“हम संविधान को बचा रहे हैं”, सीएए के खिलाफ बोले कर्नाटक के छात्र

03 फ़रवरी 2020
पूर्णा स्वामी
पूर्णा स्वामी

नागरिकता (संशोधन) कानून, राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के बाहर भी हुए हैं. दिसंबर 2019 के मध्य से राज्य के मध्य और उत्तरी हिस्सों : हुबली, शिवमोग्गा, सागर, बागलकोट और भटकल जैसे क्षेत्रों में विरोध प्रदर्शन हुए हैं.

उत्तरी कर्नाटक के कलबुर्गी, जिसे 2014 तक गुलबर्गा के नाम से जाना जाता था, में कई विरोध प्रदर्शन हुए. महिलाओं के विरोध प्रदर्शन, राजनीतिक दलों द्वारा समर्थित बड़ी रैलियां, मानव श्रृंखला और कॉलेज परिसरों में छोटी सभाएं भी हुईं. पिछले महीने जब शहर में धारा 144 लागू की गई,  तो लोग नाफरमानी करते हुए सड़कों पर उतर आए.  शहर के एक शख्स ने मुझे बताया, "ऐसा लगता है कि भूख हड़ताल, सत्याग्रह या लोगों के विरोध के बिना एक दिन भी नहीं बीता है."

19 जनवरी 2020 को कलबुर्गी में छात्र संगठनों के संयुक्त मंच यूनाइटेड ब्रदरहुड ने सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ एक छात्र सम्मेलन का आयोजन किया. यह प्रदर्शन नेशनल गर्ल्स कॉलेज के बाहर एक मैदान में आयोजित किया गया. एक बड़े तंबू से मंच के सामने के हिस्से को ढक कर औरतों के लिए अलग से जगह बनाई गई थी.

भाषण, कविता पाठ, कव्वाली, वीडियो की स्क्रीनिंग और सीएए-एनआरसी के बारे में नाटकीय बहस कार्यक्रम में शामिल थे. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और जामिया मिलिया इस्लामिया जैसी संस्थाओं से वक्ताओं और साथ ही स्थानीय शिक्षक, छात्र, कार्यकर्ताओं व मुस्लिम समुदाय के पूर्व सैन्य अधिकारी ने लोगों को संबोधित किया. कई छात्रों ने मुझे बताया कि विरोध प्रदर्शन के अलग-अलग कारण हैं. लेकिन सबका कहना था कि इस वक्त देश भर के छात्रों का सड़कों पर उतरना बेहद जरूरी है.

बेंगलुरु विश्वविद्यालय में भारतीय राजनीति के छात्र सैयद अलीम इलाही सम्मेलन आयोजित करने के लिए पढ़ाई से ब्रेक लेकर पहुंचे थे. उन्होंने बताया, "हम आज ऐसी स्थिति में हैं ​कि अगर हम अभी नहीं बोलेंगे तो मिटा दिए जाएंगे." इलाही को लगता है कि बड़े शहरों के बाहर पढ़ रहे छात्रों को देश भर में जारी विरोध प्रदर्शनों के बारे में शिक्षित करना बहुत जरूरी है. “गुलबर्गा शिक्षा का एक केंद्र है," उन्होंने कहा. “हमारे यहां देश भर के छात्र आते हैं. हालांकि यहां कई रैलियां हुई हैं फिर भी वे हम विद्यार्थियों को इस बारे में शिक्षित नहीं कर रहे हैं कि सीएए क्या है, एनआरसी क्या है?"

पूर्णा स्वामी बेंगलुरु की लेखिका और डांसर हैं.

Keywords: Citizenship (Amendment) Act National Register of Citizens student protest National Population Register Karnataka
कमेंट