उनमें से एक औरत ने कहा, “जब से ये कोरोना हो गया है मैं हॉस्पिटल में डर के मारे जाती नहीं हूं. मुझे पथरी है और अल्ट्रासाउंड कराने के लिए जितने पैसा चाहिए थे वे नहीं है तो मैं ऐसे ही पड़ी हूं.'' एक अन्य औरत ने बताया, “जब से हम यहां हैं अपने मां-बाप के घर जाते नहीं हैं. यहां आ जाने के बाद कैसे जा सकते हैं उनके पास. वे हमसे हजार सवाल करेंगे और मुझे नहीं समझ आता कि मैं जवाब क्या दूंगी. इसलिए हम जाते ही नहीं हैं उनके पास.”
मोहम्मद दाऊद/कारवां
मोहम्मद दाऊद/कारवां
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