर कोई समस्या भी रही हो, तो आप किसी की जान नहीं ले सकते.’
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